चीन में हाहाकार मचाने वाले कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 (जिसे एक्सपर्ट ने BA.5.2.1.7 नाम दिया है) को लेकर भारत में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि एक्सपर्ट ने कहा है कि BF.7 कोरोनावायरस वैरिएंट को लेकर भारतीयों को उतनी चिंता करने की जरूरत नहीं है।
बेंगलोर( Bangalore).चीन में हाहाकार मचाने वाले कोरोना के नए वेरिएंट BF.7 (जिसे एक्सपर्ट ने BA.5.2.1.7 नाम दिया है) को लेकर भारत में अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि एक्सपर्ट ने कहा है कि BF.7 कोरोनावायरस वैरिएंट को लेकर भारतीयों को उतनी चिंता करने की जरूरत नहीं है। बेंगलुरु के टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी (TIGS) के डायरेक्टर राकेश मिश्रा ने इन चिंताओं से दूर करते हुए फेस मास्क पहनने और अनावश्यक भीड़ से बचने की हमेशा सलाह भी दी है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...
TIGS के निदेशक राकेश मिश्रा के अनुसार, चीन ने COVID-19 मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि देखी है। मिश्रा ने कहा कि चीनी आबादी नेचुरल इन्फेक्शन के संपर्क में नहीं है और उन्होंने बुजुर्ग लोगों को वैक्सीन लगाने में भी समय का सदुपयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि BF.7 कोरोनावायरस वेरिएंट ओमिक्रॉन स्ट्रेन का सब-वैरिएंट है, इसे लेकर भारत को चिंतित नहीं होना चाहिए।
मिश्रा ने कहा, "यह एक ओमिक्रॉन सबवैरिएंट है। कुछ मामूली अंतरों को छोड़कर मुख्य विशेषताएं ओमिक्रॉन के समान होंगी। हम में से अधिकांश ने ओमिक्रॉन लहर का अनुभव किया है। इसलिए हमें चिंतित होने की जरूरत नहीं है। यह अनिवार्य रूप से वही वायरस है।"
वैज्ञानिक ने कहा कि चीन अपनी 'जीरो-कोविड पॉलिसी' के कारण संक्रमण में वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जिसमें अधिकारियों ने किसी एक के पॉजिटिव होने पर पूरी अपार्टमेंट बिल्डिंग्स को ब्लॉक कर दिया था। इससे लोगों को बहुत असुविधा हुई। साइंटिस्ट के कहने का मतलब था कि इससे लोगों में नेचुरल इन्फेक्शन नहीं फैलने से इम्यूनिटी नहीं बनी।
चीन की स्थिति पर विशेषज्ञ ने कहा, "चूंकि जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लग पाई है, उनमें लक्षण गंभीर हैं। युवा लोगों को अभी भी कोई समस्या नहीं है। हालांकि, संक्रमण तेजी से उन बुजुर्गों में फैलता है, जिनका वैक्सीनेशन नहीं हुआ है।" उनके अनुसार,अधिकांश भारतीयों ने हाइब्रिड इम्युनिटी विकसित कर ली है, जिसका अर्थ है वैक्सीन और प्राकृतिक संक्रमण के माध्यम से इम्युनिटी का विकास, जो उन्हें विभिन्न COVID-19 वैरिएंट से बचा रहा है। इसके अलावा, वैज्ञानिक ने कहा कि भारत में मौजूदा वैक्सीन अलग-अलग ओमिक्रॉन वेरिएंट को रोकने या विफल करने के लिए अच्छी है, क्योंकि कई अध्ययनों से पता चलता है कि इस साल की शुरुआत में ओमिक्रॉन की बड़ी लहर के दौरान भी भारत में अस्पताल में भर्ती होने की अधिक संख्या नहीं देखी गई थी।
जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया गणराज्य, ब्राजील और चीन में मामलों में अचानक वृद्धि को देखते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 20 दिसंबर, 2022 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा। उन्होंने अनुरोध किया कि सभी पॉजिटिव केस के सैम्पल रोजाना INSACOG (भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टियम) जीनोम सिक्वेंसिंग लैब में भेजे जाएं, जो राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मैप किए गए हैं। (पीटीआई से इनपुट्स के साथ)
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