पटियाला सीट इलेक्शन रिजल्ट 2022: कैप्टन अमरिंदर सिंह की बड़ी हार, पिछली बार बनाया था जीत का रिकॉर्ड

कैप्टन 2002, 2007, 2012 व 2017 में पटियाला अर्बन सीट पर जीते। 2017 में कैप्टन इस सीट से  ने 52,407 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। 

Patiala Election Results 2022: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) को विधानसभा चुनावों मे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। पहली बार चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह कोहली (Ajit Pal Singh Kohli) ने उन्हें 19,873 वोट से हराया है। अजीत सिंह को जहां 46.49 प्रतिशत वोट मिले, तो वहीं कैप्टन को सिर्फ 27.28 प्रतिशत वोट ही मिले। पिछली बार कैप्टन ने 50 हजार वोटों से इस सीट पर जीत हासिल की थी। ऐसे में उनकी हार अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करती है कि आखिर एक पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर नेता के प्रदर्शन में पांच साल के भीतर ही ऐसा क्या परिवर्तन आया कि उन्हें इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। 

कैप्टन क्यों हारे जाने पांच मुख्य कारण 

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1. महाराजा छवि 

कैप्टन को आम आदमी तो क्या उन्हें उनके विधायक तक नहीं मिल नहीं पाते थे। वह लगातार अपने महल या फिर फार्म हाउस में रह रहे थे। वहां से सरकार चलाते रहे। इस वजह से उनका बड़ा विरोध था। 

2. कांग्रेस की अनदेखी

कैप्टन को कांग्रेस की अनदेखी भी भारी पड़ी। सीएम पद से हटाना उनके लिए एक बड़ा झटका था। क्योंकि जिस तरह से उन्हें हटाया गया, इससे उनकी मतदाताओं के बीच छवि कमजोर हुई। इसका भी परिणाम था कि मतदाता कैप्टन के खिलाफ हो गए।

3. भाजपा के साथ जाना

भाजपा के साथ जाने पर भी उनका विरोध हो रहा था। क्योंकि पटियाला में किसान आंदोलन का काफी असर रहा है। जब कैप्टन भाजपा के साथ गए तो मतदाता विरोध में आ गए।  

4. खराब सेहत के कारण नहीं कर पाए ज्यादा प्रचार  

कैप्टन की सेहत दिनों-दिन खराब हो रही है। वह अपना चुनाव प्रचार बहुत जोर से नहीं चला पाए। प्रचार की कमान उनकी बेटी ने संभाल रखी थी। यह भी एक कारण रहा कि वह मतदात को अपने साथ नहीं जोड़ पाए। 

5. सत्ता विरोधी लहर 

कांग्रेस में सीएम के पद पर रहते हुए उनके खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। हालांकि उन्हें बाद में सीएम पद से हटा दिया गया था, लेकिन वह मतदाता के बीच में पनप रहे सत्ता विरोधी लहर को खत्म नहीं कर पाए। 

पिछली बार रिकॉर्ड अंतर से जीते थे कैप्टन 

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछली बार इस सीट से प्रदेश में सबसे बड़े मार्जिन 52,407 से जीत हासिल की थी। लेकिन इस बार के मार्जिन का इंतजार है। उन्हें इस सीट पर आप उम्मीदवार पूर्व मेयर अजीतपाल सिंह कोहली से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।

प्रदेश कांग्रेस में एक समय महाराजा की तरह एकछत्र राज करने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह का सबसे मजबूत पहलू यही है कि आज तक कोई भी नेता उनके इस विधानसभा हलके में अपना कद बड़ा नहीं कर पाया। कैप्टन 2002, 2007, 2012 व 2017 में पटियाला अर्बन सीट पर जीते। 2017 में कैप्टन इस सीट से  ने 52,407 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आप उम्मीदवार बलबीर सिंह को करारी शिकस्त दी। बलबीर को 20,179 वोट मिले थे। अमरिंदर ने साल 2012 के विधानसभा चुनाव में 42,318 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।

80 साल की उम्र में कैप्टन अपने सियासी वजूद को बचाने के लिए अपने ही शहर में संघर्ष करते नजर आए। चुनाव में अक्सर  कभी छोटी रैली से परहेज करने वाले पूर्व सीएम इस बार नुक्कड़ सभाओं को भी संबोधित करने नजर आए। यह चुनाव बदलाव का दौर था। भले ही एक बार फिर कैप्टन को पटियाला शहरी ने जीत दे दी हो, लेकिन उन्हें मतदाता ने जता दिया, यह राजशाही नहीं, लोकतंत्र है, मतदाता ही मायने रखता है महाराजा वाला मिजाज नहीं।

अदक कैप्टन का मार्जिन कम हुआ तो ये वजह हो सकती है...

1. इस बार चुनाव में 4 से 5 लेवल पर होने वाले वोट डिवीजन के बीच अपना वोट बैंक बचाए रखना।
2. कैप्टन के शाही महल में उनका काम देखने वालों से वोटर नाराज जो उन्हें कैप्टन तक पहुंचने नहीं देते।
3. अकाली दल को छोड़कर पंजाब में कोई क्षेत्रीय दल सफल नहीं हुआ, ऐसे में नई पार्टी के भविष्य पर सवाल।
4. बुजुर्ग हो चुके कैप्टन की युवा पीढ़ी के बीच पकड़ कम है। कांग्रेस का पारंपरिक  मतदाता उनसे दूर हो गया ।

कैप्टन यहां से क्यों जीतते थे क्या है फैक्टर

1. पटियाला में पुराने रिफ्यूजी परिवार हमेशा की तरह कैप्टन के साथ क्योंकि कैप्टन के पूर्वजों ने ही उन्हें बसने की जगह दी।
2. कैप्टन को लेकर वोटरों में खास तरह का क्रेज। सेलिब्रिटी वाले स्टाइल और रॉयल फैमिली फैक्टर का मतदाताओं पर प्रभाव।
3. पटियाला में कांग्रेस की जड़ें मजबूत करने वाले नेता। कांग्रेस तो क्या, दूसरे सियासी दलों के पास भी कैप्टन का कोई तोड़ नहीं।
4. कैप्टन का खुद का व्यवहार अच्छा। पत्नी परनीत कौर और बेटी जयइंदर कौर लगातार पटियाला के लोगों के टच में रहीं।

पटियाला अर्बन सीट : 19 बार हुए चुनाव में 11 बार कांग्रेस जीती

- पटियाला सीट पर 1957 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस के सुरिंदर सिंह जीते।
- 1958 में बी. सिंह ने बतौर निर्दलीय चुनाव जीता
- 1962 में कांग्रेस के रामप्रताप यहां से विधायक बने।
- 1967 में एडीएम के.एस. सिंह चुनाव में उतरे और जीता।
- 1969 में अकाली दल के रावेल सिंह ने यहां से जीत दर्ज की
- 1972 में कांग्रेस के प्रेमचंद पटियाला अर्बन से विधायक बने।
- 1977  के चुनाव में अकाली दल के सरदार सिंह विजयी रहे।
- 1980, 1985 और 1992 में कांग्रेस के ब्रह्म मोहिंद्रा लगातार MLA रहे।
- 1997 में अकाली दल के सुरजीत सिंह कोहली ने यहां से जीत दर्ज की।
- 2002, 2007 और 2012 में कैप्टन अमरिंदर सिंह इस सीट से जीते।
- 2014 में कैप्टन के लोकसभा सांसद बनने पर यहां उपचुनाव में परनीत कौर जीती।
- 2017 के चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर इस सीट से विधायक चुने गए।

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