सुसाइड के काफी मामले आ रहे हैं, समाधान क्या? ऐसे सवालों के जवाब ने आदित्य सिंह को बनाया UPSC 2020 का टॉपर

 मुजफ्फरनगर के तितावी गांव के रहने वाले आदित्य सिंह (Aditya Singh) ने 2020 में यूपीएससी का एग्जाम क्वालीफाई किया है। उन्होंने बताया कि उनसे इंटरव्यू में कई तरह के सवाल किए गए थे। इन सवालों के जवाब उन्होंने बड़ी सरलता के साथ दिए। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2021 11:17 AM IST / Updated: Feb 05 2022, 03:19 PM IST

करियर डेस्क.  UPSC का एग्जाम देने वाले कैंडिडेट्स को कई तरह के सवालों के जवाब देने होते हैं। सही सवालों के जवाब देने वाले कैंडिडेट्स को सरकारी नौकरी मिलती है। मुजफ्फरनगर के तितावी गांव के रहने वाले आदित्य सिंह (Aditya Singh) ने 2020 में यूपीएससी का एग्जाम क्वालीफाई किया है। उन्होंने बताया कि उनसे इंटरव्यू में कई तरह के सवाल किए गए थे। इन सवालों के जवाब उन्होंने बड़ी सरलता के साथ दिए। गंगा की सफाई के लिए यूपी सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं उनसे कई तरह के सवाल किए गए थे। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi UPSC 2020 में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने आदित्य से बातचीत की। आइए जानते हैं उनसे किस तरह के सवाल किए गए और उनके जवाब क्या हैं।  


सवाल- गंगा की सफाई के लिए यूपी सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं?
जवाब-
सरकार काफी अलग-अलग दृष्टिकोण के साथ कदम उठा रही है। गंगा नदी से लगे हुए शहरों के पानी को शोधित करने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं ताकि गंगा नदी में वेस्ट डिस्चार्ज न हो। उसके साथ-साथ लोगों को भी जागरूक कर रहे हैं। इसे गंगा प्रहरी के तौर पर जाना गया। इसे जनआंदोलन बना रहे हैं। आर्गेनिक फॉर्मिंग को भी प्रमोट कर रहे हैं ताकि गंगा के किनारे जो खेती योग्य भूमि है। उसमें रासायनिक खादों का इस्तेमाल कम हो सके। अगर उनका इस्तेमाल कम होगा तो नदियों के किनारे स्थित खेतों से नदी में जा रहे प्रदूषित पानी नहीं जाएगा। सरकार भूजल रिचार्ज पर भी ध्यान दे रही है। जिससे भूजल स्तर बढ़ेगा। नदी के पानी में भी बढोत्तरी होगी। सरकार सिर्फ रिवर गंगा पर ही फोकस नहीं कर रही है। बल्कि उसकी सहायक नदियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। जैसे हिंडन नदी के किनारे निर्बल हिंडन अभियान शुरू हुआ था। अगर हम सहायक नदियों पर भी फोकस करेंगे तो हम ज्यादा बेहतर कर सकेंगे।

सवाल- अब तक क्यों नहीं हुआ क्योंकि यह स्कीम बहुत पुरानी है?
जवाब-
हर बार हमने कुछ न कुछ एचीव किया। लेकिन एक सबसे बड़ी चीज थी कि अब से पहले हमने सिर्फ रिवर गंगा पर ही फोकस किया। उसकी सहायक नदियों पर फोकस नहीं किया था। इससे पहले लोगों को उससे जोड़ने की कोशिश नहीं कि। वर्ष 2014 से नमामि गंगे स्कीम के जरिए हमने इस चीज पर फोकस किया। कहीं न कहीं उस चीज का फायदा मिला है। अभी जाकर देखें तो पानी की क्वालिटी में काफी सुधार हुआ है।

सवाल- कोविड के समय इतने ज्यादा लोग घरों की तरफ वापस आए, उनके रोजगार के लिए सरकार ने क्या-क्या कदम उठाए हैं?
जवाब-
सरकार ने जमीनी स्तर पर बहुत सारे इनिशिएटिव लिए हैं। ठेले या रेहड़ी वालों के बैंक खातों में सरकार ने हजार-हजार रूपये ट्रांसफर किए ताकि उन्हें जीवन यापन में कोई दिक्कत नहीं हो। एमएसएमई वगैरह में फंड भी दिया गया ताकि यदि किसी के पास हुनर है तो वह अपना खुद का रोजगार वगैरह शुरू कर सके। अनाज भी बांटा गया ताकि कोई भी भूखा न रहे। यह जमीनी स्तर भी दिखायी भी दिया कि हम कोविड को अच्छे तरीके से रोक पाए। मनरेगा में भी काफी काम बढ़ा दिया गया था। केंद्र सरकार ने 50 हजार करोड़ की अतिरिक्त धनराशि सरकार को उपलब्ध करायी थी ताकि हम और ज्यादा रोजगार लोगों को उपलब्ध करा सकें।

