निर्मला सीतारमण ने कोविड को कहा 'एक्ट ऑफ गॉड', जीएसटी कलेक्शन पर असर; रेवेन्यू में 2.35 लाख करोड़ की कमी

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनावायरस को 'एक्ट ऑफ गॉड' बताते हुए कहा कि इसका असर जीएसटी कलेक्शन पर पड़ा है।  

बिजनेस डेस्क। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोनावायरस को 'एक्ट ऑफ गॉड' बताते हुए कहा कि इसका असर जीएसटी कलेक्शन पर पड़ा है। इससे रेवेन्यू में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी हो सकती है। यह गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 41वीं बैठक थी। बैठक में कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में दोपहिया वाहनों पर टैक्स की की कटौती को लेकर कोई फैसला हो सकता है, लेकिन निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसे लेकर फिलहाल कुछ भी तय नहीं हुआ है। अब यह संभावना जताई जा रही है कि काउंसिल की अगली बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक सितंबर में होगी।

राज्यों ने मांगा एक सप्ताह का समय
जीएसटी काउंसिल की इस मीटिंग में राज्यों को दिए जाने वाले कम्पनसेशन पर चर्चा हुई। इसमें राज्यों के सामने दो विकल्प रखे गए। पहला विकल्प यह रखा गया कि केंद्र उधार लेकर भूगतान करे। दूसरे विकल्प के तहत कहा गया कि राज्य खुद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लें। राज्यों ने इन विकल्पों पर विचार करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा है। कम्पनसेशन की व्यवस्था सिर्फ वित्त वर्ष 2021 के लिए होगी। वित्त सचिव ने वित्त वर्ष 2021 में 65 हजार करोड़ रुपए के कम्पनसेशन सेस कलेक्शन की उम्मीद जताई है। 

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जीएसटी कलेक्शन हुआ बुरी तरह प्रभावित
वित्त सचिव ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते जीएसटी कलेक्शन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यह कहा गया कि वित्त वर्ष 2021 में 2.35 लाख करोड़ रुपए का जीएसटी शॉर्टफॉल रह सकता है। वित्त सचिव के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया ने कहा है कि जीएसटी कलेक्शन के शॉर्टफॉल को कन्सोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया से पूरा नहीं किया जा सकता है। 

जीएसटी दर बढ़ाने पर नहीं हुई चर्चा
जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी दरों को बढ़ाए जाने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। वित्त सचिव ने चालू वित्त वर्ष में 3 लाख करोड़ रुपए के कम्पनसेशन कलेक्शन की उम्मीद जताई है। वित्त सचिव के मुताबिक, राज्यों के जीएसटी कम्पनसेशन के लिए अप्रैल से जुलाई अवधि का 1.5 लाख करोड़ रुपया बकाया है। 

दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी
ऑटोमोबाइल सेक्टर लंबे समय से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी में कटैती की मांग कर रहा है। फिलहाल, दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लग रहा है। ऑटोमोबाइल सेक्टर इसे 18 फीसदी किए जाने की मांग कर रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगर दोपहिया वाहनों पर जीएसटी 18 फीसदी लगाया जाता है तो वाहनों की कीमतों में 10 हजार रुपए तक की कमी आ सकती है। 

वित्त मंत्री ने किया जीएसटी घटाने का समर्थन
दोपहिया वाहनों पर जीएसटी घटाने के सुझाव का समर्थन वित्त मंत्री ने भी किया। निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसे जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में उठाया जाएगा। सीआईआई की ओर से कहा गया कि वित्त मंत्री ने दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों के बदलने के बारे में विचार किए जाने के बारे में कहा है और इसे एक अच्छा सुझाव बताया है। 

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