चुनावी नतीजों से पहले कांग्रेस हाइकमान की बैठक, 2017 जैसा हाल ना हो, इसलिए राहुल गांधी ने बनाई आगे की रणनीति

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि इस बैठक में 5 राज्यों के चुनाव और चुनाव के बाद क्या करना है, उस पर चर्चा हुई है। संविधान और लोकतंत्र पर खतरा है, ऐसे मौहाल में आज देश जी रहा है। आप जानते हैं कि देश में क्या हो रहा है। 

Asianet News Hindi | Published : Feb 27, 2022 8:21 AM IST / Updated: Feb 27 2022, 02:20 PM IST

नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस ने आगे की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। रविवार को कांग्रेस हाइकमान ने एक बैठक की। इस बैठक में पांच राज्यों के चुनाव के बारे में विस्तृत चर्चा हुई और 10 मार्च को परिणाम आने के बाद की रणनीति के बारे में चर्चा हुई। इस बैठक में वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और पार्टी के प्रमुख महासचिव केसी वेणुगोपाल और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल मौजूद रहे।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि इस बैठक में 5 राज्यों के चुनाव और चुनाव के बाद क्या करना है, उस पर चर्चा हुई है। संविधान और लोकतंत्र पर खतरा है, ऐसे मौहाल में आज देश जी रहा है। आप जानते हैं कि देश में क्या हो रहा है। कांग्रेस आज एकमात्र विपक्षी पार्टी है, लोगों को उम्मीदें हैं। गहलोत ने कहा कि वर्तमान सरकार, संविधान और लोकतंत्र की चुनौतियां खतरे में हैं। कांग्रेस आज एकमात्र विपक्षी पार्टी है, लोगों को उम्मीदें हैं। यह देखना हमारा कर्तव्य है कि हम पार्टी में क्या योगदान दे सकते हैं। 

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2017 में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी सरकार नहीं बना पाई थी कांग्रेस
बता दें कि 2017 के चुनाव में कांग्रेस को नतीजों में भले ही उम्मीदें मिली थीं, लेकिन सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाई थी। गोवा में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बाद भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा था और पार्टी के विधायक एक साथ टूटकर भाजपा में चले गए थे। ठीक इसी तरह मणिपुर में देखने को मिला था। वहां कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। लेकिन, भाजपा ने गठबंधन के बलबूते सरकार बना ली थी। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट में भी निराशा मिली थी। ऐसे में अब पार्टी हर कदम फूंक-फूंक कर चलना चाहती है। 

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इस बार रणनीति के साथ आगे बढ़ेगी पार्टी
वर्तमान में कांग्रेस की पंजाब में सरकार है। वहां पार्टी का बड़ा वोट बैंक खिसकने की चर्चाएं हैं। जबकि आम आदमी पार्टी मजबूती के तौर पर उभरकर सामने आ रही है। इस बीच, एनडीए गठबंधन भी पंजाब में अकाली दल से हाथ मिलाकर सत्ता की दौड़ में शामिल हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस को इस जोड़तोड़ की राजनीति से निपटना बड़ी चुनौती होगा। उत्तराखंड में भी कमोबेश यही परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी हाइकमान पहले से ही तैयारियों को करना चाहता है ताकि किसी कीमत पर नतीजों के बाद नुकसान का सामना ना करना पड़े।

बघेल ने यूक्रेन से आए छात्रों से मुलाकात की 
राहुल गांधी के साथ बैठक करके निकले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यूक्रेन से लौटे राज्य के छात्रों से मुलाकात की और बातचीत की। उनके दिल्ली के छत्तीसगढ़ सदन में ठहरने की व्यवस्था की गई है।

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पुरानी पेंशन बहाली पर बोले- ये निर्णय मानवीय आधार पर लिया
दिल्ली में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने पुरानी पेंशन बहाल करने के संबंध में बयान दिया। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना के संबंध में हमारा निर्णय सोच समझ कर लिया गया था। मानवीय आधार पर यह निर्णय लिया गया था। यदि कोई सरकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति के बाद सुरक्षित नहीं है, तो वह क्या बचाएगा? वह पेंशन के बारे में सोचता रहेगा। वह क्या काम करेंगे? उनमें सेवानिवृत्ति के बाद के संबंध में विश्वास पैदा किया जाना चाहिए। फैसले (नई पेंशन योजना) से हर कोई मायूस था। आप लोगों की भावनाओं की थाह नहीं ले सकते क्योंकि वे (पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए) निर्णय लेने के बाद मुझसे मिले थे। 

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