आयुष का कहना है कि पहले अटेम्पट में सिर्फ 8 नंबरों की कमी की वजह से कट ऑफ छूटा था। रिजर्व लिस्ट में उनका नाम आया था तो वह यही सोच रहे थे कि आठ मार्क लाने के लिए क्या सुधार करना होगा।
करियर डेस्क. मध्य प्रदेश के देवास शहर के राजाराम नगर निवासी आयुष गुप्ता (ayush gupta) ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा के अपने पहले अटेम्पट में इंटरव्यू दिया लेकिन आठ नम्बरों की कमी की वजह से पीछे रह गए। इसके बाद उन्होंने यही सोचा कि आखिर 8 नम्बरों की कमी को दूर करने के लिए उन्हें क्या सुधार करना होगा। उन्होंने अपनी कमियों को समझ कर उन्हें सुधारा। दूसरे अटेम्पट में उनकी 98वीं रैंक आयी है। आईआईटी दिल्ली से ग्रेजुएट आयुष को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) कैटगरी मिलने की उम्मीद है। हालांकि पहले अटेम्पट में उन्हें रिजर्व लिस्ट में जगह मिली थी। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) के नतीजे 24 सितंबर, 2021 को जारी किए गए। फाइनल रिजल्ट (Final Result) में कुल 761 कैंडिडेट्स को चुना गया। Asianetnews Hindi संघ लोक सेवा आयोग (UPSC 2020) में सिलेक्ट हुए 100 कैंडिडेट्स की सक्सेज जर्नी (Success Journey) पर एक सीरीज चला रहा है। इसी कड़ी में हमने आयुष से बातचीत की। आइए जानते हैं आयुष की सक्सेज जर्नी।
पहले अटेम्पट में सिर्फ 8 नम्बरों की कमी
आयुष का कहना है कि पहले अटेम्पट में सिर्फ 8 नंबरों की कमी की वजह से कट ऑफ छूटा था। रिजर्व लिस्ट में उनका नाम आया था तो वह यही सोच रहे थे कि आठ मार्क लाने के लिए क्या सुधार करना होगा। उनके वैकल्पिक विषय में मार्क बहुत कम थे। पहले अटेम्पट में आप्श्नल सब्जेक्ट में 242 अंक मिले थे। इस बार 289 अंक मिले हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार 43 अंकों का सुधार है। ठीक इसी तरह आप अपनी कमियों का पता लगाइए और आगे बढ़िए। उन कमियों को दूर करके आप अच्छे अंक ला सकते हैं। जीवन में भी ऐसा ही करना होता है। जहां भी आपकी कमियां हैं, उसे दूर कर आगे बढें।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बनायी ये स्ट्रेटजी
आयुष के लिए यूपीएससी की जर्नी काफी सकारात्मक रही। ग्रेजुएशन के तुरंत बाद ही उन्हें सफलता हासिल हुई। उन्होंने अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्ट्रेटजी ही ऐसी लाजवाब बनायी थी। आयुष ने बड़े टारगेट को छोटे-छोटे टारगेट में बांटा और उन छोटे-छोटे लक्ष्यों को अचीव करते हुए बड़ा लक्ष्य हासिल किया। उनका कहना है कि हमेशा छोटे टारगेट बनाकर आगे चलें तो बेहतर रहेगा। फिर नया बनाओ और फिर आगे चलो। मतलब यह है कि छोटे-छोटे टारगेट अचीव करना आसान होता है और मनोबल भी बढ़ता है।
आयुष की यूपीएससी तक की ऐसी रही जर्नी
आयुष गुप्ता की प्रारम्भिक शिक्षा देवास के विंध्याचल एकेडमी में हुई। उन्होंने सरस्वती ज्ञान पीठ से 12वीं तक की पढ़ाई की फिर वह आईआईटी प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए। वहां भी उनकी रैंक अच्छी आयी। उन्होंने IIT दिल्ली से वर्ष 2019 में बीटेक किया और साथ ही इसी वर्ष उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में भी हिस्सा लिया। इंटरव्यू तक गए लेकिन इंटरव्यू में कम नम्बरों की वजह से उनका मुख्य लिस्ट में नाम नहीं आ सका। उन्हें आईआरपीएस कैटगरी मिली थी लेकिन आयुष का सपना बेहतर रैंक हासिल करने का था तो उन्होंने अपनी सर्विस से एक साल की एक्स्ट्रा आर्डिनरी लीव लेकर तैयारी शुरू कर दी और यूपीएससी 2020 परीक्षा में परचम लहराया।
निजी कम्पनी में काम करते हैं पिता
आयुष के पिता रूपचंद गुप्ता एक निजी कंपनी में काम करते हैं और मां साधना गुप्ता शिक्षिका हैं। उनकी बड़ी बहन अक्षिता गुप्ता हैं। आयुष अपनी सफलता का श्रेय अभिभावकों को देते हुए कहते हैं कि उनकी सफलता में टीचर्स का भी अहम योगदान हैं। जिस स्कूल में वह पढें। उस स्कूल का उनकी सफलता में योगदान है। उनका कहना है कि दोस्तों ने भी उन्हें प्रेरित किया।
