सार

नियम के मुताबिक अगर कोई राष्ट्रपति अपने पद से रिटायर होते हैं और राष्ट्रीय राजधानी में ही रहना चाहते हैं तो सरकार की तरफ से उन्हें एक बंगला आवंटित किया जाता है। यह बंगला कैबिनेट मंत्री को आवंटित होने वाला बंगला होता है।

करियर डेस्क : 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections 2022) है और 25 जुलाई को देश को नया मुखिया मिल जाएगा। इस बीच 24 जुलाई को 14वें और मौजूदा राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। चर्चा है कि पद मुक्त होने के बाद राष्ट्रपति कोविंद अपने गृहनगर कानपुर देहात के परौंख गांव न जाकर 12 जनपथ के बंगले में रह सकते हैं। ऐसा अनुमान इसलिए भी है क्योंकि यहां के बंगले में मरम्मत का काम चल रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोविंद से पहले तक भारत में जितने भी राष्ट्रपति हुए, वे सभी रिटायरमेंट के बाद कहां गए? उनका नया पता क्या रहा? आइए आपको बताते हैं...

राजेंद्र प्रसाद
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (Rajendra Prasad) 1962 में रिटायर हुए थे। इसके बाद वे दिल्ली में नहीं रहना चाहते थे। यही कारण था कि वे लुटियंस में नहीं रुके और अपने गृह जिले बिहार के पटना में शिफ्ट हो गए थे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) देश के दूसरे राष्ट्रपति थे। साल 1962 से 1967 तक वे देश के राष्ट्रपति रहे। कार्यकाल समाप्त होने के बाद वे भी दिल्ली नहीं शिफ्ट हुए बल्कि चेन्नई चले गए थे। 

डॉ. जाकिर हुसैन 
देश के तीसरे राष्‍ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन (Zakir Husain) का कार्यकाल 13 मई 1967 से लेकर 3 मई 1969 तक रहा। राष्‍ट्रपति पद पर रहते हुए ही उनका निधन हो गया था। वह पहले ऐसे राष्ट्रपति रहे, जिनका निधन पद पर रहने के दौरान हुआ था।

वीवी गिरी
चौथे राष्ट्रपति वीवी गिरी (VV Giri) भी रिटायरमेंट के बाद चेन्नई चले गए थे। उनका कार्यकाल 24 अगस्त 1969 से 24 अगस्त 1974 तक रहा। वीवी गिरी के नाम एक प्लॉट ईस्ट दिल्ली विकास मार्ग पर है। वह लंबे समय से खाली है। उस प्लॉट पर उनकी नेमप्लेट भी लगी है।

डॉ. फखरुद्दीन अली अहमद
डॉ. फखरुद्दीन अली अहमद (Fakhruddin Ali Ahmed) देश के पांचवे राष्ट्रपति थे। वे देश के दूसरे ऐसे राष्ट्रपति थे, जिनका निधन पद पर रहते हुए ही हो गया था। 11 फरवरी 1977 को पद पर रहते हुए ही उन्होंने अंतिम सांस ली थी।

नीलम संजीव रेड्डी
नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjiva Reddy) देश के 6वें राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति भवन से विदाई के बाद वे भी दिल्ली में नहीं ठहरे और बेंगलुरू चले गए थे। वहीं, 1996 में उनका निधन हो गया था। रेड्डी 1977 से 1982 तक देश के राष्ट्रपति रहे। 

ज्ञानी जैल सिंह 
ज्ञानी जैल सिंह (Zail Singh) राष्ट्रपति पद से रिटायरमेंट के बाद तीन मूर्ति के पास सर्कुलर रोड पर अपना ठिकाना बनाया था। वे यहीं एक बंगले में रहने लगे थे। इसी मार्ग को अब उमाशंकर दीक्षित मार्ग के नाम से जाना जाता है। जैल सिंह 1982 से 1987 तक देश के राष्ट्रपति रहे। 

आर वेकटरामन
आर वेकटरामन (Ramaswamy Venkataraman) देश के आठवें राष्‍ट्रपति रहे। उनका कार्यकाल 1987-92 तक रहा। राष्ट्रपति भवन से विदाई के बाद वे चेन्नई चले गए थे। उनके दिल्ली से जाने के बाद उस वक्त काफी बवाल भी हुआ था। क्योंकि उनके पास खुद के तीन-तीन घर थे लेकिन फिर भी उन्होंने राज्य सरकार से सरकारी आवास की मांग किया था। 

डॉ. शंकर दयाल शर्मा
डॉ. शंकर दयाल शर्मा (Shankar Dayal Sharma) 1992 से 1997 तक देश के सर्वोच्च पद पर रहे। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद उन्होंने दिल्‍ली में ही अपना ठिकाना बनाया। यहीं सफदरजंग रोड स्थित बंगले में रहे।  1999 में उनका निधन हो गया था। उनके बाद उनकी पत्नी विमला शर्मा साल 2020 तक उस बंगले में रहीं।

केआर नारायणन
देश के 10वें राष्ट्रपति केआर नारायणन (KR Narayanan) हुए। उनका कार्यकाल 1997-2002 तक रहा। राष्ट्रपति पद से रिटायरमेंट के बाद उन्होंने लुटियंस दिल्ली को ही अपना नया ठिकाना बनाया और यहीं रहे। 

एपीजे अब्दुल कलाम
देश के 11वें राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम  (APJ Abdul Kalam) भी राष्ट्रपति भवन छोड़ने के लुटियंन दिल्ली में ही रहे। उन्हें 10 राजाजी मार्ग का बंगला आवंटित किया था। यह दो मंजिला बंगला बेहद खास है। इसी बंगले में भारत के पहले गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी भी रहते थे। उन्हीं के नाम पर इसके सामने की सड़क का नाम राजाजी मार्ग रखा गया है।

प्रतिभा देवी सिंह पाटिल
देश की 12वीं और पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल (Pratibha Devi singh Patil) हुईं। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद उनका नया पता महाराष्ट्र के पुणे था। यहीं पर सरकार ने उन्हें एक बंगला आवंटित किया था। 

प्रणव मुखर्जी
भारत के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हुए। वे साल 2017 तक इस पद पर रहे। राष्ट्रपति भवन छोड़ने के बाद उन्होंने दिल्ली लुटियंस में ही नया ठिकाना बनाया। प्रणव मुखर्जी 10 राजाजी मार्ग के बंगले में रहे। यह वहीं, बंगला था, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम भी रहें। इसी बंगले में प्रणव दा ने अंतिम सांस ली।

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