Labour Day 2023 : इन देशों में सबसे ज्यादा देर तक काम करते हैं कर्मचारी, एक जगह तो जबरन छुट्टी पर भेजा जाता है

साल 2020 में दुनिया कोरोना की चपेट में थी, तब जापान में कर्मचारियों को काम के घंटों में करीब 20 प्रतिशत की कमी की गई थी, ताकि वे अपना वक्त फैमिली को दे सके। इतना ही नहीं, हर कर्मचारी को करीब 940 डॉलर दिए गए थे, ताकि वे फैमिली के साथ मौज कर सकें।

Satyam Bhardwaj | Published : May 1, 2023 11:11 AM IST

करियर डेस्क : 1 मई को पूरी दुनिया लेबर डे (Labour Day 2023) मनाती है। इस दिन दुनियाभर में नौकरीपेशा लोगों के काम पर चर्चा होती है। आपको ऑफिस में 8 घंटे की जॉब करनी पड़ती होगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां 12-12 घंटे तक काम ही चलता रहता है। इन देशों में कर्मचारियों की हालत काफी खराब है। यूरोपीय संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इकनॉकमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) की तरफ से एक सर्वे किया गया है, जिसमें बताया गया है कि दुनिया में किन देशों में सबसे ज्यादा देर तक नौकरी चलती है। आइए जानते हैं..

इस देश में सबसे ज्यादा घंटे तक नौकरी

OECD की रैंकिंग की बात करें तो सबसे ज्यादा घंटे तक काम मैक्सिको के लोग करते हैं। यहां सालभर में एक कर्मचारी एवरेज 2,127 घंटे तक काम करता है। यहां की कंपनियां अपने वर्कर को छुट्टियां भी काफी कम देती हैं। बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट बताती है कि मैक्सिको में एक साल में सिर्फ 10 पेड लीव है। यहां 26.6 प्रतिशत कर्मचारी काम के इतने घंटों की शिकायत लगातार कर रहे हैं लेकिन अब तक कोई सख्त कानून या नियम नहीं बन पाया है।

इन देशों में भी करना पड़ता है सबसे ज्यादा काम

कोस्टारिका मध्य अमेरिका का एक देश है। काम के घंटे के मामले में यह दूसरे नंबर पर आता है। यहां एक कर्मचारी सालभर में करीब 2060 घंटे तक काम करता है। इसके बाद साउथ कोरिया का नंबर आता है, जहां काम ज्यादा होता था लेकिन साल 2018 में सरकार ने नियम बनाया और काम के घंटों को कम किया। हालांकि, इस नियम के बाद भी वहां हफ्ते में 52 घंटे काम करना पड़ता है। विकसित देशों में सबसे ज्यादा काम यहीं किया जाता है।

रूस के लोग भी करते हैं ज्यादा देर तक नौकरी

ज्यादा काम करने के मामले में रूस का नंबर भी आता है। यहां हफ्ते में 40 घंटे ही काम करना पड़ता है। ओवरटाइम करना चाहते हैं तो भी 50 घंटे से ज्यादा करने की इजाजत नहीं है। रूस में छुट्टियां भी अच्छी मिलती है। यहां, पब्लिक हॉलिडे के अलावा साला में 28 छुट्टियां दी जाती है।

यहां काम के घंटे कम करने की चर्चा

ज्यादा देर तक काम करने की वजह से कर्मचारी थक जाते हैं और अपनी फैमिली को टाइम नहीं दे पाते हं। इस वजह से कई देशों में जन्मदर में गिरावट दर्ज की गई है। इसका असर साउथ कोरिया में देखने को मिला है। पिछले 3 दशकों में यहा बुजुर्गों की आबादी काफी बढ़ गई है।

जापान में जबरन छुट्टी पर भेजे जाते हैं कर्मचारी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में इसी साल ई-कॉमर्स कंपनी Pinduoduo में काम के प्रेशर के चलते दो कर्मचारियों की मौत हो गई। रात में डेढ़ बजे तक काम के बाद एक कर्मचारी अचानक से गिर गया और उसकी मौत हो गई। बात बाहर आती इसके पहले ही दबा दी गई। चीन में अलीबाबा के संस्थापक ने भी देर तक काम की वकालत की थी। काम करने के मामले में जापान में लोग सनकी माने जाते हैं। यहां ज्यादातर कर्मचारी इसलिए छुट्टी नहीं लेते ताकि कंपनी को कोई नुकसान न हो जाए। यहां लगों को काम की लत लग चुकी है। वे दिन में 16-16 घंटे तक काम करते हैं। हालत ये है कि हर कर्मचारी को साल में 10 पेड लीव मिलती हैं लेकिन वे छुट्टियां ही नहीं लेते हैं। इसलिए उन्हें कंपनी एक समय पर जबरदस्ती छुट्टी पर भेजती है।

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