IIM से पढ़ने वाली लड़की जो बनी SEBI की पहली महिला चीफ, अब हिंडनबर्ग के निशाने पर

SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच पर हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप से जुड़ी कंपनी में हिस्सेदारी का आरोप लगाया है। माधबी बुच ने इन आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने इसे निराधार और चरित्र हनन के प्रसास वाला बताया है।

Satyam Bhardwaj | Published : Aug 11, 2024 5:50 AM IST

बिजनेस डेस्क : मार्केट रेगुलेटर SEBI की पहली महिला चीफ माधबी बुच (Madhabi Buch) अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) के निशाने पर हैं। शनिवार, 10 अगस्त को सेबी चेयरपर्सन पर हिंडनबर्ग ने बड़ा आरोप लगाया। माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी का आरोप है। हालांकि, इस आरोप को माधबी पुरी बुच ने खारिज कर दिया है। उन्होंने इन आरोपों को निराधार और चरित्र हनन के प्रसास वाला बताया है। पति के साथ जॉइंट स्टेटमेंट में उन्होंने कहा कि उनकी लाइफ खुली किताब है. वे सभी फाइनेंशियल रिकॉर्ड डिक्लेयर करना चाहती हैं. बता दें कि माधबी पुरी बुच सेबी के इतने बड़े पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। 1 मार्च, 2022 से इस पद पर हैं।

माधबी बुच का करियर

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माधबी पुरी बुच का जन्म 1966 में हुआ था। उनके पिता कॉर्पोरेट सेक्टर और मां पॉलिटिकल साइंस में डॉक्टरेट की उपाधि पाने वाली एक शिक्षाविद थीं। माधबी पुरी बुच की स्कूलिंग दिल्‍ली और मुंबई में हुई। उनका ग्रेजुएशन दिल्‍ली के सेंट स्‍टीफन कॉलेज और एमबीए आईआईएम अहमदाबाद (IIM, Ahmedabad) से कंप्लीट हुआ।

21 साल में हो गई शादी

माधबी पुरी बुच जब 19 साल की थीं, तभी उनकी सगाई मल्टीनेशनल कंपनी में बड़े पद पर काम करने वाले धवल बुच के साथ हो गई थी। 21 की उम्र में माधबी और धवल की शादी हो गई। शादी के बाद भी माधबी ने करियर में रुकावट नहीं बनी। वह अपनी फैमिली को सबसे बड़ी ताकत मानती हैं और पति को मित्र, दार्शनिक, मार्गदर्शक बताती हैं।

सेबी चेयरपर्सन बनने से पहले इन पदों पर रहीं

एमबीए पूरा करने के बाद माधबी बुच कुछ समय तक एक एनजीओ से जुड़ी रहीं। 1989 में ICICI बैंक में जॉब की। फिर इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में लेक्चरर बनीं। 2006 में ICICI सिक्योरिटीज में शामिल हुईं। फरवरी 2009 से लेकर मई 2011 तक दो सालों तक कंपनी की CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर रहीं। 2011 में ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल में शामिल होने सिंगापुर गईं। 2017 तक जेनसार टेक्नोलॉजीज, इनोवेन कैपिटल और मैक्स हेल्थकेयर जैसी कई कंपनियों के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रहीं। इंडियन स्कूल ऑफ डेवलपमेंट मैनेजमेंट (ISDM) की स्वतंत्र निदेशक भी रहीं और न्यू डेवलपमेंट बैंक के बतौर सलाहकार काम किया है। सेबी चीफ बनने सेप हले अप्रैल 2017 में बुच को सेबी में पूर्णकालिक निदेशक बनाया गया था।

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