कोरोना सामान्य फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है, इस मैसेज को वायरल कर बोला जा रहा बड़ा झूठ

नई दिल्ली. कोविड 19 के दौरान सोशल मीडिया पर कुछ सच्ची तो कुछ फेक खबरें वायरल हुईं। अब केस कुछ कम होने लगे हैं। लेकिन कोरोना को लेकर फेक न्यूज अब भी वायरल हो रही हैं। ताजा उदाहरण एक न्यूज क्लिप का है। सोशल मीडिया पर एक न्यूज क्लिप वायरल हो रही है, जिसके मुताबिक, नार्वे ने कोविड 19 को फिर से क्लासिफाइड किया है, जिसमें कहा गया है कि कोरोना ऑर्डर्नी फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है। सोशल मीडिया पर न्यूज क्लिप को तेजी से वायरल किया जा रहा है। लोग इसे देखकर कई तरह से कमेंट्स कर रहे हैं। लेकिन इससे एक और खतरा पैदा होता है कि इस क्लिप के जरिए लोग कोरोना को हल्के में लेने लगेंगे। जबकि अभी भी सावधानी बरतने की जरूरत है। तो ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर इस वायरल खबर का सच क्या है। क्या कोविड एक सामान्य फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है...?

Asianet News Hindi | Published : Oct 4, 2021 10:21 AM IST / Updated: Oct 04 2021, 06:25 PM IST

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कोरोना सामान्य फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है, इस मैसेज को वायरल कर बोला जा रहा बड़ा झूठ

वायरल क्लिप में क्या है?
सोशल मीडिया पर वायरल क्लिप में बताया गया है कि नॉर्वे ने कोविड -19 को दोबारा क्लासिफाईड यानी वर्गीकृत किया है। इसके मुताबिक ये सामान्य फ्लू से अधिक खतरनाक नहीं है। कई लोग इस पोस्ट के साथ थम्सअप का साइन बनाकर कह रहे हैं गो नार्वे। 

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वायरल न्यूज सही या गलत?
वायरल न्यूज की पड़ताल करने पर पाया गया कि नॉर्व में कोरोना के केस कब हो चुके हैं। ऐसे में यहां सारे प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। हालांकि कोविड को फिर से वर्गीकृत नहीं किया गया है। ये भी नहीं कहा गया है कि ये सामान्य फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि फिर वायरल क्लिप का सच क्या है। 

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इसके लिए गूगल पर नॉर्व और कोरोना से जुड़े कुछ कीवर्ड डाले गए। ऐसे में 23 सितंबर की एक रिपोर्ट मिली, जो फ्री वेस्ट मीडिया पर पब्लिश की गई थी। ये वही रिपोर्ट थी, जिसकी क्लिप वायरल की जा रही है।

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आर्टिकल में नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ (NIPH) के एक सीनियर अधिकारी के हवाले से एक स्टेटमेंट दिया गया है। इस आर्टिकल के मुताबिक, अब हम कोरोना के एक नए स्टेज में हैं, जहां हमें कोरोनो वायरस को मौसमी बदलाव के साथ कई सांस से जुड़े रोगों में से एक के रूप में देखना चाहिए।

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इस खोज के दौरान अमेरिका के वीकली न्यूज पेपर न्यूजवीक का भी एक आर्टिकल मिला, जिसमें इस वायरल दावे का सच बताया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, ये फेक है कि नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ ने दावा किया है कि कोविड सामान्य फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है।  

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निष्कर्ष
वायरल न्यूज क्लिप की पड़ताल करने पर पता चला कि नॉर्वे सरकार ने 26 सितंबर को कोविड प्रतिबंध हटा लिए थे। लेकिन उन्होंने कभी भी कोविड को दोबारा से वर्गीकृत नहीं किया। उन्होंने कभी नहीं कहा कि ये सामान्य फ्लू से ज्यादा खतरनाक नहीं है।

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