हमास-इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को एक महीने से भी ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन जंग थमती नजर नहीं आ रही है। इसी बीच, साउथ अफ्रीका ने भी अब गाजा पर इजराइल के हमले को नरसंहार बताते हुए उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही है।
Israel-Hamas War Update: हमास-इजराइल के बीच चल रहे युद्ध को एक महीने से भी ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन जंग थमती नजर नहीं आ रही है। इसी बीच, साउथ अफ्रीका ने भी अब गाजा पर इजराइल के हमले को नरसंहार बताते हुए उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेने की बात कही है। इतना ही नहीं दक्षिण अफ्रीका ने तो इजराइल से अपने राजदूत और राजयनिकों को भी वापस बुला लिया है।
दक्षिण अफ्रीका के प्रेसिडेंट ऑफिस के मुताबिक, वहां की सरकार ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव से अपने सभी डिप्लोमैट्स को वापस बुलाने का फैसला किया है। दक्षिण अफ्रीका की सरकार का कहना है कि इजराइल को गाजा पट्टी पर तत्काल प्रभाव से हमले रोकते हुए सीजफायर करना चाहिए। वहीं, दक्षिण अफ्रीका के कई बड़े शहरों में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास और इजराइली दूतावासों के बाहर फिलिस्तीनियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया।
इजराइल का एक्शन सामूहिक नरसंहार
वहीं, दक्षिण अफ्रीका की इंटरनेशनल रिलेशन मिनिस्टर नालेदी पेंडोर ने कहा- हम फिलिस्तीन खासकर गाजा में बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं की हत्या से बेहद दुखी हैं। हमें लगता है कि इजराइल का रिएक्शन एक तरह से गाजा के लोगों को सामूहिक तौर पर दंडित करने की तरह है, जबकि दोषी सिर्फ हमास है।
दक्षिण अफ्रीकी सरकार के फिलिस्तीनियों से अच्छे रिश्ते
दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार है। इस पार्टी के फिलस्तीनी के साथ अच्छे रिलेशन हैं। बता दें कि इस युद्ध की शुरुआत 7 अक्टूबर को तब हुई जब हमास के आतंकियों ने अचानक इजराइल पर 5000 से ज्यादा रॉकेटों से हमला कर दिया। इतना ही नहीं, हमास के आतंकी हवा और जमीन से भी इजराइल में घुस गए और 1400 लोगों की हत्या कर 250 नागरिकों को बंधक बना लिया। इसके जवाब में इजराइल ने हमास का समूल नाश करने की ठानी है। इजराइली सेना के जवाबी हमले में अब तक गाजा में 10 हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।
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