सरसों-सूरजमुखी-मूंगफली पैदा करने वाले किसानों की चांदी, सरकार ने लिया बड़ा फैसला

Published : Sep 14, 2024, 06:59 PM IST
Mustard Farmer

सार

केंद्र सरकार ने तिलहन किसानों की आमदनी बढ़ाने और खाद्य तेलों के आयात को कम करने के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क 20% किया गया है। 

नई दिल्ली। भारत के तिलहन किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इससे विदेश से होने वाले आद्य तेल की आयात कम होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सोशल मीडिया पर इसके बारे में घोषणा की।

शिवराज सिंह ने बताया कि भारत सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क को 32.5% तक बढ़ाया है। इसके साथ ही खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा। सरकार के इस फैसले से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी। किसानों को अपने फसलों के बेहतर दाम मिलेंगे। रिफाइनरी की संख्या बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बनेंगे।

 

 

किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार द्वारा लिए गए बड़े फैसले

  • प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से घटाकर 20% किया गया। इससे प्याज का निर्यात आसान होगा और किसानों को अच्छी कीमत मिलेगी।
  • सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटा दिया है। इससे इस चावल का निर्यात बढ़ेगा। बासमती धान पैदा करने वाले किसानों को लाभ होगा।
  • खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है। कुल आयात शुल्क 27.5% होगा। इससे खाद्य तेलों का आयात कम होगा। सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी। खाद्य तेल के निर्माता किसानों से उनकी फसल खरीदेंगे। सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा। इसका निर्यात हो सकेगा।

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