18 देशों से 55 रिसर्च ऑफर पाने वाले छात्र के सामने आर्थिक संकट, कई बड़े नेताओं को लेटर लिख कर मांगी मदद

कोविड महामारी के दौरान भारत में आर्थिक चुनौती झेल रहे परिवारों के कई छात्र अपनी सफलता की इबारत लिखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। टीआईईटी पटियाला में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र अभिषेक अग्रहरी भी उनमें से एक हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 9, 2021 1:53 PM IST

करियर डेस्क.  समूचा विश्व कोरोना जैसी महामारी से पार पाने के लिए संघर्षरत है। ऐसे में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 21 वर्षीय छात्र अभिषेक अग्रहरी ने प्रतिकूल परिस्थितियों को मात देते हुए अपनी उम्र से भी अधिक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस समेत 18 देशों के 55 प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से शोध से जुड़े कई रिसर्च ऑफर हासिल किये हैं। इंजीनियरिंग के अलावा उन्हें कई देशों के प्रतिष्ठित संस्थानों से गणित के क्षेत्र में भी शोध का प्रस्ताव मिला है। उनकी नज़रें अब देश के लिए ‘‘फ़ील्ड्स मेडल’’ और ‘‘नोबेल’’ लाने पर टिकी हैं और इसी दिशा में उनका सारा प्रयास समर्पित है।

देश के लिए नोबेल जीतने का सपना
कोविड महामारी के दौरान भारत में आर्थिक चुनौती झेल रहे परिवारों के कई छात्र अपनी सफलता की इबारत लिखने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। टीआईईटी पटियाला में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र अभिषेक अग्रहरी भी उनमें से एक हैं। पिछले एक साल में 18 देशों के शीर्ष संस्थानों से विज्ञान और गणित की कई विधाओं में 55 से अधिक अंतरराष्ट्रीय शोध प्रस्ताव हासिल करने वाले अभिषेक के परिवार को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शोध कार्य के लिए जनवरी, 2022 से प्रतिष्ठित विदेशी विश्वविद्यालयों का दौरा करने और अपने सपने – “देश के लिए नोबेल पुरस्कार (विज्ञान में) और फील्ड मेडल जीतने” को साकार करने के लिए उन्हें प्रायोजकों की तलाश है।

अभिषेक ने कहा , "इसके लिए विस्तृत शोध अध्ययन, लगनशीलता और वित्तीय सहायता के साथ साथ कठोर परिश्रम करना पड़ता है। विडंबना यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर मेरा परिवार मेरे शोध कार्य के लिए आर्थिक समर्थन करने में सक्षम नहीं है। जीवन हमारे लिए कभी आसान नहीं रहा। पिछले साल मेरे पिता की नौकरी छूटने के बाद सारी परेशानियाँ शुरू हो गयीं। प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहा परिवार गंभीर वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहा है”।

बड़े नेताओं से मांगी मदद
परिस्थितियों के मद्देनज़र उन्होंने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई है। इसके अलावा उन्होंने बर्दवान आसनसोल से भाजपा सांसद एसएस अहलुवालिया, पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर को भी पत्र लिखा है।     

अभिषेक ने कहा, “अभी मैं शुद्ध और अनुप्रयुक्त गणित से लेकर संघनित पदार्थ भौतिकी, सामग्री विज्ञान, रसायन विज्ञान और रासायनिक जीव विज्ञान तक विभिन्न अनुसंधान विषयों पर आठ संस्थानों के साथ रिमोटली कोलैबोरेशन कर रहा हूँ। मेरे पास जनवरी से अगले साल के लिए शीर्ष विदेशी विश्वविद्यालयों से कई प्रस्ताव निर्धारित हैं। मुझे अपने शोध संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रायोजकों की आवश्यकता होगी। ”

कई फील्ड में कर रहे हैं काम
अभिषेक हर दिन कुछ नया तलाशने की निरंतर इच्छा में विश्वास करते है। ’‘शोध ने मुझे शुरू से ही आकर्षित किया है क्योंकि मुख्यधारा में जो किया गया है उसका अनुसरण करना मुझे पसंद नहीं है। मैं लगातार कुछ नया तलाशना चाहता हूं।'' उन्होंने कहा कि उन्हें अपने शोध के लिए अन्य स्रोतों से अध्ययन करना होगा क्योंकि जिन विषयों पर वह ध्यान केंद्रित कर रहे हैं उन्हें स्नातक स्तर पर पढ़ाया नहीं जाता है और अधिकतर शोध पोस्ट-डॉक्टरल या पीएचडी स्तर के दौरान किए जाते है। उन्होंने कहा, "चूंकि मेरा सारा काम अनुसंधान उन्मुख है और एक बहु-विषयक होने के नाते मैं शुद्ध गणित, यांत्रिक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, सामग्री विज्ञान, भौतिकी और पेनरोज़ औपचारिकता से लेकर विभिन्न पहलुओं को सीखता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे अनुसंधान का क्षेत्र अब से कुछ साल बाद फील्ड्स और नोबेल के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा'' ।

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