इस रैली में बसपा और अकाली दल के नेता अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे और उन्हें चुनाव प्रचार में तेजी लाने का आग्रह करेंगे। पंजाब में 12 दिन बाद वोटिंग होने जा रही है। मायावती नवांशहर में दाना मंडी रैली स्थल पर दोपहर करीब 2 बजे पहुंचेंगी।
नवांशहर। पंजाब विधानसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) पहली बार रैली को संबोधित करेंगी। वे यहां दाना मंडी में आयोजित बसपा और शिअद की संयुक्त रैली में शामिल होने आ रही हैं। इस सभा को अकाली दल के नेता और पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) और सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal), हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur) भी संबोधित करेंगी। रैली को सारी तैयारियां कर ली गईं हैं। कार्यकर्ताओं की भीड़ पहुंचना शुरू हो गई है।
इस रैली में बसपा और अकाली दल के नेता अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे और उन्हें चुनाव प्रचार में तेजी लाने का आग्रह करेंगे। पंजाब में 12 दिन बाद वोटिंग होने जा रही है। मायावती नवांशहर में दाना मंडी रैली स्थल पर दोपहर करीब 12 बजे पहुंचेंगी। इस रैली में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य सतीश चंद्र मिश्रा, राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के प्रभारी रणधीर सिंह बेनीवाल, प्रभारी पंजाब विपुल कुमार, बसपा के पंजाब प्रधान जसवीर सिंह गढ़ी उपस्थित रहेंगे।
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1996 में दोनों पार्टियों ने मिलकर लड़ा था लोकसभा चुनाव
बता दें कि इस बार पंजाब विधानसभा चुनाव में शिअद और बसपा गठबंधन करके लड़ रहे हैं। कुल 117 में से 20 सीटें बसपा को मिली हैं। जबकि बाकी 97 सीटों पर अकाली दल के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले दोनों पार्टियों ने मिलकर 1996 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और 13 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी।
दोआबा क्षेत्र में रैली, ये बसपा का गढ़
बसपा ने अपनी पहली रैली दोआब क्षेत्र में रखी है। ये इलाका बसपा का गढ़ माना जाता है। क्योंकि यहां सबसे ज्यादा एससी वोटर्स हैं। बसपा ने अपने सबसे ज्यादा उम्मीदवार इस इलाके में उतारे हैं। कुल 20 प्रत्याशियों में दोआब इलाके में ही 7 उम्मीदवार खड़े किए गए हैं। रैली स्थल नवांशहर से सटी सीट होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, रूपनगर, आनंदपुर साहिब और लुधियाना की पायल सीट पर बसपा प्रत्याशी हैं।
नवांशहर में ही रैली करती आई है बसपा
अहम बात यह है कि बसपा लंबे समय से नवांशहर में ही चुनावी रैलियां करती आ रही है। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष जसबीर सिंह गढ़ी ने कहा कि ये रैली खुले में होगी। कोरोना के चलते चुनाव आयोग के सभी निर्देशों का पालन किया जाएगा।
बसपा को 1992 में सबसे ज्यादा वोट मिले थे
पंजाब में दलितों की आबादी करीब 32 प्रतिशत मानी जाती है। कांशीराम ने पंजाब में दलितों को एकजुट करने की कोशिश की थी। इसका परिणाम यह आया कि 1996 में उन्हें जीत मिली। उस वक्त भी पार्टी का गठबंधन शिरोमणि अकाली दल के साथ था। लेकिन 1997 में बसपा को 7.5 प्रतिशत मत मिले, 2017 में तो पार्टी का ग्राफ नीचे जाते हुए मात्र 1.5 प्रतिशत पर टिक गया। बसपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 1992 में रहा। तब पार्टी को 16 प्रतिशत मत मिले थे। लेकिन, इसके बाद दलितों का बसपा से मोह भंग होता गया। हालांकि कांशीराम ने बहुत प्रयास किए। इसके बाद भी पंजाब के मजहबी सिख वह सिख जो वाल्मीकि है, वह बसपा से दूर ही रहे। बहरहाल, अब मायावती पंजाब के दलितों को एकजुट करने की कोशिश में हैं। आज की रैली कितनी कारगर रहती है, यह देखने वाली बात होगी।
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