देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का हिस्सा 2019-20 में 1.2 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी 2022 में 10 प्रतिशत हो गया है।मनीष सिसोदिया ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि का क्रेडिट दिल्ली ईवी नीति (Delhi EV Policy) को दिया है।
ऑटो डेस्क । दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) का दावा है कि दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2020 के लॉन्च के 18 महीनों के भीतर दिल्ली 'भारत की ईवी राजधानी' (EV Capital of India) के रूप में उभरी है, । उन्होंने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का हिस्सा 2019-20 में 1.2 प्रतिशत से बढ़कर फरवरी 2022 में 10 प्रतिशत हो गया है। सिसोदिया ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में वृद्धि का क्रेडिट दिल्ली ईवी नीति (Delhi EV Policy) को दिया, जिसे सबसे अधिक माना जाता है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए व्यापक नीति, जो डिमांड, प्रोडक्शन, और बुनियादी ढांचे के पारिस्थितिकी तंत्र (infrastructure ecosystem development) के विकास दोनों पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
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10 प्रतिशत का आंकड़ा पार करने वाला राज्य
सिसोदिया ने शनिवार को कहा कि दिल्ली ईवी बिक्री के मामले में 10 प्रतिशत का आंकड़ा पार करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है, जो यूके, फ्रांस और सिंगापुर ( UK, France and Singapore) जैसे कई विकसित देशों में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी से अधिक है। सिसोदिया ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दिल्ली बजट पेश करते हुए कहा, "ईवी की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री, मरम्मत और रखरखाव, चार्जिंग स्टेशनों के संचालन और रखरखाव में अगले पांच वर्षों में 20,000 नई नौकरियां पैदा होंगी।" उन्होंने यह भी कहा, "सुप्रीम कोर्ट की सहमति से, हम अगले पांच वर्षों के लिए हर साल 5,000 ई-ऑटो परमिट जारी करेंगे और इससे 25,000 नई नौकरियां पैदा होंगी।"
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ईवी को 25 फीसदी करने का लक्ष्य
दिल्ली ईवी नीति अगस्त 2020 में वापस पेश की गई थी। इसका मोटिव 2024 तक कुल वाहन बिक्री में ईवी हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है। दिल्ली ईवी नीति के शुभारंभ के ऐलान के दौरान, दिल्ली सरकार ने कहा कि इसके जरिए राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक वायु प्रदूषण के स्तर को कम करना हमारा लक्ष्य है। जनवरी 2022 में, दिल्ली ने एक एग्रीगेटर की नीति को नोटिफॉई किया था, जिसके तहत राइड-हेलिंग एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवाओं को नए वाहन खरीदते समय अनिवार्य रूप से ईवी को अपनाना होगा।
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दिल्ली सरकार की नीति में कहा गया है कि सवारी करने वाले एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सेवा प्रदाताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि मार्च 2023 तक सभी नए दोपहिया वाहनों में से 50 प्रतिशत और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक हों।
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