कोरोनाकाल ने कइयों की जिंदगी बेपटरी कर दी। सैकड़ों लोग निराश हुए। कुछेक ने सुसाइड तक करने की सोची, लेकिन इन सबके बीच ऐसे लोग भी मिसाल बनकर सामने आए, जिन्होंने संघर्ष नहीं छोड़ा और अपना खुद का रोजगार खड़ा कर दिया। गुजरात के सूरत की रहने वाली किन्नर राजवी जान इन्हीं लोगों में शामिल हैं। लॉकडाउन में इन्हें कर्ज लेकर काम चलाना पड़ा। पहले ये पेट्स का काम करती थीं। लेकिन जब वो काम बंद हुआ, तो निराश हो उठीं। एक-दो सुसाइड का मन भी हुआ। फिर सोचा कि बिना लड़े क्यों हारा जाए? उन्होंने राजवी नमकीन नाम से अपनी शॉप खोली। आज ये रोज करीब 2000 रुपए कमा रही हैं।