दरोगा कौन होता है? दरोगा की पावर, सैलरी और सुविधाएं, पुलिसवाला बनने का ख्वाब देखने वाले जरूर पढ़ लें

करियर डेस्क. SP vs SI SP Power, Salary and Facilities: पुलिस और पुलिस की वर्दी को लेकर देश के लोगों में डर, सुरक्षा के साथ-साथ सम्मान की भावना भी होती है। परिवार के किसी सदस्य का पुलिस सेवा में होना रौब झाड़ने की बात हो जाता है। पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती है। पुलिस की वर्दी और नौकरी को लेकर युवाओं में एक अलग तरह का ही क्रेज होता है। वर्दी सभी को आकर्षित करती है। पर पुलिस में होने वाले पदों की अपनी एक अलग पहचान और भूमिका होती है। उनकी वर्दी और वर्दी पर लगने वाले स्टार उनके पद और पहचान को दर्शाते हैं। सैलरी भी पदों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित की गई है। सिपाही की सैलरी से लेकर एक आईपीएस ऑफिसर की सैलरी, उसके अनुभव और वेतन आयोग के आधार पर निर्भर की जाती है। इसलिए हम आपको आज पुलिस के दो सबसे ज्यादा चर्चित पदों के बारे में बता रहे हैं।

 

आइए जानते हैं- एसआई (SI) यानी सब इंस्पेक्टर (sub inspector) और एसपी (SP) यानी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस ((Superintendent of police) की क्या भूमिका होती है? कितनी सैलरी होती है? दोनों की वर्दियों में क्या अंतर है? 

Asianet News Hindi | Published : Aug 14, 2020 5:24 AM IST / Updated: Aug 15 2020, 10:01 AM IST

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दरोगा कौन होता है? दरोगा की  पावर, सैलरी और सुविधाएं, पुलिसवाला बनने का ख्वाब देखने वाले जरूर पढ़ लें

एक पुलिस अफसर का रुतबा देख कोई भी हक्का-बक्का रह जाता है। युवाओं को वर्दी और पुलिस की पावर हमेशा आकर्षित करती है।ष लड़कियां भी पुलिस अफसर बन देश और समाज की सेवा में योगदान देने को लगातार आगे बढ़ रही हैं। पुलिस की नौकरी में एसपी और एसआई के पदों को लेकर ज्यादा चर्चा रहती है लेकिन लोग इसमें कनफ्यूज भी हो जाते हैं। अकसर लोग SI और SP के मिले-जुले नाम के कारण भ्रमित हो जाते हैं। और दोनों को समान आंकने लगते हैं। पर दोनों के नाम के साथ-साथ काम भी अलग हैं।

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SP या SSP एक जिले का कप्तान होता है। जबकि SI किसी भी क्षेत्र की एक चौकी का इंचार्ज होता है। जिले में केवल एक SP हो सकता है जबकि SI बहुत सारे होते हैं। अनुभवी SP को SSP यानी सीनियर सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस बोलते हैं।
 

 

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योग्यता 

 

पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर को दरोगा अथवा उपनिरीक्षक कहा जाता है, सब इंस्पेक्टर या उपनिरीक्षक बननें के लिए आपको लिखित परीक्षा के साथ-साथ फिजिकल टेस्ट में भी उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है, लिखित और फिजिकल टेस्ट उत्तीर्ण  होनें के बाद आपको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। इसके लिए अलग-अलग राज्य में समय-समय पर भर्ती निकलती हैं। पुलिस विभाग में उपनिरीक्षक बननें के लिए आपको किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक होना अनिवार्य है। पुलिस अधिकारी पद पर जाने के लिए युवाओं को यूपीएससी परीक्षा देनी होती है, सफल होने पर कैंडिडेट IPS अधिकारी पद चुने तो उन्हें  वो पद मिल सकता है। एसपी पद प्रमोशन के बाद भी मिलने की संभावना रहती है।  

 

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वर्दी में अंतर 

 

सब इंस्पेक्टर- एएसआई के बाद उच्च पद होता है सब इंस्पेक्टर। सब इंस्पेक्टर की वर्दी पर एएसआई की तरह एक नीले और लाल रंग की स्ट्रिप लगी होती है, लेकिन एक स्टार के स्थान पर दो स्टार लगे होते हैं।

 

सुपरिंटेनडेंट ऑफ पुलिस- डीएसपी और एएसपी से उच्च पद एसपी होता है जो कि वर्दी पर एक अशोक स्तंभ और एक स्टार लगाते हैं। एसएसपी की बात करें तो उनकी वर्दी पर अशोत स्तम्भ, दो स्टार और कॉलर बैंड होता है। SP- रैंक वाले IPS अधिकारी स्टार / अशोक प्रतीक के नीचे IPS लोगो पहनते हैं और SP-रैंक वाले राज्य पुलिस सेवा अधिकारी स्टार / अशोक प्रतीक के नीचे राज्य पुलिस लोगो पहनते हैं।
 

