LTC पैकेज के तहत क्लेम नहीं किया है, तो अब भी केंद्र सरकार के स्टाफ के पास है मौका, बढ़ी तारीख

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एलटीसी स्पेशल कैश वाउचर (LTC Cash Voucher Scheme) के तहत क्लेम करने और बिल जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। इससे कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी।

Asianet News Hindi | Published : Apr 3, 2021 1:47 PM IST

बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एलटीसी स्पेशल कैश वाउचर (LTC Cash Voucher Scheme) के तहत क्लेम करने और बिल जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। इससे कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी। केंद्र सरकार के कर्मचारी अब एलटीसी स्पेशल पैकेज के तहत बिल या क्लेम को 30 अप्रैल तक जमा कर सकते हैं। हालांकि, यह फायदा उन्हें तभी मिल सकेगा, जब क्लेम के लिए की जाने वाली खरीददारी 31 मार्च 2021 तक की गई हो। 

इसके बाद नहीं बढ़ेगी डेडलाइन
31 मार्च 2021 के ऑफिस मेमोरेंडम में डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर द्वारा कहा गया है कि 31 मार्च 2021 को अंतिम समय में खरीददारी के लिए क्लेम या बिल सब्मिट में व्यावहारिक समस्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। अगर किसी ने 31 मार्च को देर रात में खरीददारी की हो, तो उसके लिए उसी दिन क्लेम या बिल सब्मिट करना आसान नहीं होगा। अगर ऑनलाइन खरीददारी भी की गई हो, तो इसमें दिक्कत होगी। हालांकि, यह भी साफ कर दिया गया है कि 30 अप्रैल के बाद डेडलाइन आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

पिछले साल शुरू की गई थी स्कीम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने पिछले साल अक्टूबर 2020 में स्पेशल एलटीसी (LTC) कैश स्कीम को शुरू किया था। इसके तहत एलटीसी के बदले कर्मचारियों को कैश बाउचर दिए जाने की घोषणा की गई थी। इसका फायदा लेने के लिए केंद्र सरकार ने कुछ गाइडलाइन भी तय किए थे। इस योजना के तहत वस्तु एवं सेवाओं के ऊपर किराए का तीन गुना ज्यादा खर्च करना था। लीव इनकैशमेंट क्लेम के लिए उसके बराबर ही रकम खर्च करना जरूरी था। यह खर्च कर्मचारी को 31 मार्च 2021 के पहले ही यानी इसी वित्त वर्ष में करना था।

GST इनवॉयस देना जरूरी
इस योजना का फायदा लेने वाले कर्मचारियों को 12 फीसदी या उससे ज्यादा के टैक्स स्लैब में वस्तु या सेवा पर खर्च करने का प्रावधान किया गया था। इसका मतलब है कि जीएसटी वेंडर से ही सामान लेना और भुगतान करना जरूरी किया गया था। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों को पेमेंट डिजिटल तरीके से करना था। जिन लोगों ने अभी तक योजना के तहत क्लेम नहीं किया या बिल सब्मिट नहीं किया है, उन्हें इसके लिए जीएसटी इनवॉयस देना होगा।

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