मिड डे ही नहीं स्कूल में अब मिलेंगे दाल-चावल और गेंहू भी, दिल्ली सरकार ने की 'राशन किट' की घोषणा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात की घोषणा की मार्च से ही सारे स्कूल बंद हैं इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है। ये फैसला लॉकडाउन के कारण बच्चों के परिवारों में राशन-रोजगार आदि की कमी को देखकर लिया गया है।  

Asianet News Hindi | Published : Dec 30, 2020 1:23 PM IST / Updated: Dec 30 2020, 06:59 PM IST

करियर डेस्क. दिल्ली में सरकार ने एक नई पहल शुरू की अब स्कूल में बच्चों को शिक्षा ही नहीं राशन भी मिलेगा। सरकार 6 महीने के लिए मिड-डे-मील स्कीम के तहत छात्रों को ड्राई राशन (गेंहू, चावल, दालें, तेल आदि) उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस बात की घोषणा की मार्च से ही सारे स्कूल बंद हैं इसलिए सरकार ने यह फैसला लिया है। ये फैसला लॉकडाउन के कारण बच्चों के परिवारों में राशन-रोजगार आदि की कमी को देखकर लिया गया है।  

 बच्चों के पौष्टिक आहार की चिंता

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को मंडावली स्थित एक सरकारी स्कूल से इसकी शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों के पौष्टिक आहार की चिंता है। इसलिए हमने सूखा राशन देने का फैसला किया है।

पैसा देने से बेहतर है राशन देना

उन्होंने कहा कि बीते 9 महीनों में बच्चों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा है। इस बात की चिंता थी कि जो बच्चे मिड डे मील खाते होंगे उनका क्या होगा। उन्होंने ये भी कहा कि पहले सोचा था कि मिड डे मील का जो पैसा बनता है, वह अभिभावकों के खाते में डाल दिया जाए। लेकिन सुझाव आया कि पैसा कही और खर्च हो जाएगा। उससे बेहतर राशन दिया जाए। आज राशन देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।

राशन किट के मिलेगी सुविधा

दिल्ली सरकार पहली से लेकर आठवीं तक के करीब 8 लाख स्कूली बच्चों को राशन किट देगी। राशन किट में गेहूं, चावल, तेल और दाल दी जा रही है। बच्चों के अभिभावक स्कूलों से राशन प्राप्त कर सकेगें। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों के बंद रहने तक ये योजना चलती रहेगी। 

लॉकडाउन में रोजाना 10 लाख लोगों को खिलाया खाना

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लॉकडाउन सबसे मुश्किल दौर था। लॉकडाउन में सब कुछ बंद हो गया था। रोजी-रोटी खत्म हो गई। नौकरी चली गई, दुकानें बंद हो गईं। खास तौर पर वो आदमी, जो रोज कमाता है और रोज खाता है। उसके लिए तो खाने के लाले पड़ गए थे। उस समय दिल्लीभर में 10 लाख लोगों के लिए रोज खाना बनता था। स्कूलों में लंच और डिनर व्यवस्था दिल्ली सरकार करती थी। उस दौरान हमने तीन महीने तक दिल्ली की 50 फीसदी आबादी को गेहूं, चावल, दाल, तेल और मसाले तीन महीने दिया ताकि कोई भूखा न रहे।

दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद हैं। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती राजधानी में स्कूल खुलने की संभावना नहीं है। ऐसे में सरकार बच्चों की हेल्थ की चिंता के चलते राशन पहुंचा रही है।

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