RBI Policy 2024 : नहीं बढ़ेगी लोन की EMI, रेपो रेट जस की तस

भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को लगातार 9वीं बार 6.5% पर बरकरार रखा है, जिसका मतलब है कि होम और कार लोन की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं होगा।

बिजनेस डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट 6.5% पर बरकरार रखा है। आरबीआई मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC Meeting) की बैठक के खत्म होने पर गुरुवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने इसमें लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होने बताया कि महंगाई को निर्धारित सीमा के अंदर लोन और आर्थिक वृद्धि को तेजी देने के लिए नीतिगत दर को ज्यों का त्यों रखा गया है। जानिए इससे आम जनता पर कितना फर्क पड़ेगा...

रेपो रेट न बदलने का क्या मतलब है

Latest Videos

रेपो दर 6.5 फीसदी पर ही रहने का मतलब है कि होम और कार लोन जैसे कर्जों पर ब्याज नहीं बढ़ेगी। बता दें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट में इजाफा किया था। तब रेपो रेट 6.5 फीसदी की गई थी। इसके बाद लगातार 9 बार से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। बता दें कि RBI की MPC में 6 मेंबर्स हैं। इसमें बाहरी और RBI के ऑफिसर्स शामिल हैं। 

MSF और SDF में भी बदलाव नहीं

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) और स्टैंडर्ड डिपॉजिट फैसिलिटी (SDF) के रेट्स में भी बदलाव नहीं किया गया है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी 6.75% और स्टैंडर्ड डिपॉजिट फैसिलिटी 6.25% पर ही रहेगी। RBI गवर्नर ने कहा कि अनुकूल आधार प्रभाव की वजह से हेडलाइन मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीद है। हालांकि, यह तीसरी तिमाही में बदल सकती है।

मुद्रास्‍फीति पर रिजर्व बैंक का फोकस

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा बताया कि घरेलू विकास सही तरह से हो रहा है। मुद्रास्फीति को देखते हुए मौद्रिक नीति का स्थिर रहना काफी जरूरी है। समिति ने मुद्रास्फीति को प्रॉयरिटी में रखा है। उन्होंने बताया कि मुद्रास्फीति धीरे-धीरे सभी अर्थव्यवस्थाओं में कम होने लगी है, जबकि मध्यम अवधि के ग्लोबल डेवलपमेंट के आगे गंभीर चुनौतियां हैं। बावजूद इसके घरेलू आर्थिक गतिविधि फ्लैक्सिबल है। मांग में सुधार की वजह से मैन्यूफैक्चरिंग में तेजी आ रही है।

GDP 7.2% रहने का अनुमान

शक्तिकांत दास ने बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान है। खुदरा मुद्रास्फीति के इस वित्त वर्ष में 4.5% रह सकती है। मुद्रास्फीति में खाद्य घटक अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है।

इसे भी पढें

बांग्लादेश संकट के बीच टेक्सटाइल कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त उछाल, जानें कारण

 

अब बैंक अकाउंट खोलते समय 1 नहीं बना पाएंगे 4 नॉमिनी, आने वाला है नया Rule

 

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
'मुझे लव लेटर दिया... वाह मेरी महबूबा' ओवैसी का भाषण सुन छूटी हंसी #Shorts
CM योगी आदित्यनाथ ने गिना दिया बंटने से अब तक क्या-क्या हुआ नुकसान #Shorts
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
Dev Diwali 2024: देव दिवाली आज, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और सबसे खास उपाय