सवाल- अभी कोविड फैल रहा है क्या आपको लगता है कि तीसरी लहर भी आ सकती है, उसके लिए सरकार ने क्या-क्या इनिशिएटिव लिए हैं?
जवाब-
एक्सपर्ट की राय देखी जाए और यदि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अन्य देशों की स्थिति पर विचार करें, चाहे वह इजरायल, पश्चिमी यूरोप या अमेरिका हो तो बाकि देशों के कोरोना केसेज में बढोत्तरी हुई है। यह संकेत दे रहा है कि तीसरी लहर आने की आशंका है। जैसा कहा गया है कि इलाज से बेहतर रोकथाम है, हमें इंतजार करने के बजाए पहले ही तैयारी करनी चाहिए। उसके लिए हमने पहले से ही तैयारी कर ली है। जैसी की आशंका थी कि तीसरी लहर में बच्चों पर असर पड़ सकता है। देश भर में आक्सीजन प्लांट स्थापित करने या फिर बच्चों के लिए पीकू की तरह हॉस्पिटल बनाने की बात हो, हमने यह सब बनाने शुरू किए। हमने वैक्सीनेशन पर भी पूरा जोर लगा दिया था कि ऐसा कुछ भी हो तो परिवार के बाकि सदस्य वैक्सीनेट हो चुके हों ताकि हम बेहतर तरीके से उससे निपट सके।

सवाल- आपने आईटी सेक्टर बेंगुलरू में काम किया है, आप स्कूल के समय में स्पोर्ट्स भी खेलते थे। आज के समय में देखने को मिलता है कि 40 की उम्र में ही लोगों को मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं आ रही हैं सुसाइड के काफी मामले सामने आ रहे हैं? 
जवाब-
जीवन में इतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। चाहे वह जॉब हो या पढ़ाई। यह सब करने के लिए हम घर से दूर रहते हैं। तो हमें इमोशनल सपोर्ट नहीं मिल पाता है। फिर जीवन इतना संतुलित नहीं है कि हम अपने लिए भी समय निकाल सकें, थोड़ा खेल लें, परिवार के साथ समय बिताएं। जिसकी वजह से कई बार यह तनाव हमारे उपर हावी हो जाता है।

सवाल- इसके समाधान क्या हो सकते हैं?
जवाब-
हमें स्वीकारना पड़ेगा कि यदि किसी को कोई दिक्कत है तो उसमें उसकी कोई गलती नहीं है। आज के समय में यदि किसी को मानसिक समस्या है तो उसे लोग उसे पागल बोलते हैं। अवयेरनेस के जरिए उसकी स्वीकार्यता बढ़े। हमारे सम्मानीय प्रधानमंत्रीजी ने भी कहा है कि अभिव्यक्ति अवसाद का समाधान है। आप दबाओगे तो वह चीज आपको परेशान करेगी। उसके अलावा अलग-अलग हितधारकों को बोलने की जरूरत है। चाहे कॉरपोरेट हाउसेज, आर्गेनाइजेशन या स्कूल-कॉलेज हों कि बच्चों के लिए हम अलग-अलग करिकुल एक्टिविटीज पर फोकस करें। जैसे योगा, स्पोर्ट्स, मेडिटेशन है। हमारे देश में इतने त्यौहार हैं, कभी दीपावली, ईद है। हर महीने कुछ न कुछ सेलिब्रेट करने का मौका मिलता है। यदि हम यह सब चीजें करें तो उसको इतना हावी होने का मौका नहीं मिलता है। लोगों को कम से कम प्लेटफार्म उपलब्ध कराए जाएं जहां वह अपनी समस्यांए साइक्लोजिस्ट से डिस्कस कर सकें। इसकी शुरुआत स्कूल से होनी चाहिए।

कौन हैं आदित्य सिंह
आदित्य सिंह का यूपीपीसीएस में सिलेक्शन हुआ है उन्हें 92वीं रैंक मिली है। आदित्य सिंह बचपन से औसत छात्र थे लेकिन स्कूल में अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेते थे। शुरूआती दिनों में वह सोचते थे कि सविल सर्विस में अच्छी पृष्ठभूमि से अच्छे बच्चे आते हैं। शुरू में उनमें झिझक थी कि ऐसे बच्चों से प्रतिस्पर्धा करनी है। उन्होंने बताया कि UPSC की तैयारी करने के साथ-साथ कई बातों पर ध्यान दिया जाता है। आदित्य कहते हैं कि आप जो भी परीक्षा दे रहे हैं, पहले उसकी जरूरतों को समझिए। यदि आप सविल सर्विस के लिए परीक्षा में बैठते हैं तो आप स्पष्ट रहिए। आपके पास इस सवाल का जवाब होना चाहिए कि आप सिविल सर्विस की परीक्षा में क्यों बैठ रहे हैं? यह जवाब आपको हताशा और निराशा के समय हिम्मत देगा। सोर्सेज का पता होना चाहिए। बहुत सारे सोर्सेज के पीछे भागने लगते हैं तो दिक्कत होती है। किसी भी टॉपर या कोचिंग को आंख बंद करके फॉलो मत करिए। 

 

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