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पावर

 

बड़े पद के साथ ही बड़ी जिम्मेदारिया भी आती हैं, हर जिले में एक IPS अधिकारी ही अधिकारियों के पुलिस अधीक्षक (SP) और पुलिस उपायुक्त (DSP) का प्रमुख होता है। इसके अलावा, क्षेत्र के पुलिस तंत्र में किसी भी प्रकार की खराबी को सुलझाना भी एक पुलिस आधिकारी के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का हिस्सा होता है।

 

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SP/IPS प्राथमिक पावर

 

पुलिस अफसर SP का प्राथमिक कर्तव्य यह सुनिश्चित करना है कि उनके अधिकार क्षेत्र में लोग सुरक्षित रहे और जिले में सारे अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करते रहे। सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं:

•अपराधों को रोकना
•दुर्घटनाओं को रोकना (सामाजिक, आर्थिक आदि)
•आपदा संचालन
•अपराधों की जांच
•प्राथमिक सूचना रिपोर्ट(FIR) के लिए पंजीकरण
•राजनीतिक / धार्मिक कार्यों के लिए अनुमति प्रदान करना

 

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SI के काम पावर

 

एसआई यह एक डेस्क जॉब नहीं है। उम्मीदवार पुलिस कांस्टेबल और अन्य कर्मचारियों की टीम का पर्यवेक्षण करेगा। स्थानीय यात्रा करना इस नौकरी का हिस्सा है। अपने अधिकार क्षेत्र में विधि और व्यवसथ बनाए रखना, अपराधों की जांच करना, अपराधियों को गिरफ्तार करना, लोगों और संपत्ति की अवैध कार्यों के जोखिमों से सुरक्षा करना। पुलिस स्टेशन में काम करने वाले स्टाफ का नियंत्रण करना। पुलिस कांस्टेबलों और अपने अंतर्गत काम करने वाले अन्य स्टाफ को ड्यूटी अलॉट करना।

 

पुलिस सेवा में घर से काम करने का विकल्प उपलब्ध नहीं है।  सब इंस्पेक्टर, पुलिस से जो काम करने की उम्मीद की जाती है उनमें शामिल हैं: अपने इलाके के लोगों और समस्याओं से परिचित होना। कुख्यात और बदनाम लोगों के रिकोर्ड को पढ़ना और उनकी गतिविधियों पर नज़र रखना।

 

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ऑफिशियल और निजी स्रोतों से इंटेलिजेंस रिपोर्ट और अन्य जानकारी प्राप्त करना और कदम उठाना या फिर उसकी जिम्मेदारी उचित अधिकरियों को देना। गश्त को सुपरवाइज़ करना और संतरियों की ड्यूटी की जाँच करना। जहाँ भी हो सके अपराध को रोकने एक लिए कदम उठाना। पुलिस स्टेशन में लॉज की गयी FIR और शिकायतों की जाँच करना, परिस्थितियों की जाँच करना और चेतावनी देना या गिरफ्तार करने जैसे उपयुक्त कदम उठाना आदि। 

 

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सैलरी-

 

सैलरी पदों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित होती है। अगर नए कॉन्स्टेबल की बात करें तो वेतन 25 से 26 हजार तक होता है। नए दरोगा की थोड़ी ज्यादा होती है। वेतन 35 हजार करीब होता है। 

 

अब बात करते हैं एसपी की, इनकी भी सैलरी पदों के अनुसार अलग-अलग तय होती है। इनकी शुरुआती सैलरी 60 से 65 हजार होती है जबकि प्रमोशन होने के बाद एक से डेढ़ लाख तक सेलरी होती है। 

 

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सुविधाएं

 

पुलिस सेवा में बड़े अधिकारियों को कार्यालय, आवास, मेडिकल, छुट्टी आदि की सुविधाएं मिलती हैं। अधिकांश जिलो में SP आवास बंगले काफी बड़े होते हैं और इनके रखरखाव/Maintenance के लिए बहुत से नौकर भी सरकार प्रदान करती है। इनमें माली, सफाई कर्मी इत्यादि होते हैं। पुलिस अफसरों को आधिकारिक वाहन शुरुवाती तौर पर jeep प्रदान की जाती है परन्तु प्रमोशन के साथ कार भी मिल जाती है। वाहन का driver भी सरकार ही तैनात करती है। मेडिकल बेनिफिट्स के साथ घरेलू नौकर आदि की सुविधाएं भी मिलती हैं। 

 

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