National Statistics Day 2022 : कौन हैं पीसी महालनोबिस जिनके जन्मदिन पर मनाया जाता है राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस

महालनोबिस ने सांख्यिकी के साथ-साथ ही मानव विज्ञान और सैंपल सर्वे की दिशा में भारत को पहचान दिलाई। उन्होंने पश्चिमी देशों के कई सांख्यिकीय अध्ययनों में जातिगत आंकड़ों के इस्तेमाल में खामियां बताई। जिसे बाद में सुधारा गया।

करियर डेस्क : भारत में सांख्यिकीय विज्ञान के जनक प्रशांत चंद्र महालनोबिस (PC Mahalanobis) की आज जयंती है। उनके जन्मदिन के मौके पर उनके योगदान को समर्पित करते हुए हर साल 29 जून को राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day 2022) मनाया जाता है। 1947 में आजादी के बाद भारत के एक नए सिरे से शुरुआत करनी थी। नए राष्ट्र का निर्माण होना था। देश निर्माण की प्रक्रियाएं चल रही थी, देश में विकास की योजनाएं चलाई जानी थी, तब सांख्यिकीय आंकड़ों को इकट्ठा करने की भी जरूरत थी। उस वक्त सांख्यिकी से इस काम का आसान बना दिया था पीसी महालनोबिस ने। आइए जानते हैं उनके बारें में...

पहले योजना आयोग के सदस्य
पश्चिम बंगाल के रहने वाले प्रशांत चंद्र महालनोबिस या पीसी महालनोबिस वैज्ञानिक और सांख्यिकीविद् थे। आजाद भारत में उन्हें महालनोबिस दूरी नाम की सांख्यिकीय मापन के जाना जाता है। साल 1950 में जब भारत को सांख्यिकीय आंकड़ों को जुटाने और जमा करने की जरुरत थी, तब उन्होंने ही भारतीय नमूना सर्वेक्षण, केंद्रीय सांख्यिकी संगठन और भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना की थी।  महालनोबिस पहले योजना आयोग के सदस्य थे।

Latest Videos

कोलकाता में जन्म, ब्रिटेन में पढ़ाई
महालनोबिस का जन्म 29 जून 1893 को बंगाल प्रेसिडेंसी के कलकत्ता में हुआ था। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई भी वहीं से हुई। कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रेसिंडेंसी कॉलेज में उनकी मुलाकात जगदीश चंद्र बसु और प्रफुल्ल चंद्र रे जैसे शिक्षकों से हुई। नेताजी सुभाषचंद्र बोस और मेघनाथ साहा कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रेसिंडेंसी कॉलेज में उनके जूनियर थे। भौतिकी में ग्रेजुएशन के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे इंग्लैंड चले गए। 

श्रीनिवास रामानुजन से मुलाकात, सांख्यिकी भारत लाए
महालनोबिस ने इंग्लैंड के कैंब्रिज के किंग्स कॉलेज में पढ़ाई की। वहीं, उनकी मुलाकात भारत के महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन (Srinivasa Ramanujan) से भी हुई थी। इंग्लैंड में ही महालनोबिस का सांख्यिकीय जर्नल बायोमेट्रिका से परिचय हुआ और वे इससे इतने प्रभावित हुए कि उसकी पूरी प्रतियां और पूरा सेट भारत ले आए। उनकी इस विषय में काफी रूचि थी। उन्होंने मौसम विज्ञान और मानव विज्ञान के समस्याओं में सांख्यिकी की अहम भूमिका तलाशी। उन पर काम किया और फिर एक अनौपचारिक सांख्यिकी प्रयोगशाला की स्थापना भी की।

भारतीय सांख्यिकीच संस्थान की स्थापना
इसके बाद पीसी महालनोबिस ने साल 1931 में भारतीय सांख्यिकी संस्थान की स्थापना के लिए काफी प्रयास किए। उनकी कोशिशें रंग लाई और अप्रैल 1932 में उसका रजिस्ट्रेशन हो गया। उन्होंने महालनोबिस दूरी का निर्माण किया। यह खास तरह का मापन होता है। जिसमें बहुत आयामों के मापन में किसी बिंदु का वितरण में परिवर्तन मापा जाता है। साल 1930 में इसके बारे में महालनोबिस ने बताया था। 

मानव विज्ञान में अहम योगदान
भौतिक मानव विज्ञान में भी महालनोबिस का काफी इंटरेस्ट था। उन्होंने खोपड़ी के सटीक मापन के लिए प्रोफाइलोस्कोप नाम का एक  उपकरण बनाया। जिससे काफी योगदान मिला। इसके साथ ही उन्होंने सैंपल सर्वे से संबंधित विषयों में काफी अहम भूमिका निभाई। पायलट प्रोजेक्ट सर्वे की अवधारणा भी उन्होंने ही बताई और सैंपल सर्वे के अलग-अलग पद्धतियों के इस्तेमाल पर जोर दिया।

इसे भी पढ़ें
राजेंद्र प्रसाद से प्रणब मुखर्जी तक: जानिए रिटायरमेंट के बाद कहां रहे देश के राष्ट्रपति, कहां बनाया नया ठिकाना

मां आंगनवाड़ी वर्कर, बेटा लंदन में करेगा जॉब : गरीब परिवार के बेटे को फेसबुक से मिला 1.8 करोड़ का पैकेज ऑफर

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
Iran Israel War: Hezbollah के साथ जंग का इजराइलियों में खौफ, कई लोगों ने छोड़ा देश। Netanyahu
SDM थप्पड़ कांड और बवाल, फरार नरेश मीणा आ गए सामने, जानें क्या कहा । Naresh Meena । Deoli Uniara
खाने में सोच समझकर करें नमक का इस्तेमाल, शरीर को पहुंचाता है कई नुकसान
टीम डोनाल्ड ट्रंप में एलन मस्क और भारतवंशी रामास्वामी को मौका, जानें कौन सा विभाग करेंगे लीड