खेती के लिए पैसे की जरूरत होने पर किसान किस तरह कृषि लोन (Agriculture Loan) ले सकते हैं? आइए जानते हैं। यह भी जानें कि ब्याज दरें क्या होंगी? पात्रता और आवेदन प्रक्रिया क्या है?
Agriculture Loan: कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। GDP का बड़ी हिस्सा कृषि क्षेत्र से आता है। देश की आबादी के सबसे बड़े हिस्से को इस क्षेत्र से रोजगार मिलता है। हालांकि, किसानों को अक्सर आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। कभी सूखा तो कभी बहुत अधिक बारिश से फसल खराब हो जाता है। खेती करने की लागत भी बढ़ गई है। इन वजहों से किसानों को पैसे से जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
किसानों का समर्थन करने और कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार और वित्तीय संस्थान आकर्षक ब्याज दरों पर कृषि ऋण देते हैं। आइए जानते हैं किसान किस तरह कर्ज प्राप्त कर सकते हैं, उन्हें कितना ब्याज देना होगा और कौन से डॉक्यूमेंट्स लगेंगे।
भारत में कृषि ऋण के लिए ब्याज दरें वित्तीय संस्थान, कर्ज लेने वाले की प्रोफाइल, कर्ज लेने की पात्रता, कर्ज की राशि और उद्देश्य के आधार पर अलग-अलग होती हैं। RBI (Reserve Bank of India) बैंकों को कृषि ऋण पर ब्याज दरों के संबंध में दिशानिर्देश देता है। सरकार ब्याज अनुदान देकर बैंकों को कृषि ऋण देने पर समर्थित करती है।
कृषि ऋण पर ब्याज दरें आम तौर पर कमर्शियल लोन्स की तुलना में कम होती हैं। इसका उद्देश्य किसानों के लिए कर्ज को किफायती बनाना है। ब्याज दरें आम तौर पर MCLR से जुड़ी होती हैं और BRLLR कर्ज के प्रकार और पैसे लौटाने की अवधि के आधार पर 4% से 14% प्रति वर्ष तक हो सकती हैं।
कृषि ऋण के लिए पात्रता मानदंड वित्तीय संस्थाओं, योजनाओं और मौजूदा पोर्टफोलियो के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। भारत में कृषि ऋण के लिए कुछ सामान्य आवश्यकताएं इस प्रकार हैं:
जमीन का मालिक होना: किसानों के पास कृषि भूमि का मालिकाना हक होना चाहिए। कर्ज देने वाली संस्था द्वारा तय न्यूनतम अवधि के लिए पट्टे पर अधिकार होना भी कर्ज दिला सकता है। जमीन का इस्तेमाल अक्सर कर्ज के लिए संपार्श्विक (collateral) के रूप में किया जाता है। अगर जमीन नहीं है तो JLG और SHG बनाकर समूहों में कर्ज देना बेहतर होता है।
उम्र: अधिकांश संस्थाओं के अनुसार कृषि ऋण के लिए आवेदन के लिए किसान की आयु कम से कम 18 साल होनी चाहिए। कुछ योजनाओं में उम्र संबंधी खास पात्रता मानदंड हो सकते हैं।
कर्ज लौटाने का इतिहास: कर्ज देने से पहले बैंक या दूसरे वित्तीय संस्थान देखते हैं कि आवेदन करने वाले व्यक्ति का कर्ज लौटाने का इतिहास कैसा रहा है। अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो लोन पास होने की संभावना बढ़ जाती है।
खेती का अनुभव: बैंक कर्ज देने से पहले किसानों से पूछ सकते हैं कि उन्हें खेती करने का कितने साल का अनुभव है। यह मानदंड ऋण के प्रकार और संस्थान के आधार पर अलग-अलग होता है।
कर्ज के पैसे लौटाने की क्षमता: बैंक यह देखते हैं कि कर्ज मांगने वाले के पास उधार के पैसे चुकाने की क्षमता है या नहीं। इसके लिए कर्ज मांगने वाले की कितनी आमदनी है इसपर खास ध्यान दिया जाता है।
संपार्श्विक (Collateral) सुरक्षा कवरेज: एक निश्चित सीमा तक के कर्ज के लिए जैसे कि 1.6 लाख रुपए, बैंक किसी भी Collateral सुरक्षा आवश्यकता पर जोर नहीं देते हैं। इस राशि से अधिक के कर्ज के लिए उस कृषि भूमि को गिरवी रखना/प्रभार बनाना/ग्रहणाधिकार लेना बेहतर होता है जिस पर खेती के लिए कर्ज लिया गया है।
कृषि ऋण के लिए आवेदन देने के साथ किसानों को पहचान प्रमाण, पते का प्रमाण, भूमि स्वामित्व के दस्तावेज, आय प्रमाण पत्र, बैंक विवरण और खेती के कौन से काम करने हैं इससे जुड़े डॉक्यूमेंट देने होते हैं।
कृषि ऋण मशीनरी, बीज, उर्वरक और अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए दिए जाते हैं। यदि आप एक किसान हैं और कृषि ऋण के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए स्टेप को फॉलो करें...
