
How Railways Decide Train Cancellation: हर साल सर्दियों में उत्तर भारत में कोहरा अपनी चरम पर होता है। कई इलाकों में सुबह से रात तक धुंध छाई रहती है, जिससे ट्रेनों के सामने कुछ मीटर तक भी साफ नजर नहीं आता। ऐसे में दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है। इसी वजह से रेलवे कई रूट्स पर ट्रेनों की संख्या कम कर देता है ताकि कम विजिबिलिटी में भी ऑपरेशन सुरक्षित तरीके से हो सके। लेकिन सवाल यही उठता है, रेलवे किन ट्रेनों को रोकता है, किस आधार पर ट्रेन कैंसिल करने का फैसला होता है और यात्रियों की रोजमर्रा की यात्रा पर क्या असर पड़ता है? जानिए
कोहरे के दौरान ट्रेनें कई कारणों से रद्द की जाती हैं, जिसमें हैं-
रेल मंत्रालय के अनुसार रेलवे सबसे पहले कम पैसेंजर वाली ट्रेनों को रद्द करता है। जिन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या ज्यादा होती है, उन्हें चलाने की कोशिश की जाती है। इससे यात्रियों को कम से कम दिक्कत होती है। लक्ष्य यह होता है कि अधिक भीड़ वाली या जरूरी ट्रेनों को बंद न किया जाए यानी फैसला पूरी तरह ऑक्यूपेंसी रेट (Train Load) पर आधारित होता है।
रेल मंत्रालय के मुताबिक, यह वे ट्रेनें होती हैं जो सीजनल भीड़ को संभालने के लिए चलाई जाती हैं इन्हें स्पेशल ट्रेनें कहा जाता है जरूरत पड़ने पर इनका संचालन रोका जा सकता है। क्योंकि ये नियमित यानी रेगुलर सर्विस का हिस्सा नहीं होतीं। इस वजह से कोहरे के दौरान इन्हें सबसे पहले रोका जाता है।
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नहीं। रेलवे सभी स्पेशल ट्रेनें बंद नहीं करता। रेलवे उन ट्रेनों को रद्द करता है जो, कोहरे वाले रूट्स पर चल रही हों और जहां कई दिनों से यात्रियों की संख्या बहुत कम हो। इसके लिए रेलवे अब AI और डेटा एनालिसिस का इस्तेमाल करता है। कौन सी ट्रेनें लगातार खाली जा रही हैं, किनकी कैंसिलेशन से यात्रियों को कम परेशानी होगी, किस रूट पर ट्रैफिक ज्यादा प्रभावित नहीं होगा इस पूरे स्टडी के बाद ही ट्रेनें रद्द करने का फैसला लिया जाता है।
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