
चंडीगढ़ : पंजाब (Punjab) में बढ़ रहे नशे को लेकर अमृतसर सांसद गुरजीत सिंह औजला (Gurjeet Singh Aujla) ने डीजीपी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने नशे के खिलाफ अभियान चलाए जाने की मांग की है। औजला का पत्र जैसे ही सामने आया, इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने कहा कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता अब नशीले पदार्थों और नशीली दवाओं के खतरे के बारे में शिकायत कर रहे हैं। यह सिर्फ और सिर्फ दिखावा है।
दिखावा बंद करे कांग्रेस - मान
भगवंत मान ने कहा, पंजाब के डीजीपी को लिखे पत्र में, सांसद गुरजीत सिंह औजला ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि कांग्रेस राज्य में ड्रग का खतरा बढ़ा है। कांग्रेस नेताओं को अब पंजाब के मुद्दों पर दिखावे की चिंता बंद कर देनी चाहिए, क्योंकि मतदाताओं ने बड़े अंतर से आम आदमी पार्टी को राज्य की बागडोर सौंप दी है। 10 मार्च के बाद पंजाब की फिजा बदल जाएगी। पंजाब से कांग्रेस (Congress) जा रही है और आम आदमी पार्टी आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब को नशा मुक्त करने, नशा माफिया पर रोक लगाने की दिशा में कांग्रेस राज में कोई काम नहीं हुआ। इस वजह से नशा हर जगह बढ़ रहा है।
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कैप्टन-चन्नी फेल - भगवंत मान
मान ने आरोप लगाया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने 2017 में श्री गुटका साहिब की शपथ लेकर पंजाब से नशा खत्म करने का वचन आम जनता को दिया था। लेकिन क्या हु? कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने पांच साल तक राज्य में सत्ता भोगी, लेकिन नशा खत्म करने की दिशा में कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब जब पंजाब में कांग्रेस का शासन खत्म होने जा रहा है तो कांग्रेस नेता राज्य के पुलिस प्रमुख को पत्र लिख रहे हैं।
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पहले भी विवाद खड़ा कर चुके हैं औजला
बता दें कि कांग्रेसी सांसद विधानसभा चुनाव से लेकर अभी तक कई विवाद खड़े कर चुके हैं। उन्होंने पिछले दिनों एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस प्रधान की जीत में संशय है। उनका इशारा नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) की ओर था। उन्होंने यह भी कहा था कि सिद्धू की भाषा मतदाता को पसंद नहीं आ रही है।
मतदान खत्म, कांग्रेस का मतभेद नहीं
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में जो विवाद पनपा था, वह अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अभी भी किसी ने किसी रूप में यह विवाद सामने आ ही जाता है। इस विवाद की वजह से कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में खासे नुकसान का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं कई सीनियर नेता भी पार्टी छोड़ कर चले गए है। इसमें अमरिंदर सिंह भी शामिल है। इसके बाद भी अभी तक पार्टी के भीतर किसी ने किसी तरह से पनप रहे विवाद लगातार बाहर आ रहे हैं।
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