Success Story: इस लड़के ने अस्पताल के ICU में की UPSC की पढ़ाई, हिम्मत और हौसलों से बना IAS अफसर

करियर डेस्क. Success Story Of IAS Topper Nav Jeevan Pawar: दोस्तों, आपने यूं तो बहुत से अफसरों की संघर्ष की कहानियां सुनी होंगी। लेकिन आज आपको एक ऐसे IAS की कहानी सुना रहे हैं जिन्होंने ICU में UPSC की पढ़ाई की। साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा पास कर IAS अफसर बनने वाले नवजीवन पवार हिम्मत और हौसलों की मिसाल हैं। उन्होंने इस सफर में आने वाली कठिनाइयों का डटकर सामना किया और आखिरकार सफलता प्राप्त की। उनकी कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक है। आपको जानकर हैरानी होगी कि नवजीवन ने अफसर बनने के अपने सपने को बीमारी और अस्पताल के बिस्तर तक पर जिंदा रखा। वो आईसीयू में ही पढ़ाई करते रहे थे। IAS सक्सेज स्टोरी में आइए जानते हैं उनकी सफलता की कहानी-

 

Asianet News Hindi | Published : Mar 22, 2021 6:43 AM IST

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Success Story: इस लड़के ने अस्पताल के ICU में की UPSC की पढ़ाई, हिम्मत और हौसलों से बना IAS अफसर

महाराष्ट्र के रहने वाले नवजीवन पवार ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की थी। हालांकि एक समय उन्हें एक ज्योतिष ने कहा था कि आपको किस्मत में सरकारी नौकरी नहीं है। लेकिन उन्होंने इस बात को गलत साबित करके दिखाया।  भले उनका आईएएस बनने का सपना पूरा करना एक लंबा सफर नहीं रहा। लेकिन इस दौरान उन्होंने कई चुनौतियों का सामना किया। एक बार तो उनकी तबीयत खराब हो गई और उन्हें अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी तैयारी नहीं रोकी। बल्कि दोगुने हौसले के साथ दवाई खाते हुए पढ़ते रहे।

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यूपीएससी की तैयारी के लिए पहुंचे दिल्ली

 

नवजीवन का जन्म महाराष्ट्र के गांव में हुआ था और उनके पिता किसान थे। उनका बचपन बेहद परेशानियों के बीच गुजरा। वे पढ़ाई में काफी होशियार थे, इसलिए उनके परिवार वालों ने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेजने का फैसला किया। हालांकि दिल्ली में कोचिंग के दौरान एक दिन उनकी तबीयत खराब हो गई। जब अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि उन्हें डेंगू हो गया है। ऐसे में परिवार वालों ने उन्हें अपने पास बुला लिया। यहां नवजीवन को एक अस्पताल में भर्ती करा दिया था।

 

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अस्पताल में ही शुरू कर दी तैयारी

 

जब नवजीवन को डेंगू हुआ, तब वह यूपीएससी की प्री-परीक्षा पास कर चुके थे और मेंस की परीक्षा में महज एक महीना बाकी था। ऐसे में उन्हें हॉस्पिटल में लंबा वक्त गुजारना पड़ा। इस दौरान नवजीवन को अपनी तबीयत से ज्यादा यूपीएससी की परीक्षा की चिंता थी।

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इतना ही नहीं, उन्होंने आईसीयू में ही पढ़ाई शुरू कर दी। यह देखकर उनका इलाज करने वाले डॉक्टर भी हैरान रह गए। हालांकि नवजीवन ठान चुके थे कि परिस्थितियां जो भी हों, उन्हें यूपीएससी की परीक्षा में पास होकर खुद को साबित करना है। अस्पताल से वापस आने के बाद उन्होंने पूरी जान लगाकर तैयारी की। उनकी किस्मत ने भी साथ दिया और पहले ही प्रयास में वह सफल हो गए।

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दूसरे कैंडिडेट्स को नवजीवन की सलाह

 

यूपीएससी की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को नवजीवन लगातार मेहनत करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि इस सफर में आपके सामने कई चुनौतियां आएंगी, जिससे आपको लड़कर जीतना है। कई लोग आपको डिमोटिवेट करने की कोशिश करेंगे लेकिन उन पर ध्यान न देकर आपको अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखना है।

 

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वे कहते हैं कि अगर आपने यूपीएससी में आने का फैसला किया है तो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी जान लगा दें। अगर आप सही रणनीति के साथ ईमानदारी से मेहनत करेंगे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी। जैसे नवजीवन ने ज्योतिष की कही बात को गलत साबित कर दिया वैसे आप भी अपने सपने पूरे कर सकते हैं।

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