भारत की उपलब्धियों का अमिट नाम हैं Ratan Tata, सपेरों का देश कहने वालों से खरीद ली उन्हीं की टॉप कंपनी

बिजनेस डेस्क। टाटा ग्रुप (Tata Group) के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) देश के उन गिने चुने सम्मानित उद्योगपतियों में शामिल किए जाते हैं, जिन्होंने अपनी कंपनी के साथ  भारत को भी शिखर पर ले जाने के लिए भरसक  प्रयत्न किया, टाटा ने भारत की विभिन्न  इंडस्ट्री को दुनिया में एक खास पहचान दिलाई है। टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा  ना केवल सफल उद्योगपति है वरन वे एक बड़ा दिल रखने वाले संवेदनशील इंसान हैं, जिन्होंने भारत की तरक्की के लिए अपना नफा-नुकसान नहीं देखा। भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ चल रही हैं, ऐसे में देश की इस महान हस्ती को योगदान को रेखांकित करना बेहद जरुरी है। देखिए कैसे भारत का मान बढ़ाया रतन टाटा ने...

Asianet News Hindi | Published : Mar 28, 2022 2:59 PM IST / Updated: Mar 28 2022, 08:33 PM IST
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भारत की उपलब्धियों का अमिट नाम हैं Ratan Tata, सपेरों का देश कहने वालों से खरीद ली उन्हीं की टॉप कंपनी

रतन टाटा के नेतृत्व वाले टाटा सन्स में कई कंपनियां आती हैं। टाटा सन्स इंडिया  में लिस्टेड कंपनियों का सबसे बड़ा प्रमोटर ग्रुप है। इन कंपनियों का कुल मार्केट कैप करीब 15.6 लाख करोड़ रुपए है। 

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रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। टाटा ग्रुप के फांउडर जमशेद जी टाटा ने उन्हें गोद लिया था। रतन टाटा उनके गोद लिए पोते हैं। जेआरडी टाटा (JRD Tata) उनके चाचा थे। जेआरडी टाटा ने 1991 में रतन टाटा को अपना प्रतिनिधि बनाते हुए टाटा ग्रुप की कमान सौंप दी थी। रतन टाटा ने कभी विवाह नहीं किया, वे अविवाहित हैं। देश के अमीरों में उनका खास स्थान हैं। 

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टाटा ग्रुप को नई उंचाइयों तक पहुंचाने और दुनिया भर में उसकी साख बनाने में रतन टाटा का बहुत बड़ा योगदान है। वहीं रतन टाटा ने ब्रिटेन की टॉप कंपनियों में शुमार की जाने वाली फोर्ड के स्वामित्व वाली जगुआर जैसी कंपनी को टेकओवर करके भारत के मान को बढ़ाया है। 
 

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रतन टाटा ने भारत के आम आदमी के सपने को पूरा करने के लिए लखटकिया कार  'नैनो' कार बनाई। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था, हालांकि ये उम्मीद के मुताबिक उतनी सफल नहीं सकी। लेकिन आज भी रतन टाटा इस कार को प्रमोट करना नहीं भूलते।  

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 रतन टाटा का घर मुंबई के कोलाबा में स्थित है। यह 13,350 वर्गफीट में फैला है। रतन टाटा की पसंद के मुताबिक इस बंगले को पूरी तरह व्हाइट कलर किया गया है। इसके विंडो ग्लास, दीवारें और दरवाजे भी सफेद हैं। यहां से समुद्र को निहारा जा सकता है।  रतन टाटा अपना ज्यादातर समय कोलाबा स्थित अपने बंगले में ही बिताते हैं। 

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रतन टाटा ने 1962 में  Cornell University से अपनी B.Arch की डिग्री प्राप्त करने के बाद लॉस एंजिल्स में जोन्स और एममन्स के साथ काम किया। उन्होंने 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से अपने मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी की। वह 1991 से 2012 तक टाटा संस के चेयरमैन रहे। उन्हें भारत सरकार द्वारा 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

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भारत के सबसे प्रतिष्ठित उद्योगपतियों में  रतन टाटा को शुमार किया जाता है। उनके समाजसेवा के कामों के लिए खास तौर पर जाना जाता है। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) से भी नवाजा  जा चुका है।
 

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कोरोनावायरस महमारी से निपटने के लिए टाटा ग्रुप ने 1500 करोड़ रुपए दिए। वहीं, टाटा सन्स ने 1000 करोड़ रुपए का अलग से योगदान दिया।

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रतन टाटा की लाइफस्टाइल साधारण  है, लेकिन वे हवाई जहाज उड़ाने के शौकीन हैं। रतन टाटा war plane भी उड़ा चुके हैं। बता दें कि जेआरडी टाटा ने ही एयर इंडिया (Air India) की नींव रखी थी। तब इसका नाम टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) था। वे भारत में विमान सेवा शुरू करने वाले पहले उद्योगपति होने के साथ लाइसेंसशुदा पायलट थे। 

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