केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा,‘‘ जैसा कि सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को एनसीईआरटी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करने की सलाह दी गई है, जिसके तहत और इन सभी टॉपिक्स को उसके तहत लाया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण उठाया गया यह एक बार का कदम है।
नई दिल्ली। सीबीएसई के पाठ्यक्रम से कुछ टॉपिक्स हटाए जाने को लेकर विवाद हो रहा है। हालांकि इसपर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा है इसपर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बता दें कि विपक्ष का आरोप है कि एक खास तरह की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए भारत के लोकतंत्र और बहुलतावाद संबंधी पाठों को ‘‘हटाया’’ जा रहा है।
मंत्री ने किया ट्टीट
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कई ट्वीट किए। उन्होंने लिखा,‘‘सीबीएसई के पाठ्यक्रम में कुछ टॉपिक्स को हटाए जाने के बारे में बहुत सी मनगढंत टिप्पणियां की जा रही हैं। इन टिप्पणियों के साथ समस्या यह है कि वे गलत विमर्श को फैलाने के लिए चुनिंदा विषयों को जोड़कर सनसनीखेज बना रहे हैं।
इसलिए उठाया गया ये कदम
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा,‘‘ जैसा कि सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को एनसीईआरटी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करने की सलाह दी गई है, जिसके तहत और इन सभी टॉपिक्स को उसके तहत लाया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण उठाया गया यह एक बार का कदम है।
छात्रों के तनाव कम करने लिए लिया निर्णय
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा,‘‘ इसका एकमात्र उद्देश्य सिलेबस को 30 प्रतिशत तक कम करके छात्रों के तनाव को कम करना है। यह कदम हमारे ‘‘सिलेबसफॉरस्टूडेंट्स 2020’’ अभियान के माध्यम से शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों पर विचार करके और विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह और सिफारिशों पर उठाया गया है।