आंकड़ों के अनुसार ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप पिछले 24 घंटों में लगभग 16 फीसदी गिरकर 1.19 ट्रिलियन हो गया है। बिटकॉइन मौजूदा समय में 69,000 डॉलर के अपने ऑलटाइम से 60 फीसदी से अधिक कम हो गया है।
बिजनेस डेस्क। क्रिप्टोकरेंसी मार्केट गुरुवार को पूरी तरह से क्रैश हो गया है। जिसकी वजह से बिटकॉइन के दाम जनवरी 2021 के बाद से अपने लोएस्ट लेवल पर आ गया है। दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 12 फीसदी तक गिरकर 27,500 हो गई। आंकड़ों के अनुसार ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप पिछले 24 घंटों में लगभग 16 फीसदी गिरकर 1.19 ट्रिलियन हो गया है। बिटकॉइन मौजूदा समय में 69,000 डॉलर के अपने ऑलटाइम से 60 फीसदी से अधिक कम हो गया है।
क्यों क्रैश हुआ मार्केट
मुड्रेक्स के सह-संस्थापक और सीईओ एडुल पटेल ने कहा कि बिटकॉइन गिरकर 27,500 डॉलर हो गया, जो कि टेरायूएसडी के ढहने के बाद पिछले दो वर्षों में सबसे कम है। स्टेबल कॉइन यूएसटी के पतन ने क्रिप्टो बाजार को काफी हद तक प्रभावित किया है क्योंकि अधिकांश निवेशकों और संस्थानों ने इसमें निवेश किया है। हालांकि बीटीसी के पहले भी कई क्रैश हुए थे, लेकिन इसने तुरंत रिबाउंड किया। इस बार भी बीटीसी के मौजूदा स्तर से नीचे टूटने की संभावना है।
इथेरियम और दूसरी करेंसी का भी बुरा हाल
वहीं दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम लगभग 20 फीसदी 1864 डॉलर पर आ गया है। बीते एक हफ्ते में इसमें 37 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं ऑलटाइम हाई से 60 फीसदी से ज्यादा गिर चुका है। इस बीच, डॉगकोइन की कीमत आज 32 फीसदी से अधिक गिरकर 0.07 पर कारोबार कर रही थी जबकि शीबा इनु भी 34 फीसदी से अधिक गिरकर 0.000010 हो गई। दूसरे डिजिटल टोकन के प्रदर्शन में भी गिरावट देखने को मिली है। सोलाना, पोलकाडॉट, कार्डानो, यूनिस्वैप, एक्सआरपी, एवालांशे की कीमतें पिछले 24 घंटों में 10-35 फीसदी तक नीचे गिर चुकी हैं।
टेरा में 97 फीसदी की गिरावट
बीते 24 घंटे में टेरा में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। टेरा इस साल सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाला क्रिप्टो रहा है। 24 घंटे में टेरा 97 फीसदी की गिरावट के साथ 0.34 डॉलर पर आ गया है। जबकि बीते एक हफ्ते में इस कॉइन में 99.61 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है। पिछले एक महीने में क्रिप्टो संपत्ति दबाव में रही है, दशकों से उच्च मुद्रास्फीति को दूर करने के लिए दुनिया भर में आक्रामक ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका पर इक्विटी में गिरावट को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म कॉइनबेस ने पिछले एक सप्ताह में अपना आधा मूल्य खो दिया है, जिसमें बुधवार को अब तक की सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट शामिल है।