CBSE स्टूडेंट्स को बड़ी राहत: अब आराम से बदल सकते हैं 10वीं-12वीं के सर्टिफिकेट्स में नेम-सरनेम

दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को सलाह दी कि वे स्टूडेंट्स के लिये 10 वीं और 12वीं क्लास की मार्कशीट और सर्टिफिकेट्स में उनके नाम, उपनाम और अन्य जानकारियों को बदलने के लिये एक व्यवस्था बनाएं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 15, 2020 5:51 AM IST / Updated: Oct 15 2020, 11:28 AM IST

करियर डेस्क. CBSE Board: दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन को सलाह दी कि वे स्टूडेंट्स के लिये 10 वीं और 12वीं क्लास की मार्कशीट और सर्टिफिकेट्स में उनके नाम, उपनाम और अन्य जानकारियों को बदलने के लिये एक व्यवस्था बनाएं। इसके लिए उन्हें कोर्ट का दरवाजा न खटखटाना पड़े। जब वे ऐसा करते हैं तो केवल वकीलों के लिए अच्छा होता है, संस्थान के लिए नहीं। इसके साथ ही उन्होंने सलाह दी कि बोर्ड, फॉर्म में एक कॉलम या स्पेस दे जहां स्टूडेंट्स को जो भी बदलाव वे करना चाहते हों, वह करने की छूट हो।

मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने इस संबंध में बड़ी संख्या में दायर याचिकाओं को देखते हुए सीबीएसई से इस सुझाव पर विचार करने को कहा।

क्या कहा पीठ ने -
कोर्ट ने इस बारे में बोलते हुए कहा कि ‘‘ फार्म में एक कॉलम दें, जहां लोग बदलाव कर सकें।  यह उनका नाम, उपनाम है आपका नहीं। उन्हें जितनी बार चाहिए बदलाव करने दीजिए। आखिर सभी विद्यार्थी इसकी मांग नहीं कर रहे हैं।’’

सुनवाई के दौरान सीबीएसई की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि बोर्ड किसी की पहचान को प्रमाणित नहीं करता। साथ ही उन्होंने कहा कि वह पहली बार दी गई सूचना को महज दर्ज करता है।

इस पर पीठ ने जवाब दिया,‘‘ आप पहचान प्रमाणित नहीं कर रहे हैं। आप प्राप्त सूचना के आधार पर सर्टिफिकेट तैयार करते हैं।  इसलिये, फिर चाहे वह पहली, दूसरी या तीसरी बार हो, आप यह बदलाव मुहैया कराई गई सूचना के आधार पर करें।’’

क्या था मामला -
अदालत, एकल पीठ द्वारा मार्च में दिए गए फैसले के खिलाफ सीबीएसई की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एकल पीठ ने छात्रा की याचिका पर उसकी 10 वीं और 12वीं कक्षा की मार्कशीट और सर्टिफिकेट में मां का नाम बदलने का निर्देश दिया था। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।

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