आईटी दिग्गज इन्फोसिस के को-फाउंडर और UIDAI (आधार) के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने पिछले कुछ सालों में भारत के विकास को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 9 सालों में जो आर्थिक तरक्की की है वो 47 सालों की ग्रोथ के बराबर है।
India Digital Growth : आईटी दिग्गज इन्फोसिस के को-फाउंडर और UIDAI (आधार) के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने पिछले कुछ सालों में भारत के विकास को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले 9 सालों में जो आर्थिक तरक्की की है वो 47 सालों की ग्रोथ के बराबर है। नंदन नीलेकणि का कहना है पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में जो डिजिटल बदलाव आया है, उससे काफी तरक्की हुई है।
डिजिटल बदलाव से तरक्की की राह पर भारत
नंदन नीलेकणि के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में भारत के अंदर हुए डिजिटल बदलाव की वजह से बड़ा फर्क आया है। इससे इकोनॉमिक ग्रोथ का नया मॉडल भी तैयार हुआ है। तकनीक के माध्यम से एक ऐसा डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, जो देश के हर एक शख्स तक कई जरूरी सुविधाएं पहुंचाने में हेल्पफुल साबित हो रहा है। इसकी वजह से लक्षित लोगों तक एजुकेशन से लेकर हेल्थ जैसी कई बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाना भी आसान हुआ है।
भारत में 130 करोड़ लोगों के पास आधार
नंदन नीलेकणि ने कहा कि भारत के डिजिटल सफर की शुरुआत डिजिटल आईडी यानी आधार से हुई, जो लगातार तरक्की की दिशा में आगे बढ़ रही है। आज देश के 130 करोड़ लोगों के पास विशिष्ट पहचान यानी आधार कार्ड है। डिजिटल आईडी यानी आधार कार्ड की शुरुआत करने नंदन नीलेकणि ही हैं। वे आधार प्राधिकरण (UIDAI) के फाउंडिंग चेयरमैन हैं।
भारत में रोजाना 9 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन
नंदन नीलेकणि ने आगे कहा- आधार के जरिए अभी हर दिन औसतन 8 करोड़ ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। मतलब हर दिन 8 करोड़ लोग देश में किसी न किसी तरीके से ऑनलाइन वेरिफिकेशन के लिए आधार का इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले 9 साल में इस डिजिटल बदलाव ने भारत को ऐसी ग्रोथ दी है, जिसे ट्रेडिशनल तरीके से पाने में देश को 47 साल लग जाते।
कौन हैं नंदन नीलेकणि?
इन्फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि का जन्म 2 जुलाई 1955 को कर्नाटक में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई बैंगलोर से हुई। उन्होंने 1973 में आईआईटी बॉम्बे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल की। पढ़ाई के दौरान उनकी मुलाकात रोहिणी से हुई, जो बाद में उनकी जीवनसंगिनी बनीं। नंदन नीलेकणि के 2 बच्चे हैं। 2006 में उन्हें साइंस एंड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। नंदन नीलेकणि उस वक्त भी खूब चर्चा में आए, जब उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे को 315 करोड़ रुपए दान किए थे। इससे पहले भी उन्होंने IIT बॉम्बे को 85 करोड़ रुपए दान में दिए थे।
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