45 लाख ईंटों से बना है 340 कमरों वाला राष्ट्रपति भवन, सुंदरता देखते ही बनती...तस्वीरों में देखिए कितना है भव्य

करियर डेस्क : देश में राष्ट्रपति चुनाव (Rashtrapati Chunav 2022) का माहौल है। हर तरफ अलग-अलग चर्चे हैं। एक तरफ प्रेसीडेंट रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind)  की विदाई की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ नए महामहिम के स्वागत की बेला। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि राजधानी दिल्ली स्थित जिस राष्ट्रपति भवन में देश के प्रथम नागरिक रहते हैं वह कितना आलीशान और भव्य है? उसकी क्या-क्या खूबिया हैं और कैसा रहा है इसका इतिहास? अगर नहीं, तो यहां पढ़िए राष्ट्रपति भवन से जुड़ी वो हर जानकारी, जिसे शायद ही जानते होंगे आप...

Asianet News Hindi | / Updated: Jul 19 2022, 08:00 AM IST
110
45 लाख ईंटों से बना है 340 कमरों वाला राष्ट्रपति भवन, सुंदरता देखते ही बनती...तस्वीरों में देखिए कितना है भव्य

राष्ट्रपति भवन का इतिहास
भारत का राष्ट्रपति भवन वह स्थान है, जहां विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रेसीडेंट रहते हैं। यह पहले ब्रिटिश वायसराय का सरकारी आवास था। जब साल 1911 में दिल्ली को राजधानी बनाया गया तब इस भवन का निर्माण कराया गया। इससे बनने में 17 साल का समय लगा था। 26 जनवरी, 1950 को इसे लोकतंत्र की स्थायी संस्था का रूप दे दिया गया। 

210

चार मंजिला इमारत, 340 कमरे
राष्ट्रपति भवन का निर्माण वास्तुकार एडविन लैंडसीयर लुट्येन्स ने किया था। यह एक चार मंजिला भवन है। इसमें 340 कमरे हैं। इस भवन के निर्माण में करीब 45 लाख ईंटों का इस्तेमाल हुआ है। राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन और कर्मचारियों के रहने के लिए भी आवास हैं। 

310

55 फीट ऊपर गुंबद
राष्ट्रपति भवन का सेंट्रल डोम सांची स्तूप की याद दिलाता है। 55 फीट ऊंचाई पर स्थित भवन पर गुंबद फोर कोर्ट के ऊपर है। राष्ट्रपति भवन में खंभों में घंटियों में का डिजाइन बना हुआ है। इन्हें डेली ऑर्डर भी करते हैं। अंग्रेजों का मानना था कि घंटिया स्थिर रहे तो लंबे समय तक सत्ता रहती है। वो बात अलग है कि इस भवन के बनने के कुछ सालों में ही अंग्रेजों की सत्ता उखड़ गई।

410

दरबार हॉल या सिंहासन कक्ष 
राष्ट्रपति भवन में एक दरबार हॉल है, जिसे अंग्रेजों के समय सिंहासन कक्ष भी कहते थे। इस हॉल में 33 मीटर ऊंचाई पर झाड़फानूस लटकता रहता है, जिसका वजन करीब 2 टन है। इसी हॉल में राजकीय समारोह, पुरस्कार वितरण जैसे कार्यक्रम होते हैं। हॉल में लगी राष्ट्रपति की कुर्सी पर गुप्त काल से जुड़ी आशीर्वाद की मुद्रा वाली महात्मा बुद्ध की मूर्ति है। राष्ट्रपति की कुर्सी से अगर कोई लकीर खींची जाए तो वह दूसरे छोर पर स्थिति इंडिया गेट के बीचो-बीच जाकर मिलेगी।
 

510

भव्य है अशोक हॉल
राष्ट्रपति भवन का अशोक हॉल काफी भव्य है। यहां बड़े समारोह का आयोजन होता  है। इसकी छत पर ईरान साम्राज्य के सम्राट फतेह अली शाह की विशाल चित्रकारी है। जिनके चारों तरफ 22 राजकुमारों की शिकार करते हुए चित्र लगे हैं। 
 

610

500 कारीगरों ने बनाया कॉर्पेट
जानकारी के मुताबिक लेड विलिंगटन ने इटली के मशहूर चित्रकार Tomasso Colonnello से ये चित्रकारी बनवाई थी। अशोका हॉल में लगे कार्पेट को दो साल में बनाया गया था। इसे बनाने में 500 कारीगर लगे हुए थे।
 

710

चांदी का सिंहासन, ड्राइंग रूम भी है खास
राष्ट्रपति भवन में एक मार्बल हॉल है, जिसमें चांदी का सिंहासन है। इस हॉल में किंग जॉर्ज पंचम और महारानी मेरी की प्रतिमाएं हैं। इसके साथ ही पूर्व  के वायसराय और गवर्नर जनरल के चित्र लगाए गए हैं। वहीं, राष्ट्रपति भवन का नॉर्थ ड्राइंग रूम भी काफी खास है। यहां राष्ट्रपति दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करते हैं। इस हॉल में 104 लोगों के बैठने के लिए जगह है।

810

येलो और ग्रे ड्राइंग रूम
बता दें कि डाइनिंग हॉल पहले स्टेट डायनिंग हॉल के नाम से जाने जाते थे। बाद में इसका नाम बैंक्विट हॉल हो गया। इसके अलावा राष्टपति भवन में और भी ड्राइंग रूम हैं। जिसमें येलो ड्राइंग रूम का इस्तेमाल छोटे कार्यक्रमों के लिए होता है। जबकि ग्रे ड्राइंग रूम का इस्तेमाल अतिथियों के स्वागत के लिए।
 

910

सबसे आकर्षक है मुगल गार्डन
राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डेन सबसे आकर्षक है। यह 15 एकड़ में फैला हुआ है। इस गार्डेन में ब्रिटिश और इस्लामिक दोनों तरह की झलक दिखाई देती है। कहा जाता है कि जब एडविन लुटियंस जब इस गार्डन को बनाने जा रहे थे, तब उन्होंने कश्मीर के मुगल गार्डन, भारत और प्राचीन इरान के मध्यकाल के समय बने राजे रजवाड़ों के बागीचों का अध्ययन किया था।

1010

महान विभूतियों के नाम पर फूलों के नाम
मुगल गार्डन में 1928 में पेड़ लगाना शुरू हुआ था। कहा जाता है कि एक साल तक पेड़ लगाने का सिलसिला जारी था। इस गार्डन में लगे फूलों के नाम मदर टेरेसा, राजाराम मोहन राय, अब्राहम लिंकन, क्वीन ऐलिजा बेथ, जवाहर लाल नेहरू के अलावा महाभारत के अर्जुन और भीम समेत महान लोगों के नाम पर रखे गए हैं।

इसे भी पढ़ें
राजेंद्र प्रसाद से प्रणब मुखर्जी तक: जानिए रिटायरमेंट के बाद कहां रहे देश के राष्ट्रपति, कहां बनाया नया ठिकाना

जानिए कितनी पढ़ी लिखी हैं बीजेपी राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू, जीतीं तो होंगी सबसे कम उम्र की प्रेसीडेंट

Read more Photos on
Share this Photo Gallery
click me!

Latest Videos

Recommended Photos