पिछले पांच सालों में 500 रुपये के नकली नोटों में 317 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
अब आपके पर्स में रखे 500 रुपये के नोट के नकली होने का डर सता सकता है। पिछले पांच सालों में 500 रुपये के नकली नोटों में 317 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। संसद में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2018-19 वित्तीय वर्ष में 21,865 मिलियन नकली नोट थे, जो 2022-23 वित्तीय वर्ष में बढ़कर 91,110 मिलियन हो गए। वहीं 2023-24 वित्तीय वर्ष में इसमें 15 प्रतिशत की कमी आई है और इस दौरान नकली नोटों की संख्या 85,711 मिलियन रही।
2021-22 वित्तीय वर्ष में नकली 500 रुपये के नोटों की संख्या में भारी वृद्धि हुई। यह 2020-21 वित्तीय वर्ष के 39,453 मिलियन से दोगुनी होकर 79,669 मिलियन हो गई। यानी 102 प्रतिशत की वृद्धि। 2023-24 वित्तीय वर्ष में चलन में रहे 2000 रुपये के नकली नोटों में 166 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई। वहीं सभी तरह के नकली नोटों में कुल मिलाकर 30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। 2018-19 वित्तीय वर्ष में 3,17,384 नकली नोट थे, जो 2023-24 वित्तीय वर्ष में घटकर 2,22,639 रह गए।
नए नकली नोट इतनी सफाई से बनाए जा रहे हैं कि उन्हें पहली नज़र में पहचानना मुश्किल है। 500 रुपये का नोट असली है या नहीं, कैसे पता करें?
* असली 500 रुपये के नोट का आधिकारिक आकार 66 मिमी x 150 मिमी होता है।
* नोट पर देवनागरी में '500' लिखा होता है।
* नोट के बीच में महात्मा गांधी की तस्वीर होती है।
* सूक्ष्म अक्षरों में 'भारत', 'इंडिया' लिखा होता है।
* 'इंडिया', 'आरबीआई' लिखे कलर शिफ्ट विंडो से सुरक्षा दी गई है।
* 500 रुपये के नोट को मोड़ने पर धागे का रंग हरे से नीले में बदल जाता है।
* गारंटी क्लॉज, प्रॉमिस क्लॉज, गवर्नर के हस्ताक्षर और दाईं ओर महात्मा गांधी के चित्र पर आरबीआई का चिन्ह होता है।
* नोट में महात्मा गांधी का चित्र और इलेक्ट्रोटाइप (500) वॉटरमार्क होता है।
* नोट के ऊपर बाईं ओर और नीचे दाईं ओर एक नंबर पैनल होता है।
* नीचे दाईं ओर रुपये के चिन्ह के साथ रंग बदलने वाली स्याही (हरा से नीला) में मूल्य संख्या होती है।
* नोट के दाईं ओर अशोक स्तंभ का चिन्ह होता है।
* 500 रुपये के नोट के बाईं ओर नोट के छपने का वर्ष होता है।
* नोट पर स्वच्छ भारत का लोगो और नारा होता है।