सार

Muhavare: सरकारी परीक्षाओं में सफलता के लिए मुहावरों की गहरी समझ आवश्यक है। यह लेख प्रमुख मुहावरों और उनके अर्थों की व्याख्या करता है, जो परीक्षा में आपके अंक बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

प्रतियोगिता परीक्षा, चाहे वह UPSC हो, SSC या अन्य कोई सरकारी परीक्षा, में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए न केवल सामान्य ज्ञान बल्कि भाषा का सही उपयोग भी महत्वपूर्ण है। खासतौर पर हिंदी भाषा में मुहावरों का सही अर्थ और उनका संदर्भ समझना आवश्यक होता है। मुहावरे वह वाक्यांश होते हैं जिनका शाब्दिक अर्थ कुछ और होता है, लेकिन व्यावहारिक रूप में उनका अर्थ अलग होता है। प्रतियोगिता परीक्षाओं में मुहावरे के अर्थ, उनके उपयोग और विस्तार से समझने की आवश्यकता होती है। यहां हैं कुछ प्रमुख मुहावरे और उनके अर्थ, जो परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं।

मुहावरा- "अंगूठा दिखाना"

मुहावरे का अर्थ: किसी के प्रयासों या काम को नकारना या नजरअंदाज करना। जब कोई व्यक्ति दूसरे के प्रयत्नों को नजरअंदाज करता है और उसका उपहास उड़ाता है, तो उसे ‘अंगूठा दिखाना’ कहते हैं। यह मुहावरा अकसर किसी को नजरअंदाज करने या उसे नकारने के लिए प्रयोग किया जाता है।

मुहावरा- "अंधे के हाथ बड़ौदी लगना"

मुहावरे का अर्थ: बिना किसी प्रयास के अचानक कोई अच्छा अवसर मिलना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को बिना किसी मेहनत या प्रयास के अच्छा परिणाम या लाभ मिल जाए। इसे अक्सर किसी व्यक्ति के भाग्य के अचानक पलट जाने को दर्शाने के लिए कहा जाता है।

मुहावरा- "घाघ की सियार की तरह छलना"

मुहावरे का अर्थ: चालाकी से दूसरों को धोखा देना। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति बहुत ही चतुराई से किसी को धोखा देता है। घाघ एक ऐसा पात्र है जो अक्सर चतुराई से अपनी मंशा पूरी करता है।

मुहावरा- "घी का दीपक जलाना"

मुहावरे का अर्थ: किसी काम में अत्यधिक खर्च करना या किसी चीज की बर्बादी करना। यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति किसी कार्य या उद्देश्य के लिए बहुत अधिक खर्च करता है या अत्यधिक पैसा लगा देता है। यह कहा जाता है जब कोई चीज अधिक बर्बाद होती है।

मुहावरा- "अपनी जेब का सौदा करना"

मुहावरे का अर्थ: अपने स्वयं के फायदे के लिए कुछ करना। यह मुहावरा तब उपयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए किसी का हक मारता है या किसी कार्य में नफा-नुकसान का विचार करता है। इसे स्वार्थी दृष्टिकोण से किसी चीज को करने के लिए कहा जाता है।