Income Taxpayers in India: नई और पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था के फायदे और नुकसान

13 अप्रैल, 2020 को जारी सीबीडीटी (CBDT) के सर्कूलर के अनुसार यदि वे नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) का विकल्प चुनना चाहते हैं सभी इंप्‍लॉयर्स अपने कर्मचारियों से ए‍क डिक्‍लेरेशन ले। हालांकि, रिटर्न दाखिल करते समय कर्मचारियों के पास अभी भी कर व्यवस्थाओं के बीच चयन करने का अधिकार बना रहेगा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 14, 2022 6:35 AM IST

बिजनेस डेस्‍क। नई कर व्यवस्था पुराने व्‍यवस्‍था से दो मायनों में अलग है। सबसे पहले, इसमें कम टैक्‍स रेट (Low Tax Rate) के साथ अधिक स्लैब हैं और दूसरी बात, मौजूदा (पुरानी) टैक्‍स रिजीम में टैक्‍सपेयर्स (Taxpayers)के लिए उपलब्ध सभी प्रमुख छूट और कटौती की अनुमति नहीं है, यदि नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को चुना जाता है। 13 अप्रैल, 2020 को जारी सीबीडीटी (CBDT) के सर्कूलर के अनुसार यदि वे नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनना चाहते हैं सभी इंप्‍लॉयर्स अपने कर्मचारियों से ए‍क डिक्‍लेरेशन ले। हालांकि, रिटर्न दाखिल करते समय कर्मचारियों के पास अभी भी कर व्यवस्थाओं के बीच चयन करने का अधिकार बना रहेगा। जानकारों के अनुसार नई कर व्यवस्था का चयन करने वाले व्यक्तियों को कुछ छूट और कटौतियां छोड़नी पड़ती हैं जो पुरानी व्यवस्था के साथ उपलब्ध थीं।

मुख्य छूट और कटौतियों की सूची जिन्हें टैक्‍सपर्स को नई व्यवस्था का विकल्प चुनने पर छोड़ना होगा
(i)
लीव ट्रैवल अलाउंस छूट जो वर्तमान में सैलरीड इंप्‍लॉयज को चार साल के ब्लॉक में दो बार उपलब्ध है।
(ii) वेतन के हिस्से के रूप में वेतनभोगी व्यक्तियों को आम तौर पर भुगतान किया जाने वाला मकान किराया भत्ता।
(iii) वेतनभोगी करदाताओं के लिए वर्तमान में उपलब्ध 50,000 रुपए की मानक कटौती।
(iv) धारा 80TTA/80TTB के तहत उपलब्ध कटौती यानी बचत खाते में जमा पर ब्याज के संबंध में कटौती) और 80TTB (वरिष्ठ नागरिकों को जमा पर ब्याज के संबंध में कटौती) करदाताओं के लिए उपलब्ध नहीं होगी।
(v) धारा 16 में निहित मनोरंजन भत्ता (सरकारी कर्मचारियों के लिए) और रोजगार/पेशेवर कर के लिए कटौती।
(vi) स्व-अधिकृत या खाली घर की संपत्ति के लिए लिए गए आवास ऋण पर भुगतान किए गए ब्याज पर धारा 24 के तहत कर लाभ।
(vii) धारा 57 के खंड (ii) के तहत पारिवारिक पेंशन से 15000 रुपए की कटौती की अनुमति।
(viii) धारा 80डी के तहत चिकित्सा बीमा प्रीमियम के लिए दावा की गई कटौती भी क्‍लेम योग्य नहीं होगी।
(ix) धारा 80डीडी और 80डीडीबी के तहत विकलांगता के लिए कर लाभ का दावा नहीं किया जाएगा।
(x) धारा 80ई के तहत एजुकेशन लोन चुकाए गए ब्याज पर कर छूट दावा योग्य नहीं होगी।
(xi) धारा 80जी के तहत उपलब्ध धर्मार्थ संस्थानों को दान पर टैक्स छूट उपलब्ध नहीं होगी।
xii) अध्याय VIA के तहत सभी कटौती (जैसे सेक्शन 80C, 80CCC, 80CCD, 80D, 80DD, 80DDB, 80E,80EE, 80EEA, 80EEB, 80G, 80GG, 80GGA, 80GGC, 80IA, 80-IAB, 80-IAC, 80- आईबी, 80-आईबीए, आदि नई कर व्यवस्था का चयन करने वालों के लिए दावा योग्य नहीं होंगे।

इसमें किया जा सकता है क्‍लेम
धारा 80सीसीडी की उप-धारा (2) के तहत कटौती (अधिसूचित पेंशन योजना में कर्मचारी के खाते में नियोक्ता का योगदान-ज्यादातर एनपीएस) और धारा 80 जेजेएए (नए रोजगार के लिए) के तहत अभी भी कटौती का दावा किया जा सकता है।

फायदा
पुरानी टैक्‍स व्‍यवस्था
1)
बचत की आदत डालने के लिए प्रोत्साहन।
2) निष्क्रिय आय के स्रोत के रूप में निवेश सर्विंग्स।
3) इन्वेस्टमेंट के जरिए महंगाई को मात देने में मदद करता है।

नई व्यवस्था:
1)
कम कर दरों और कम अनुपालन।
2) अधिक से अधिक डिस्पोजेबल आय।
3) लिक्विडिटी में वृद्धि।
4) उद्देश्य-आधारित इंवेस्‍टमेंट पोर्टफोलियो बनाने में अधिक लचीलापन।

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नुकसान
पुरानी टैक्‍स व्यवस्था:

1) निवेश की लॉक-इन अवधि तरलता को प्रभावित करती है।
2) कम डिस्पोजेबल आय।
3) टैक्स सेविंग निवेश के सीमित विकल्प।
4) दावा की गई कटौतियों के प्रमाण को बनाए रखने की परेशानी।

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नई व्यवस्था:
1)
कर कटौती की अनुपलब्धता।
2) व्यावसायिक आय वाले लोगों के लिए नई व्यवस्था चुनने में कम लचीलापन।
3) बचत करने की आदत डालने के ऑटो मैकेनिज्‍म का अभाव।

 

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