गाजियाबाद या यूपी के किसी अन्य शहर में घर लेने की सोचने वाले अब फ्रिज या एसी की तरह प्रोजेक्ट की रेटिंग देखकर तय कर सकेंगे कि प्रोजेक्ट निवेश करने के लिए सही है या नहीं।
नोएडा. गाजियाबाद या यूपी के किसी अन्य शहर में घर लेने की सोचने वाले अब फ्रिज या एसी की तरह प्रोजेक्ट की रेटिंग देखकर तय कर सकेंगे कि प्रोजेक्ट निवेश करने के लिए सही है या नहीं। उत्तर प्रदेश रेरा यानी रियल एस्टेट ऑथोरिटी (UP RERA) अब उप के प्रोजेक्ट की रेटिंग करने जा रही है।
रेरा और क्रिसिल मिलकर करेंगे रेटिंग
उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट ऑथोरिटी (रेरा) , रेटिंग ऐजेंसी क्रिसिल (CRISIL) के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश के बिल्डर और उनके प्रोजेक्ट की रेटिंग करने जा रही है। क्रिसिल और रेरा की तरफ से बिल्डर और उनके
प्रोजेक्ट की 1 से लेकर 5 तक की रेटिंग की जाएगी। 1 और 2 रेटिंग का मतलब बिल्डर का ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा नहीं है और उसके प्रोजेक्ट में निवेश करना बहुत रिस्क वाला साबित होगा। 3 रेटिंग का मतलब संतोषजनक होगा जिसका मतलब है आप अपनी बुद्धि के हिसाब से उस प्रोजेक्ट में निवेश कर सकते हैं। इसी तरह 4 या 5 रेटिंग का मतलब बिल्डर का रिकॉर्ड अच्छा है और आपका निवेश सुरक्षित रहेगा।
बिल्डर के प्रोजेक्ट के आधार पर रेटिंग होगी
उत्तर प्रदेश रेरा और क्रिसिल की तरफ से की जाने वाली ये रेटिंग बिल्डर के पहले के पूरे किये गए प्रोजेक्ट उनके मेंटीनेंस और फीडबैक को आधार बनाकर की जाएगी। इसके अलावा इसमें बिल्डर की फाइनेंशियल मजबूती, लीगल डॉक्यूमेंट वर्क जैसे तमाम अहम मानक होंगे।
रेरा की वेबसाइट पर देख सकतें हैं रेटिंग
इन रेटिंग को आप रेरा की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। रेरा को उम्मीद है रेटिंग के जरिये रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने और साथ ही निवेशकों को सही जगह निवेश करने में मददगार साबित होगी।