बैंकिंग सेक्‍टर में बनाना चाहते हैं करियर तो क्लर्क और पीओ है बेहतर ऑप्शन, समझिए दोनों की प्रोफाइल

हर साल बड़ी संख्या में युवा बैंकिंग सेक्टर में जॉब पाने तैयारी करते हैं। IBPS के जरिए उनकी भर्तियां की जाती हैं। बैंक क्लर्क और बैंक पीओ दोनों पद के लिए अलग-अलग एग्जाम होते  हैं। दोनों परीक्षाओं में कई तरह की समानता होती हैं।

करियर डेस्क : एक जुलाई से IBPS ने बड़ी संख्या में बैंक क्लर्क की भर्तियां निकाली हैं। इसको लेकर पहले दिन ही उम्मीदवारों का उत्साह दिखाई दे रहा है। बैंकिंग सेक्टर वह सेक्टर है, जहां जॉब पाना युवाओं का सपना होता है। यह उनका पसंदीदा सेक्टर भी है। बैंक सरकारी हो या प्राइवेट दोनों जगह नौकरी काफी शानदार मानी जाती है। हर साल बड़ी संख्या में बैंकों में वैकेंसी बी निकलती है। यह वैकेंसी दो तरह की होती है, क्लर्क और बैंक पीओ (Bank PO and Clerk job)। ये दोनों ही पोस्ट पर काम करने को लेकर यूथ में क्रेज रहता है। आइए समझते  हैं दोनों प्रोफाइल को...

क्लर्क और पीओ का काम 
जब आप बैंक में जाते हैं तो कैश डिपॉजिट यानी पैसे जमान करने, पैसे निकालने, चेक जमा करने या पासबुक में एंट्री का जो काम करते हैं, वे क्लर्क होते हैं। यह बैंक का बैक बोन यानी रीढ़ की हड्डी माना जाता है। क्योंकि कई महत्वपूर्ण काम यह करता है। पीओ की बात करें तो इसका फुल फॉर्म प्रोबसनरी ऑफि‍सर होता है। यह दो साल की ट्रेनिंग के बाद बैंक में अधिकारी के तौर पर नियुक्त होते हैं। इनका काम किसे लोन देना है, किसे नहीं, कौन सा अकाउंट बंद करना है जैसे कई काम हर दिन करने पड़ते हैं।

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कैसे होती है क्लर्क और पीओ की नियुक्ति
इंस्‍टि‍ट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सिलेक्शन ( IBPS) हर साल बड़ी संख्या में बैंक क्लर्क और पीओ पोस्ट पर भर्तियां निकालता है। परीक्षा दो स्तर पर होती हैं। पहला प्री, दूसरा मेंस। इसमें पास होने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन के लिए बुलाया जाता है। जो भी यह क्लीयर कर लेता है, उन्हें नियुक्ति मिल जाती है। दोनों पदों की परीक्षा समान तरह से होती है। बस एग्जाम का लेवल थोड़ा का कठिन होता है।

कौन दे सकता है एग्जाम
बैंक क्लर्क और पीओ बनने के लिए किसी भी सब्जेक्ट में ग्रेजुएट होना जरुरी होता है। पीओ के लिए ग्रेजुएशन में 60 प्रतिशत रिजल्ट होना चाहिए। उम्मीदवार को लोकल भाषा आती हो, यह भी जरूरी है। इसके साथ ही कम्प्यूटर की भी अच्छी नॉलेज  होनी चाहिए। क्‍लर्क पद पर आवेदन के लिए उमीदवार की उम्र 20-28 साल होनी चाहिए जबकि पीओ के लिए 20-30 साल की आयु वाले योग्य हैं। आरक्षित वर्ग को उम्र सीमा में छूट मिलती है।

कितनी होती है सैलरी
अगर कोई बैंक क्लर्क के रुप में काम शुरू करता है तो शुरुआत में उसकी बेसिक सैलरी 35,000 रुपए होती है। इसके अलावा उसे कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं। वहीं, पीओ की शुरुआती सैलरी 50,000 से 70,000 रुपए होती है। उन्हें भी कई तरह के भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं।

प्रमोशन से बेहतर करियर 
बैंक क्लर्क का प्रमोशन पांच साल  के बाद किया जाता है। कुछ परीक्षाएं देकर दो से तीन साल में भी प्रमोशन पाया जा सकता है।  कोई क्लर्क प्रमोट होकर काम और अनुभव के आधार पर किसी बैंक का ईडी या सीएमडी बन सकता है। वहीं, एक पीओ प्रमोट होकर जीएम और सीएमडी लेवल तक पहुंच सकता है।

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