पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) खुद इस बात को कह चुके हैं कि देश को 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन (Renewable Energy Production) आत्म निर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को आगामी बजट (Budget 2022) में खास तवज्जों मिलती हुई दिखाई दे सकती है।
बिजनेस डेस्क। हाल ही मोदी कैबिनेट इरेडा में 1500 करोड़ रुपए फंड ऐलोकेट करने का ऐलान किया है। जिसके बाद इरेडा के कर्ज देने की क्षमता में इजाफा हो जाएगा। वास्तव में सरकार रिन्यूएबल एनर्जी पर ज्यादा जोर दे रही है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद इस बात को कह चुके हैं कि देश को 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन आत्म निर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को आगामी बजट में खास तवज्जों मिलती हुई दिखाई दे सकती है। आइए आपको भी इस सेक्टर को बजट में किस तरह की उम्मीदें दिखाई दे रही हैं।
क्लीन एनर्जी पर फोकस
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में रिन्यूएबल एनर्जी पर बड़े ऐलान कर सकती हैं। मोदी सरकार देश में ज्यादा यसे ज्यादा क्लीन एनर्जी का यूज करने पर फोकस कर रही है। लास्ट ईयर एक क्लाइमेट समिट में पीएम मोदी ने कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए महत्वाकांक्षी टारगेट सेट किया था। बजट में फाइनेंस मिनिस्टर रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए एक बड़ी स्कीम का ऐलान कर सकती हैं।
किस तरह के हो सकते हैं ऐलान
- एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट्स से जुड़ी कंपनियों के लिए वायबिलिटी-गैप फंडिंग या ग्रांट का ऐलान बजट में हो सकता है।
- ऑफशोर विंड पावर प्लांट्स कंपनियों के लिए भी इनसेंटिव की घोषणा कर सकती है।
- नॉर्थ ईस्ट इलाके में हाइड्रोपावर पोजेक्ट्स शुरू करने के लिए बड़ी संभावनाएं हैं।
- नए ट्रांसमिशन पॉवर लाइन के लिए भी बड़े फंड का प्रस्ताव बजट में आ सकता है।
18000 करोड़ की पीएलआई का होगा ऐलान
सरकार ईवी के लिए बैटर स्वैपिंग की इंफ्रा से संबंधित सुविधाएं बढ़ाने के लिए इनसेंटिव का ऐलान भी कर सकती हैं। पिछले साल सरकार ने बैटरी मैन्युफैक्चरर्स के लिए 18,100 करोड़ रुपए की पीएलआई ऐलान किया था। सरकार के अनुसार इससे इससे बैटरी का डॉमेस्टिक प्रोडक्शन बढ़ेगा। इंपोर्ट पर निर्भरता कम हो जाएगी। वहीं देश में ईवी का इस्तेमाल बढ़ाने में मदद मिलेगी।
500 गीगावॉट की क्षमता का टारगेट
नवंबर 2021 में आयोजित हुए क्लाइमेट समिट में पीएम मोदी ने कहा था कि साल 2030 तक देश कुल बिजली का आधा हिस्सा क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी से आएगा। वहीं उन्होंने कहा था कि देश में मौजूद रिन्यूएबल एनर्जी की कैपेसिटी को बढ़ाकर 500 गीगावाट की जाएगी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा के अनुसार टारगेट को पूरा करने के लिए अगलेसाठ सालों तक हर साल औसतन 42 गीगावॉट का इजाफा करना होगा। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकारों की ओर से प्रोपर सपोर्ट ना मिलने के कारण रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी बढ़ाने में सरकार पिछड़ती दिख रही है। अगर स्टेट भी इस कैपेसिटी को बढ़ाने पर फोकस करें तो सरकार के टारगेट को हासिल करना आसान हो जाएगा।
क्रूड ऑयल का खर्चा हो जाएगा कम
वहीं केंद्र मोदी सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक व्हीकल का यूज बढ़ने से पेट्रोल-डीजल की कंजप्शन में कमी देखने को मिलेगी। जिससे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट बिल में कमी आएगी और देश का राजकोषीय घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। इंडिया अपनी जरूरत के 80 फीसदी पेट्रोलियम का इंपोर्ट करता है। मौजूदा समय में क्रूड ऑयल के दाम 7 साल के हाई पर हैं। ऐसे में ज्यादा आयात का मतलब है कि इंपोर्ट बिल में इजाफा होना।साथ ही पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल पॉल्यूशन भी बढ़ाता है।