भारत में Electric Vehicle पर मिल रहे हैं किस तरह के Tax Benefits, जानिए यहां सबकुछ

भारत में, इलेक्ट्रिक व्‍‍हीकल (Electric Vehicle) वाहन मॉडल की कोई कमी नहीं है, और बढ़ती बिक्री के साथ, विभिन्न निर्माता आने वाले वर्ष में नए मॉडल पेश करने की योजना बना रहे हैं।

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2021 7:31 AM IST

बिजनेस डेस्‍क। इलेक्ट्रिक व्‍हीकल (Electric Vehicle) या यूं कहें कि ईवी, न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर हैं, वे ट्रेडिशनल गैसोलीन से चलने वाले वाहनों की तुलना में ज्‍यादा इफेक्‍ट‍िव भी हैं। इसके अलावा, पेट्रोल और अन्य फ्यूल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से कई ग्राहकों ने इलेक्ट्रिक व्‍हीकल पर स्विच किया है। ईवी न केवल कॉस्‍ट इफेक्टिव है, बल्कि भारत में ईवी पर कई तरह‍ के टैक्‍स बेनिफ‍िट्स (Tax Benefits) भी हैं।  पर्सनल यूज के लिए कारों को भारतीय कर कानूनों के तहत लक्जरी प्रोडक्‍ट माना जाता है, इसलिए सैलरीड प्रोफेशनल्‍स को ऑटो लोन पर कोई टैक्‍स बेनिफ‍िट नहीं मिलता है।

इतना मिलता है टैक्‍स बेनिफ‍िट
भारत में इलेक्ट्रिक व्‍हीकल के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, सरकार ने एक नया सेगमेंट बनाया जो ईवी मालिकों को टैक्‍स बेनिफि‍ट प्रदान करता है। भारत में, इलेक्ट्रिक व्‍हीकल मॉडल की कोई कमी नहीं है, और बढ़ती बिक्री के साथ, विभिन्न निर्माता आने वाले वर्ष में नए मॉडल पेश करने की योजना बना रहे हैं। ईवी लोन का भुगतान करते समय, धारा 80ईईबी के तहत 1,50,000 रुपए तक की कुल टैक्‍स छूट मिलती है। यह टैक्स ब्रेक चार पहिया और दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने पर लागू है।

क्‍या है एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
केवल इंड‍िविजुअल्‍स ही इस टैक्‍स बेनिफ‍िट का लाभ ले सकते हैं। कोई अन्य टैक्‍सपेयर्स इस कटौती के लिए पात्र नहीं है। नतीजतन, आप इस प्रावधान के तहत किसी भी लाभ का दावा नहीं कर सकते हैं यदि आप एक एचयूएफ, एओपी, पार्टनरशिप फर्म, कंपनी या किसी अन्य प्रकार के टैक्‍सपेयर्स हैं।

धारा 80ईईबी पर लागू होने वाली शर्तें

केंद्र सरकार दे रही है इस तरह की और राहतें
पेरिस जलवायु समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए, केंद्र ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पहल की है और राज्य सरकारों को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया है। अगस्त में, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने घोषणा की कि इलेक्ट्रिक वाहनों को "पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या नवीनीकृत करने के उद्देश्य से शुल्क से छूट दी जाएगी। पिछले वर्षों में, सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 5 फीसदी तक घटाया है। फोर व्‍हीलर ईवी हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग (FAME-II) कार्यक्रम के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए की सब्सिडी अर्जित कर सकते हैं, जबकि दोपहिया वाहनों को उनके खरीद मूल्य के 40 फीसदी तक की सब्सिडी मिल सकती है। राज्य सरकारें FAME-II के तहत दिए गए इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर प्रोत्साहन और सब्सिडी भी प्रदान कर रही हैं।

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राज्‍यों की ओर से दी जा रही है छूट
इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल और एसयूवी पर, महाराष्ट्र 2.5 लाख रुपए की अधिकतम सब्सिडी प्रदान करता है, जबकि दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार और पश्चिम बंगाल 1.5 लाख रुपए की अधिकतम सब्सिडी प्रदान करता है। ओडिशा में भी 1 लाख रुपए की सब्सिडी मिलती है, जबकि मेघालय में 60,000 रुपए की सब्सिडी मिलती है। इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए दिल्ली, महाराष्ट्र, मेघालय, गुजरात, असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और ओडिशा में 5,000 रुपए से 30,000 रुपए तक की सब्सिडी मिलती है। इनमें से अधिकांश राज्य इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनी ईवी पॉलिसी के हिस्से के रूप में सड़क शुल्क का भुगतान करने से छूट देते हैं। राजस्थान, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश सभी इलेक्ट्रिक वाहनों को रोड टैक्स से पूरी तरह छूट देते हैं, हालांकि वे कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रोत्साहन नहीं देते हैं।

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