स्ट्रगल आए तो उसमें देखिए अवसर
यदि आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हों या फिर आप जीवन के किसी भी क्षेत्र में खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हों। ऐसे में जब भी आपका सामना संघर्षों से हो तो घबराना नहीं चाहिए। पॉजिटिव थिंकिंग व हार्डवर्क का कोई विकल्प नहीं है। इससे आपको संघर्षों में जूझने की ताकत मिलती है। आयुष का कहना है कि स्ट्रगल में यदि हार्डवर्क और सकारात्मक सोच रखा जाए तो आप अपनी जर्नी को इंज्वाय करते हो। आपके जीवन में जब संघर्ष आए तो उसमें आप अवसर देखिए और फिर उस स्ट्रगल को इंज्वाय करिए।
निराशा आए तो सुधार करने के बारे में सोचें
कभी-कभी जब प्रयासों के बाद भी परिणाम अनुकूल नहीं आता है तो हताशा निराशा आती है। आयुष कहते हैं कि ऐसा उस समय होता है, जब टेस्ट में मार्क्स अच्छे नहीं आते थे। टेस्ट के रिजल्ट अपने अनुकूल नहीं आते थे। ऐसे समय में आपको सुधार करने के बारे में सोचना चहिए। यह सोचना चाहिए कि नम्बर अच्छे नहीं आए तो क्यों? क्या और अच्छा उत्तर लिखा जा सकता है? इस तरह से आपको बेहतर नतीजे मिल सकते हैं।
ऐसे होते थे मोटिवेट
आयुष कहते हैं कि उनके लिए परीक्षा को क्लियर करना ही अपने आप में एक मोटिवेशन है। जब हम ऐसी परीक्षा पास करेंगे, जिसमें लाखों बच्चे प्रयास कर रहे हैं। तब हमें महसूस होता है कि हमने कुछ बेहतर किया है। वह घर पर हमेशा बात करते रहते थे। क्रिकेट देखना, यूटयूब पर अलग तरह के वीडियोज देखना उनका शौक है। समय समय पर दोस्तों से बातचीत भी करते थे। इससे उन्हें खुद को मोटिवेट रखने में काफी मदद मिली।
इंटरव्यू के पहले तय किया, जो भी रिजल्ट आएगा करेंगे स्वीकार
साक्षात्कार के एक दिन पहले आयुष का विजन बिल्कुल स्पष्ट था। उन्हें अपने स्ट्रेंथ पर भरोसा था। इंटरव्यू के एक दिन पहले उनके पास टीचर्स व उनके करीबी लोगों का फोन आया। उन लोगों ने आयुष का उत्साह बढ़ाया। उनका कहना है कि उन्होंने इंटरव्यू के पहले यह तय किया था कि वह अपने स्ट्रेन्थ के हिसाब से इंटरव्यू में पार्टिशिपेट करेंगे। उसका परिणाम जो भी आएगा। वह उसे स्वीकार करेंगे।
नतीजे अनुकूल न आएं तो घबराएं नही
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुटे कैंडिडेट्स को अपने लिए पहले एक ऐसी स्ट्रेटजी बनानी चाहिए जो उनके अनुकूल हो, जो उन्हें सफलता दिलाने में मददगार साबित हो। भेड़चाल की तरह किसी के स्ट्रेटजी को फॉलो करना सही नहीं है। अपनी ताकत और कमजोरी को ध्यान में रखना चाहिए। आयुष का कहना है कि हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। आत्मविश्वास बनाए रखें। फिर आपने अपने अनुकूल जो भी रणनीति बनायी है उसी हिसाब से तैयारी करिए। कंसिस्टेंसी बनाए रखिए। यह भी हो सकता है कि इसके बावजूद कभी नतीजे अनुकूल नहीं आएं पर उस समय धैर्य बनाकर रखना है।
खुद के बारे में जानिए ये बात
कोई भी लक्ष्य तय करने से पहले आप अपने बारे में पता लगाइए कि आप क्या बेहतर कर सकते हैं। यदि आपने एक बार यह पता लगा लिया तो बाकी का सफर आसान हो जाता है। आयुष कहते हैं कि आप खुद के बारे में जानिए की आपको क्या सबसे अच्छा लगता है। आप क्या चीज बेहतर तरीके से कर सकते हैं? खुद को थोड़ा समय देकर इस बारे में पता लगाइए और फिर उसी दिशा में मेहनत करें फिर सफलता मिलनी तय है। बेवजह की भागदौड़ से बचने की आवश्यकता है।
विषयों पर पकड़ बहुत जरूरी
यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए विषयों के बारे में बेहतर जानकारी बहुत जरूरी है। यदि आपका फोकस स्पष्ट है तो सब्जेक्टस पर आपकी पकड़ भी मजबूत होगी। आयुष का कहना है कि एक ही लक्ष्य हो और इस बात का भी ध्यान रखना है कि एक ही दिशा में जाना है तो सफलता मिलना तय है। किसी भी तरह का डिस्ट्रैक्शन नहीं होना चाहिए। डिस्ट्रैक्शन को नजरअंदाज करें। नियमित रूप से पढ़ाई करें।
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