NEP: देश में होगी 'पीएम श्री स्कूल' की स्थापना, जानिए क्या होगी खासियत

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले 25 साल भारत को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों को डिजिटल शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 2, 2022 2:42 PM IST / Updated: Jun 03 2022, 12:44 AM IST

नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत पीएम श्री स्कूल की स्थापना की जाएगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को कहा कि केंद्र 'पीएम श्री स्कूल' स्थापित करने की योजना बना रहा है जिसका उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा और यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की प्रयोगशाला होगी। प्रधान गुजरात में दो दिवसीय राष्ट्रीय शिक्षा मंत्री सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

भारत में बनेगा ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था

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गुजरात में अपने संबोधन में धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि स्कूली शिक्षा वह नींव है जिस पर भारत ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनेगा। हम 'पीएम श्री स्कूल' स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जो छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित होंगे। उन्होंने कहा कि ये अत्याधुनिक स्कूल 'एनईपी 2020 की प्रयोगशाला' होंगे। उन्होंने कहा कि हम अपनी नई पीढ़ी को 21वीं सदी के ज्ञान और कौशल से वंचित नहीं कर सकते। पीएम श्री स्कूलों के रूप में एक फ्यूचरिस्टिक बेंचमार्क मॉडल बनाने के लिए अपने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और पूरे शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र से सुझाव और प्रतिक्रिया मांगता हूं।

स्कूली शिक्षा के साथ साथ कौशल विकास भी होगा

राष्ट्रीय शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि एनईपी के 5+3+3+4 दृष्टिकोण में प्री-स्कूल से सेकेंडरी स्कूल तक, प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा कार्यक्रम (ईसीसीई), शिक्षक प्रशिक्षण और वयस्क शिक्षा पर जोर, स्कूली शिक्षा के साथ कौशल विकास का एकीकरण और प्राथमिकता देना शामिल है। 21वीं सदी के वैश्विक नागरिकों को तैयार करने के लिए मातृभाषा में सीखना एक कदम है।

डिजिटल शिक्षा को मिले बढ़ावा

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले 25 साल भारत को एक ज्ञान अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हम सभी को मिलकर काम करना है, एक-दूसरे के अनुभवों और सफलताओं से सीखना है ताकि सीखने को और अधिक जीवंत बनाया जा सके और भारत को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके। प्रधान ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्रियों को डिजिटल शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें। शिक्षा को ग्लोबल बनाने के लिए हमारे राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे के विकास के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण ई-कंटेंट विकसित करने की दिशा में काम करें। 

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