आरबीआई की नीति दर अब अगस्त 2018 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में आरबीआई द्वारा यह पांचवीं दर वृद्धि है। इससे पहले, आरबीआई ने मई में रेपो रेट में 40 बीपीएस और जून, अगस्त और सितंबर में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी।
बिजनेस न्यूज. RBI MPC Meeting: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने बुधवार को रेपो रेट को तत्काल प्रभाव से 35 बेसिस पॉइंट्स (bps) से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। इस बारे में घोषणा करते हुए RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि समिति के छह सदस्यों में से पांच रेपो रेट में बढ़ोतरी के पक्ष में थे। इसके साथ ही मीटिंग में यह भी तय किया गया कि बैंक या अन्य वित्तीय संस्थानों से किसी भी तरह का लोन (LOAN) लेना अब और महंगे होंगे और इनसे जुड़ी मासिक किस्त यानी EMI में भी बढ़त की जाएगी। अब हर महीने की ईएमआई (EMI) पहले से ज्यादा चुकानी होगी। बता दें कि आरबीआई की नीति दर अब अगस्त 2018 के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर है। वहीं फाइनेंशियल ईयर 2022-23 में आरबीआई द्वारा यह पांचवीं दर वृद्धि है। इससे पहले, आरबीआई ने मई में रेपो रेट में 40 बीपीएस और जून, अगस्त और सितंबर में 50 बीपीएस की बढ़ोतरी की थी।
महंगाई को काबू में करने के लिए repo rate hike
इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि इस साल रूस और यूक्रेन के बीच हुए युद्ध का असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला। दुनियाभर में खाने-पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। ऐसे माहौल में भी भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में बनी हुई है और हमारी महंगाई दर दुनिया के मुकाबले कम है। गवर्नर ने कहा कि समिति की प्राथमिकता में आर्थिक ग्रोथ सबसे ऊपर है। हमने महंगाई को काबू में रखने के लिए रेट (repo rate hike) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।
GDP रेट 7 प्रतिशत से घटकर 6.8 प्रतिशत होने की संभावना
इस मौके पर गर्वनर दास ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया में चैलेंजिंग सिचुएशन होने के बावजूद भी भारत दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा। फाइनेंशियल ईयर 2023 में भारत की GDP रेट 7 प्रतिशत से घटकर 6.8 प्रतिशत होने की संभावना है। हालांकि आसार अभी भी यही हैं कि महंगाई तय लक्ष्य के ऊपर ही रहेगी।
लिक्विडिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं आने देगा RBI
RBI MPC Meeting के बाद आरबीआई गर्वनर ने यह भी कहा कि लिक्विडिटी में आगे और सुधार देखने को मिलेगा। उन्होंने भरोसा दिलाते हुए कहा कि लिक्विडिटी को लेकर RBI कोई दिक्कत नहीं आने देगा। साथ ही इस बात की भी घोषणा की कि मनी मार्केट का समय सुबह 9 से शाम 5 बजे होगा।
पहले ही लगाए जा रहे थे इसके कयास
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक सोमवार को शुरू हुई थी। उसी वक्त ये यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस मीटिंग के बाद ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जाएगी। मुद्रास्फीति जनवरी से ही रिजर्व बैंक के छह फीसदी के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। इससे पहले आरबीआई ने मई में अचानक रेपो दर में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद फिर तीन बार रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है।
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