Aditya L1 Launch : आप भी लाइव देख सकते हैं आदित्य एल1 की लॉन्चिंग, जानें कहां और कब?

Published : Aug 30, 2023, 02:07 PM ISTUpdated : Sep 01, 2023, 11:43 AM IST
Aditya l1

सार

चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य-एल1 को लेकर काफी उत्साह है। इस मिशन से देश को काफी उम्मीदें हैं। इसरो ने आम नागरिकों के लिए इस मिशन को लाइव देखने की व्यवस्था की है। 

करियर डेस्क : भारत का पहला सूर्य मिशन 'आदित्य-एल1' लॉन्च होने को पूरी तरह तैयार है। 2 सितंबर की सुबह 11:50 बजे इस मिशन को लॉन्च कर दिया जाएगा। अगर आप भी इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनना चाहते हैं और ISRO के श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से आदित्य 1 की उड़ान देखना चाहते हैं तो रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। देश के सभी नागरिकों के लिए इसरो ने रजिस्ट्रेशन विंडो ओपन कर दिया है। आइए जानते हैं Aditya L1 की लाइव उड़ान देखने के लिए कहां रिजस्ट्रेशन कर सकते हैं...

आदित्य L1 कहां से लॉन्च होगा

आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोट में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र है। इसे स्पेसपोर्ट के तौर पर जाना जाता है। भारत अपना सभी स्पेस मिशन यहीं से लॉन्च करता है। चंद्रयान-3 की तरह आदित्य एल1 भी यहीं से लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन को लॉन्च करने के लिए पोलर सैटेलाइट व्हीकल (PSLV-C57) का इस्तेमाल इसरो कर रहा है।

आदित्य L1 की लाइव लॉन्चिंग कैसे देखें

अगर आप भी देश के पहले सूर्य मिशन आदित्य L1 की लाइव उड़ान श्रीहरिकोटा में लॉन्च व्यू गैलरी से देखना चाहते हैं तो इसरो की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन की विंडो 29 अगस्त से खुल गई है। इस डायरेक्ट लिंक https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp पर जाकर आप रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इस मिशन का लॉन्च कार्यक्रम यूट्यूब पर भी लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। दुनियाभर में इसे देखा जा सकेगा।

आदित्य एल-1 मिशन क्या है

सूर्य की निगरानी और उसके बारें में ज्यादा जानकारी हासिल करने के लिए आदित्य एल-1 मिशन पहला इंडियन स्पेस मिशन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस मिशन से अलग-अलग तरह के डेटा जुटाकर ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे पृथ्वी को होने वाले किसी भी तरह के नुकसान के बारें में पहले ही जानकारी मिल सकेगी। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों के साथ मौसम पर इसके प्रभाव का ज्यादा असर और लाभ मिलेगा। आदित्य एल 1 को लैग्रेंज पॉइंट 1 पर भेजा जा रहा है, जो पृथ्वी से करीब 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है। इस जगह पर ग्रहण का असर नहीं पड़ता और सूर्य को लगातार देखा जाता रहेगा।

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