कोरोना संकट के बाद इंडिया बनेगा मैन्युफैक्चरिंग हब, चीन छोड़ भारत आने के लिए तैयार हुई 1000 विदेशी कंपनियां

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के कारण अब चीन में व्यापार करना उतना आसान नहीं हैं। ऐसे में लगभर 1000 विदेशी कंपनियां ऐसी हैं जो चीन से अपना कारोबार समेट कर भारत में एंट्री लेना चाहती हैं। 

नई दिल्ली. कोरोना वायरस के कारण कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां इसकी मार ना पड़ी हो। लेकिन अगर सबसे ज्यादा कहीं मार पड़ी है तो वह हैं इकोनॉमी। इस महामारी के कारण दुनियाभर की अर्थव्यवस्था रेंग रही है। लेकिन इस संकट के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, जो विदेशी कंपनियां पहले चीन में कोरोबार करती थी। अब वे इस महामारी की वजह से भारत का रुख कर रही हैं।

चीन में व्यापार करना अब नहीं रहा आसान

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एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 के कारण अब चीन में व्यापार करना उतना आसान नहीं हैं। ऐसे में लगभर 1000 विदेशी कंपनियां ऐसी हैं जो चीन से अपना कारोबार समेट कर भारत में एंट्री लेना चाहती हैं। साथ ही 300 कंपनियां ऐसी हैं जो भारत में ही फैक्ट्री लगाने की तैयारी में है। केद्र सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में सरकार से बातचीत चल रही है। 

सरकार ने 300 कंपनियों को लक्षित किया

अधिकारी के मुताबिक, 'वर्तमान में लगभग 1000 कंपनियां विभिन्न स्तरों पर सरकार से बातचीत कर रही हैं। इन कंपनियों में से सरकार ने 300 कंपनियों को लक्षित किया है। जैसे ही भारत कोरोना पर काबू पा लेगा वैसै ही इन कंपनियों के साथ बातचीत को और आगे बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय अधिकारी ने उम्मीद जताया है कि जैसे ही स्थिति हमारे लिए बेहतर होगी वैसे ही भारत वैकल्पिक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभरेगा। 

(फाइल फोटो)

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