एंटरटेनमेंट डेस्ट. बॉबी देओल ( Bobby Deol) की फिल्म करीब (Kareeb) की रिलीज को 24 साल पूरे हो गए है। फिल्म 17 जुलाई 1998 को रिलीज हुई थी। विधु विनोद चोपड़ा की इस फिल्म से शबाना रजा (Shabana Raza) ने बॉलीवुड में कदम रखा था। हालांकि, फिल्मों के लिए उन्हें अपना नाम बदलकर नेहा (Neha) रखना पड़ा था, जिसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी। वैसे, आपको बता दें कि नेहा कहां है और क्या कर रही है, इसके बारे में कम ही लोग जानते है। हां, लोग इतना जरूर जानते है कि वे मनोज वायपेजी ( Manoj Bajpayee) की पत्नी और एक बेटी की मां है। नेहा का फिल्मी सफर बहुत ही छोटा रहा है और महज 9 फिल्मों में काम करने के बाद उन्होंने अचानक ही एक्टिंग की दुनिया से दूरी बना ली। 13 साल से बॉलीवुड इंडस्ट्री से गायब नेहा को तो अब पहचान पाना भी मुश्किल होता है। नीचे पढ़ें नेहा से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें और किस मजबूरी के चलते उन्हें अपना नाम बदलना पड़ा था...
एक्टिंग का शौक रखने वाली शबाना रजा उर्फ नेहा ने बॉलीवुड में किस्मत आजमाने की सोची और उन्हें फिल्म करीब से सिल्वर स्क्रीन पर चमकने का मौका। उनकी पहली फिल्म करीब को अच्छा रिस्पॉन्स मिला।
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आपको बता दें कि विधु विनोद चोपड़ा अपनी फिल्म करीब के लिए एक नई हीरोइन की तलाश में थे और उनकी तलाश नेहा पर जाकर खत्म हुई। नेहा का यूं तो असली नाम शबाना रजा लेकिन डायरेक्टर -प्रोड्यूसर के कहने पर उन्हें मजबूरी में अपना नाम बदलना पड़ा।
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इस फिल्म के बाद नेहा होगी प्यार की जीत, फिजा, एहसास, राहुल, मुस्कान, कोई मेरे दिल से पूछे, आत्मा, एसिड फैक्टरी जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन वे अपनी पहचान नहीं बना पाई।
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आपको बता दें कि फिल्म करीब के रिलीज के बाद नेहा की मुलाकात मनोज वाजपेयी हुई। दरअसल, मनोज की सत्या भी करीब के दौरान ही रिलीज हुई थी। दोनों की पहली मुलाकात इसी दौरान हुई और दोनों जल्द ही दोस्त भी बन गए।
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धीरे-धीरे नेहा और मनोज वाजपेयी का मिलना-जुलना शुरू हुआ और दोस्ती प्यार में बदल गई। कुछ साल डेटिंग के बाद कपल ने शादी करने का फैसला किया। 2006 में दोनों ने शादी कर ली। बता दें कि मनोज पहले से तलाकशुदा थे।
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2008 में एक इंटरव्यू में नेहा ने अपने नाम को लेकर बात की थी। उन्होंने बताया था बॉलीवुड में कदम रखते ही उन्हें अपना नाम बदलकर नेहा रखने को मजबूर किया गया था। उन्होंने कहा था- मैं नेहा नहीं बनना चाहती थी। मेरा हमेशा से ही शबाना थी और यहीं नाम मुझे पसंद था। लेकिन मुझे नाम चेंज करने के लिए मजबूर किया गया।
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उन्होंने इंटरव्यू में बताया था- जब मैं अपने असली नाम पर वापस लौटना चाहती थी तो किसी ने मेरी कोई बात नहीं सुनी। कोई भी मेरी बात मानने को तैयार तक नहीं था। उन्होंने कहा था- मेरे घरवालों ने बहुत ही प्यार से मेरा नाम शबाना रखा था और मुझे यहीं नाम पसंद था।