मुकेश अंबानी ने समय से पहले कर दिया स्‍पेक्‍ट्रम का भुगतान और बचा लिए 1200 करोड़ रुपए

इस एडवांस भुगतान की वजह से रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने करीब 1200 करोड़ रुपए की सालाना की बचत की है। जिन स्‍पेक्‍ट्रम का भुगतान किया गया है। उन्‍हें कंपनी की ओर से निलामी के अलावा कंपन‍ियों की ओर से खरीदे गए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 19, 2022 7:51 AM IST

बिजनेस डेस्‍क। रिलायंस जियो (Reliance JIO) ने स्‍पेक्‍ट्रम से संबंधि‍त अपनी सभी देनदारियों का एडवांस में भुगतान कर दिया है। कंपनी ने यह भुगतान करीब 31 हजार करोड़ रुपए का किया है। इस एडवांस भुगतान की वजह से कंपनी ने करीब 1200 करोड़ रुपए की सालाना की बचत की है। जिन स्‍पेक्‍ट्रम का भुगतान किया गया है। उन्‍हें कंपनी की ओर से निलामी के अलावा कंपन‍ियों की ओर से खरीदे गए हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर मुकेश अंबानी इस बारे में और क्‍या जानकारी दी है।

इस तरह से हासिल किए थे स्‍पेक्‍ट्रम अधि‍कार
रिलायंस जियो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट को 30,791 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। कंपनी ने बताया कि  जियो ने नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम की सभी देनदारियों को एडवांस में चुका दिया है। वर्ष 2014, 2015, 2016 में जियो ने स्पेक्ट्रम हासिल की थी। वहीं 2021 में भारती एयरटेल लिमिटेड से भी जियो ने स्पेक्ट्रम खरीदा था। कंपनी ने इन नीलामियों और डील में 585.3 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का अध‍िकार प्राप्‍त किया था।

पहले भी दिया था एंडवास
टेलीकॉम कंपनि‍यों के लिए, दिसंबर 2021 में टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने एक स्‍पेशल पैकेज की घोषणा की थी। जिसमें भुगतान की शर्तों को लचीला कर दिया था। लेकिन जियो ने वर्ष 2016 में मिले स्पेक्ट्रम से संबंधित भुगतान की पहली इंस्‍टॉलमेंट का भुगतान अक्टूबर 2021 में ही क‍र दिया था। वर्ष 2014 और 2015 में नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम की संपूर्ण डेफर्ड देनदारियों के साथ-साथ ट्रेडिंग के माध्यम से प्राप्त स्पेक्ट्रम की देनदारियों को जियो ने जनवरी 2022 में एडवांस में ही दे दिया है।

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एडवांस भुगतान से 1200 करोड़ रुपए की बचत
रिलायंस जियो ने जो एडवांस में भुगतान किया है उसे वित्‍त वर्ष 2022-23 से 2034-2035 तक एनुअल इंस्‍टॉलमेंट में भुगतान करना था। इसका मतलब है कि कंपनी को 12 सालों में पूरी पेमेंट करनी थी। जिस पर कंपनी को सालाना ब्याज 9.30 फीसदी से 10 फीसदी प्रति वर्ष के बीच चुकाना था। कंपनी का अनुमान है कि समय से पहले भुगतान करने से केवल ब्याज पर ही कंपनी सालाना 1200 करोड़ रुपए की बचत की है।

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