स्टेप 1: आपको कितने पैसे की जरूरत है इसकी पहचान करें:
कृषि ऋण के लिए आवेदन करने से पहले आप विचार करें कि इस पैसे के खेती के कौन से काम करने हैं। इसके लिए कितने पैसे की जरूरत है। उपकरण, बीज, पशुधन या भूमि खरीदने के लिए आवश्यक राशि का आकलन करें। इसके साथ ही खेती की गतिविधियों से संबंधित अन्य खर्चों का भी आकलन करें। अपनी वित्तीय जरूरतों की समझ होने से आपको सही लोन प्रोडक्ट चुनने और उचित वित्तीय संस्थान से संपर्क करने में मदद मिलेगी।
स्टेप 2: लोन प्लान और संस्थाओं के बारे में जानकारी जुटाएं
किसानों के लिए कई लोन स्कीम हैं। इनमें से प्रत्येक की अपनी पात्रता मानदंड, ब्याज दरें और लाभ हैं। आप अपनी जरूरत के अनुसार सबसे अच्छी लोन योजनाओं की जानकारी जुटाएं। भारत में कुछ लोकप्रिय लोन स्कीम में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY), गोल्ड लोन, सोलर पंप लोन, डेयरी लोन, संबद्ध कृषि लोन, SHG लोन और राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों जैसे विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा कृषि ऋण दिए जाते हैं। इनके बारे में भी जानकारी जुटाएं।
स्टेप 3: आवश्यक दस्तावेज जुटाएं
कृषि ऋण के लिए आवेदन करने के लिए आपको खास डॉक्यूमेंट्स जुटाने होंगे। ये लोन स्कीम और वित्तीय संस्थान के आधार पर अलग-अलग होते हैं। कृषि ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में शामिल हैं:
स्टेप 4: वित्तीय संस्थान से संपर्क करें
जब आप लोन स्कीम और वित्तीय संस्थान की पहचान कर लें तो निकटतम ब्रांच पर जाएं या संबंधित बैंक या कर्जदाता से संपर्क करें। कई वित्तीय संस्थान ऑनलाइन आवेदन की सुविधा देते हैं। इससे आप अपने घर बैठे आराम से कृषि ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
स्टेप 5: एप्लीकेशन फॉर्म ठीक तरह भरें
कृषि ऋण एप्लीकेशन फॉर्म सही तरीके से भरें। सभी जरूरी जानकारी दें और इससे जुड़े डॉक्यूमेंट लगाएं। अपने द्वारा दी जा रही जानकारी को दोबारा चेक कर लें कि कहीं कोई गलती तो नहीं। इससे आपके एप्लीकेशन फॉर्म के प्रोसेसिंग में देर नहीं होगी।
स्टेप 6: लोन प्रोसेसिंग और अप्रूवल
एप्लीकेशन फॉर्म और सहायक दस्तावेज जमा करने के बाद वित्तीय संस्थान लोन प्रोसेसिंग और वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू करेगा। इसमें आपकी पात्रता का मूल्यांकन, संपार्श्विक का आकलन (यदि लागू हो), क्रेडिट जांच करना और दी गई जानकारी की सच्चाई की जांच शामिल है। वित्तीय संस्थान और ऋण योजना के आधार पर प्रोसेसिंग में अलग-अलग समय लग सकता है।
स्टेप 7: कर्ज के पैसे मिलना और उसे लौटाना
यदि आपका लोन एप्लीकेशन स्वीकार कर लिया जाता है तो वित्तीय संस्थान आपके बैंक खाते में स्वीकृत लोन अमाउंट डाल देगा। आपको तय किए गए किस्तों में कर्ज के पैसे और उसपर लगने वाला ब्याज देना होगा। तय करें कि किस्त समय से भरें। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बेहतर होगी। भविष्य में लोन मिलने में आसानी होगी। दूसरी ओर किस्त समय से नहीं भरने पर फाइन लग सकता है। भविष्य में लोन पाने में परेशानी भी होगी।