असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBTD) ने नया इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिया है।
बिजनेस डेस्क। असेसमेंट ईयर 2021-22 के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBTD) ने नया इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी कर दिया है। टैक्सपेयर्स के लिए यह जानना जरूरी है कि उन्हें कौन-सा फॉर्म भरना है। सीबीडीटी ने कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) को देखते हुए जारी किए गए नए फॉर्म में कोई खास बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि आयकर कानून की धारा 1961 में संशोधन की वजह से आईटीआर से लेकर आईटीआर-7 फॉर्म में सिर्फ जरूरी बदलाव ही किए गए हैं। इसके अलावा, फॉर्म भरने के तरीके में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। नया आईटीआर फॉर्म https://egazette.nic.in/WriteReadData/2021/226336.pdf लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है।
किसके लिए कौन-सा फॉर्म
इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म-1 और फॉर्म 4 सबसे आसान हैं। इनका इस्तेमाल छोटे और मझोले करदाता करते हैं। सालाना 50 लाख रुपए तक की इनकम वाले टैक्सपेयर्स सहज यानी फॉर्म-1 का इस्तेमाल कर आईटीआर दाखिल करते हैं। साथ ही सिर्फ वेतन, एक घर या ब्याज से आय पाने वाले करदाता भी सहज फॉर्म से आईटीआर फाइल करते हैं। वहीं, आईटीआर दाखिल करने के लिए सुगम यानी फॉर्म-4 का इस्तेमाल 50 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी वाले हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और फर्म करती हैं। साथ ही, कारोबार या किसी प्रोफेशन से आय हासिल करने वाले लोग भी इसी फॉर्म के जरिए आईटीआर भरते हैं।
आईटीआर फॉर्म-7
कारोबार या प्रोफेशन से आय हासिल नहीं करने वाले व्यक्तिगत करदाता या हिंदू अविभाजित परिवार आईटीआर-2 व आईटीआर-3 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। व्यक्तिगत करदाता, हिंदू अविभाजित परिवार और कंपनियों के अलावा पार्टनरशिप फर्म, एलएलपी आईटीआर-5 फॉर्म भर सकते हैं। कंपनियां आईटीआर फॉर्म-6 भर सकती हैं। आयकर अधिनियम के तहत छूट का दावा करने वाले ट्रस्ट, राजनीतिक पार्टियां और चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन आईटीआर फॉर्म-7 के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकती हैं।
खाड़ी देशों में काम करने वालों को मिलती रहेगी छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि खाड़ी देशों में काम करने वाले भारतीय कामगारों को उनकी सैलरी की आय पर टैक्स में छूट मिलती रहेगी। वित्त कानून-2021 के जरिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और कतर में काम करने वाले भारतीय वर्कर्स के मामले मे कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया है।