पिता द्वारा खरीदी गई जमीन दबंगों ने कर लिया कब्जा, फिर आया ऐसा जज्बा पति-पत्नी दोनों बन गए IPS
करियर डेस्क. किसी ने सच ही कहा है अगर जिंदगी में कुछ पाने के लिए पूरी ईमानदारी से कोशिश की जाए तो मंजिल मिल ही जाती है। सफलता के लिए सिर्फ जरूरी है जोश व लगन। व्यक्ति अपनी मेहनत और जोश के दम पर बड़ा से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। आज कल अक्सर देखा जा रहा है कि कॉम्पटेटिव एग्जाम्स की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स अक्सर एक या दो बार असफल होने के बाद नर्वस हो जाते हैं। वह अपना संतुलन खो बैठते हैं उन्हें ये लगने लगता है कि अगर वह सफल न हुए तो जिंदगी में क्या कर सकेंगे। उन्हें आगे का रास्ता नहीं सूझता है। आज हम आपको 2017 बैच के IPS अनिरुद्ध कुमार की कहानी बताने जा रहे हैं। इनकी जिंदगी में हुई एक घटना ने इनका जीवन बदल दिया।
अनिरुद्ध कुमार मूलतः बिहार के जहानाबाद जिले के रहने वाले हैं। जहानाबाद कभी बुरी तरह से नक्सलप्रभावित हुआ करता था। यहां नक्सलियों द्वारा नरसंहार आम बात थी। अनिरुद्ध के परिवार को भी इस बात का डर लगा रहता था। अनिरुद्ध की शुरुआती शिक्षा जहानाबाद से ही हुई।
अनिरुद्ध के पिता को कानपुर रेलवे में ठेके का एक काम मिल गया। जिसके बाद वो परिवार समेत कानपुर आ गए। आगे की पढ़ाई अनिरुद्ध ने कानपुर से पूरा किया। अनिरुद्ध शुरू से पढ़ने में काफी तेज थे। वह भी MBA करने के बाद किसी मल्टीनेशनल कम्पनी में नौकरी करना चाहते थे।
अनिरुद्ध के पिता ने एक-एक पैसा जोड़कर कानपुर में एक जमीन खरीदी थी। उस जमीन पर कुछ दबंगो ने कब्जा करना शुरू किया। शुरुआत में वह थाने गए लेकिन वहां से कोई मदद नहीं मिली। जिसके बाद उन्होंने मामले में जिले के SP से मदद की गुहार लगाई। उस समय अनिरुद्ध भी पिता के साथ थे। SP के एक फोन करते ही उसी थानेदार ने उनकी जमीन खाली कराई जिसने मदद से इंकार कर दिया था।
उस दिन से अनिरुद्ध ने ठान लिया कि उन्हें UPSC क्रैक करके IPS ही बनना है। वह UPSC की तैयारी में जी जान से जुट गए। तैयारी के दौरान अनिरुद्ध ने कई एग्जाम दिए। उनका चयन वाणिज्य कर अधिकारी , असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्य कर ,और पुलिस उपाधीक्षक के पद पर भी हुआ। लेकिन मन में कसक थी कि हमें IPS ही बनना है।
उसी दौरान उनके शादी आरती सिंह से हुई वह ब्लॉक डेवलपमेंट आफीसर (BDO) के पद पर कार्यरत थीं। आरती से शादी के बाद अनिरुद्ध को एक ऐसा साथी मिला जो उनका सपना पूरा करने में उनकी मदद कर सकता था। आरती भी UPSC क्लियर चाहती थीं।
इसके पति-पत्नी दोनों ने एक दूसरे के सपने को पूरा करने में एक दूसरे का साथ दिया। दोनों लोगों ने जमकर मेहनत की। साल 2016 में UPSC का एग्जाम दिया। दोनों ने UPSC क्रैक कर लिया। लेकिन अनिरुद्ध की रैंक कम अच्छी थी। इसलिए उन्हें IPS कैडर नहीं मिला।
लेकिन अनिरुद्ध ने हार नहीं मानी। उन्होंने अगले साल फिर से तैयारी की। इस बार उनका सपना पूरा हो गया था। उन्हें आल इंडिया में 146वीं रैंक मिली। यही नहीं इस साल वह हिंदी मीडियम में टॉपर रहे।