दिल्ली में AAP नहीं ब्रांड केजरीवाल, BJP को हराने के लिए इस अनुभवी शख्स ने रचा है चक्रव्यूह
नई दिल्ली. राजधानी में विधानसभा चुनाव 2020 के लिए सत्ताधीन पार्टी आम आदमी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार चर्चा में हैं। चुनावी घोषणापत्र के साथ केजरीवाल सरकार ने केजरीवाल 10 गारंटी कार्ड जारी किया है। इस कार्ड में दिल्ली का जनता के लिए 10 वादें किए हैं। इसमें दिल्ली में छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा, मोहल्ला क्लिनिक परिनियोजन और महिला सुरक्षा की गारंटी दी गई है।
Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2020 11:06 AM IST / Updated: Jan 26 2020, 03:43 PM IST
आम आदमी पार्टी का कहना है कि अगर वह दोबारा सत्ता में आती है तो ये सभी वादें पूरे किए जाएंगे। AAP नेता और कार्यकर्ता राजधानी में मतदाताओं को लुभाने के लिए एक डोर टू डोर कैंपेन भी चला रहे हैं जिसमें जनता को ये "गारंटी कार्ड" बांटा जाएगा।
प्रशांत किशोर इस समय केजरीवाल के सलाहकार हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में जनता को लुभाने के लिए गारंटी कार्ड का आइडिया किशोर का ही है। इससे पहले वो बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को सुशासन बाबू का तमगा दिला चुके हैं और वहीं पंजाब में अमरिंदर सिंह के चुनावी लड़ाई में भी ऐसे ही गारंटी कार्ड के आइडिए को उन्होंने भुनाया था।
आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 पूरी तरह सीएम केजरीवाल के नाम पर लड़ रही है। पार्टी ने केजरीवाल को एक ब्रैंड के तौर पर स्थापित कर दिया। इस कार्ड के जारी होने से संकेत मिलता है कि दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल के रणनीतिकारों ने AAP के बजाय ब्रांड केजरीवाल पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। इसका एक फायदा यह है कि केजरीवाल का जनता से सीधे संवाद हो जाएगा।
एक और बात यह है कि केजरीवाल खुद पर आरोप लगाकर जनता से उसे जवाबदेह ठहराने की अपील कर रहे हैं। आप द्वारा ब्रांड केजरीवाल पर ध्यान केंद्रित करने और भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा न होने की कमी के कारण AAP प्रमुख दिल्ली की जनता को पूरी तरह खुद पर केंद्रित किए हुए हैं।
प्रशांत किशोर ने गारंटी कार्ड आइडिया का पहला परीक्षण 2015 में किया जब जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया। तब “नीतीश के सात निश्चय” (नीतीश कुमार के सात संकल्पों) के नाम से एक गारंटी कार्ड लाया गया था। इससे नीतिश कुमार को सुशासन बाबू का तमगा मिला।
फिर 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान यही कॉन्सेप्ट "कैप्टन डे नौ नुक्ते" (कैप्टन के नौ समाधान) के रुप में इस्तेमाल में लाया गया। अमरिंदर सिंह सत्ताधीन पार्टी अकाली दल और भाजपा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। 2019 में एक बार फिर जब वाईएसआरसीपी प्रमुख जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को ले रहे थे, रेड्डी ने अपने "जगन्नाथ नवरत्नलु" (बड़े भाई पवन के नौ रत्न) जारी किए थे। इसमें नौ संकल्पों को जनता को भरोसा दिलाने के लिए नौ संकल्पों की बात की गई।
प्रशांत किशोर जो अब केजरीवाल को सलाह दे रहे हैं इन तीनों अभियानों में रणनीतिकार थे। केजरीवाल के गारंटी कार्ड पर किशोर के फिंगरप्रिंट्स मौजूद हैं। वो पर्दे के पीछे से दिल्ली सीएम को ब्रांड बना रहे हैं।