
IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग की यूपीएससी परीक्षा 2021 का रिजल्ट 30 मई को घोषित किया गया। इसमें एक बार फिर लड़कियों ने बाजी मारी। टॉप रैंक पानी वाली बिजनौर की श्रुति शर्मा के अलावा दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर भी लड़कियां ही हैं। बता दें कि प्रयागराज की रहने वाली अंशुल ने इस UPSC 2021 में देशभर में 435वीं रैंक हासिल की है। अंशुल का आईएएस बनने का सपना भले ही पूरा हो गया है, लेकिन उनका ये सफर इतना आसान भी नहीं रहा।
अंशुल सिंह ने प्रयागराज के बिशप जॉनसन स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री ली। अंशुल जियोग्राफी से एमए भी हैं। इस सब्जेक्ट से उन्होंने 2017 में सबसे पहले यूपीएससी की परीक्षा दी।
फर्स्ट अटैम्प्ट में प्री भी नहीं निकाल पाई थीं अंशुल :
अंशुल के मुताबिक, अपने फर्स्ट अटैम्प्ट में वो प्री परीक्षा भी क्वालिफाई नहीं कर पाई थीं। इसकी वजह उनकी कमजोर तैयारी थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा अगले साल यानी 2018 में परीक्षा दी लेकिन दुर्भाग्य से उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया। दो बार असफलता पाने के बाद भी अंशुल ने हिम्मत नहीं हारी।
2019 में अंशुल इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन..
अंशुल सिंह ने 2019 में एक बार फिर यूपीएससी का एग्जाम दिया। इस बार वो इंटरव्यू तक पहुंच गईं। लेकिन जियोग्राफी का पेपर बिगड़ने की वजह से वो महज कुछ मार्क से सिलेक्ट होते-होते रह गईं। कामयाबी के इतने पास पहुंचकर भी वो सिलेक्ट नहीं हुईं तो थोड़ी निराशा हुई। इसके बाद अंशुल ने 2020 में फिर ट्राई किया लेकिन इस बार भी प्रीलिम्स में रुक गईं।
2021 में अंशुल सिंह सिलेक्ट होकर ही मानीं :
इसके बाद अंशुल ने ठान लिया था कि वो यूपीएससी जरूर क्रैक करेंगी। 2021 के लिए उन्होंने प्री-परीक्षा की जोरदार तैयारी की। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली। अपने फिक्स नोट्स और सिलेक्टिव चीजों पर फोकस किया। अंशुल ने पढ़ाई के घंटे गिनने की जगह सीरियस और क्वालिटेटिव पढ़ाई पर ध्यान दिया। नतीजा 2021 की परीक्षा में उन्हें ऑल इंडिया 435वीं रैंक मिली।
अंशुल सिंह ने ऐसे पाई कामयाबी :
- अंशुल सिंह के मुताबिक, करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए मैंने कई वेबसाइट्स के अलावा यूट्यूब की भी मदद ली। कई बार किताबों से लगातार पढ़ने में बोरियत होने लगती है, ऐसे में इंटरेस्ट जगाने के लिए संबंधित विषयों के यूट्यूब वीडियो ने मेरी बहुत मदद की।
- अंशुल के मुताबिक, मैं हर रोज कम से कम 6 से 8 घंट जरूर पढ़ती थी। इसके लिए मैंने न तो कोई छुट्टी का दिन देखा और ना ही ये सोचा कि आज तो संडे है, थोड़ा कम भी चलेगा।
- सबसे खास बात ये है कि मैं अपनी जॉब के साथ-साथ पढ़ाई करती थी। कई बार नौकरी की वजह से ज्यादा टाइम नहीं मिल पाता था तो सिर्फ क्वालिटी स्टडी पर फोकस किया।
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