कबाड़ भी बड़े काम आता है। कैसे? पुणे की रहने वालीं 28 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल पूजा आप्टे बादामीकर से सीखिए! ये बस, ट्रक, हवाई जहाज आदि के फटे-पुराने टायरों से डिजाइनर फुटवियर बनाती हैं। आज इनका सालाना टर्न ओवर 7 लाख रुपए को पार कर चुका है। ये हर महीने 200 पीस फुटवियर बनाती हैं। इनका यह इनोवेशन न सिर्फ करियर में एक मील का पत्थर साबित हुआ, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ताज्जुब होगा कि पुणे यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक एंड टेलीकॉम इंजीनियरिंग करने के बाद 4 साल तक जॉब करने वालीं पूजा को यह आइडिया अफ्रीकी देश की एक आदिवासी जाति के हुनर को देखकर आया। यह जनजाति टायरों को काटकर अपने लिए जूते-चप्पल बनाती है। इसे देखकर पूजा ने टायर स्क्रैब को अप साइकिलिंग(क्रियेटिव) और रिसाइकिलिंग करके फुटवियर बनाने की सोची। पढ़िए आगे की कहानी...