हरियाणा: इन 5 सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस नहीं INLD-JJP के दिग्गजों की प्रतिष्ठा है दांव पर
हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बीजेपी के बीच जहां घमासान छिड़ा हुआ है। वहीं इनेलो और जेजेपी के भी कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर है। हरियाणा के इन 5 राज्यों में इनेलो और जेजेपी नेताओं की पार्टी और परिवार की साख दांव पर लगी है। बीजेपी जहां राज्य में बहुमत का दंभ भर रही है वहीं इन पार्टियों के नेताओं ने भी लड़ने के लिए कमर कस ली है।
Asianet News Hindi | Published : Oct 14, 2019 5:28 AM IST / Updated: Oct 14 2019, 11:08 AM IST
1) जींद: पिता से बगावत कर मैदान में बेटा- हरियाणा के जींद जिले की उचाना कलां विधानसभा सीट राजनीतिक तौर पर काफी हाईप्रोफाइल सीट मानी जाती है। इंडियन नेशनल लोकदल से बगावत कर अलग पार्टी बनाने वाले अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत चौटाला जेजेपी से चुनावी ताल ठोक रहे हैं। जबकि बीजेपी ने मौजूदा विधायक प्रेम लता पर एक बार फिर भरोसा जताया है, जो राज्यसभा सदस्य चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी है। वहीं, कांग्रेस से बलराम कटवाल मैदान में उतारकर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में उचाना कलां सीट से बीजेपी की प्रेमलता 79674 वोट हासिल कर विधायक चुनी गई थीं। जबकि दूसरे नंबर पर रहे इनेलो के दुष्यंत चौटाला को 72194 वोट मिले और तीसरे नंबर पर बसपा के रणधीर रहे थे। इस तरह से एक बार फिर दुष्यंत और प्रेम लता के बीच सियासी मुकाबला होता नजर आ रहा है।
2) ऐलानाबाद: वजूद बचाने की चुनौती- हरियाणा में की सियासत में सिरसा जिले की ऐलनाबाद विधानसभा सीट चौटाला परिवार की परंपरागत सीट मानी जाती है। ओम प्रकाश चौटाला की राजनीतिक विरासत संभाल रहे उनके छोटे बेटे अभय चौटाला एक बार फिर से ऐलनाबाद सीट से अपना दुर्ग बचाने उतरे हैं। जबकि बीजेपी ने पवन बेनीवाल को उतारा तो जेजेपी ने ओपी सिहाग पर दांव लगाकर चौटाला के सामने बड़ी चुनौती पेश कर दी है। बता दें कि 2014 विधानसभा चुनाव में ऐलनाबाद सीट से इनेलो के अभय सिंह चौटाला ने 69162 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। जबकि नंबर पर रहे बीजेपी के पवन बेनीवाल को 57,623 वोट मिले और तीसरे नंबर पर कांग्रेस के रमेश थे। ऐसे में देखना होगा कि इस बार बदले हुए राजनीतिक समीकरण में अभय चौटाला अपनी परंपरागत सीट बचा पाएंगे।
3) डबवाली सीट: चौटाला के घर में बीजेपी की सेंध- सिरसा जिले की डबवाली विधानसभा सीट चौटाला परिवार की परंपरागत सीटों में गिनी जाती है. देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल कुनबे की बहू और दुष्यंत चौटाला की मां नैना चौटाला विधायक हैं, लेकिन इस बार उन्होंने यह सीट छोड़ दिया है। बीजेपी ने डबवाली विधानसभा सीट से पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पौते आदित्य चौटाला को टिकट देकर इनेलो और जेजेपी दोनों पार्टियों की चिंता बढ़ा दी है। वहीं, कांग्रेस ने अमित सिहाग पर दांव लगाया है तो जेजेपी ने वरिष्ठ नेता सरबजीत सिंह मसिता को उतारा है। जबकि इनेलो ने डॉ. सीताराम पर भरोसा जताया है। बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव मे डबवाली सीट से इनेलो के नैना चौटाला ने 68029 वोट हासिल करके जीत दर्ज की थी। जबकि, दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के कमलवीर सिंह को 59484 वोट और तीसरे नंबर पर बीजेपी के देव कुमार शर्मा रहे थे।
4) बाढ़डा: दिग्गजों की जंग- नैना चौटाला ने इस बार मौजूदा सियासी समीकरणों के चलते अपना विधानसभा क्षेत्र बदला है। इस बार के विधानसभा चुनाव जेजेपी नेता नैना चौटाला डबवाली सीट के बजाय बाढ़डा क्षेत्र से किस्मत आजमा रही हैं। जबकि कांग्रेस ने नैना चौटाला को घेरने के लिए विधानसभा चुनाव में देश के पूर्व रक्षा मंत्री और हरियाणा के सीएम रहे बंसीलाल के बेटे रणबीर महेंद्रा को उतारकर उनके खिलाफ जबरदस्त घेराबंदी की है। रणबीर महेंद्र पहले भी मुंडल विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। रणबीर सिंह महेंद्र वर्ष 2004 से 2005 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष भी रहे चुक हैं।
5) यमुनानगर: क्या जीत पाएंगे INLD चीफ के समधी- प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री देने वाली यमुनानगर विधानसभा सीट पर चुनावी माहौल पूरी तरह गर्माया हुआ है। इनेलो की कमान संभाल रहे अभय चौटला के समधी पूर्व विधायक दिलबाग सिंह किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि बीजेपी ने घनश्याम गुप्ता तो कांग्रेस ने प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा की नजदीकी निर्मल चौहान पर दांव लगाया है, वही, इलेनों ने शैलेष त्यागी को उतारा है। अब तक राजनीतिक परिदृश्य की बात की जाए तो वर्ष- 1967 से लेकर वर्ष 2014 तक 13 चुनाव में छह बार कांग्रेस, पांच बार भाजपा व जनसंघ, दो बार इनेलो और एक बार जनता पार्टी जीती, हरियाणा की पहली विधानसभा अध्यक्ष शन्नो देवी यहां से चुनाव हार गई थी। इनेलो से प्रत्याशी दिलबाग सिंह पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे अभय सिंह के समधी हैं। इनके सामने भाजपा के वरिष्ठ नेता व विधानसभा पेटीशन कमेटी के अध्यक्ष घनश्याम दास अरोड़ा हैं। दोनों कद्दावर नेता हैं। इनके अलावा कांग्रेस से निर्मल चौहान, बसपा से योगेश कांबोज, जेजेपी से शैलेश सहित अन्य उम्मीदवार भी एडी से चोटी तक जोर लगा रहे हैं।